अगले 5 दिन युगांडा-मोजाम्बिक की यात्रा पर होंगे विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, जानिए क्यों मानी जा रही बेहद अहम
External Affair Minister S Jaishankar Visit: यात्रा के पहले चरण में विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर युगांडा के विदेश मंत्री जनरल जे.जे. ओडोंगो सहित देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करने वाले हैं. इस दौरान वे जिंजा में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के ट्रांजिट कैम्पस का भी उद्घाटन करेंगे.
External Affair Minister S Jaishankar Visit: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर आज यानी कि 10 अप्रैल 2023 से युगांडा और मोजाम्बिक की 6 दिवसीय यात्रा पर रहने वाले हैं. यात्रा के पहले चरण में विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर युगांडा के विदेश मंत्री जनरल जे.जे. ओडोंगो सहित देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करने वाले हैं. इस दौरान वे जिंजा में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के ट्रांजिट कैम्पस का भी उद्घाटन करेंगे. बता दें कि इस विश्वविद्यालय का भारत से बाहर पहला परिसर स्थापित करने संबंधी सहमति पत्र पर दोनों देशों के बीच हस्ताक्षर होने की संभावना भी है. महज इतना ही नहीं डॉ. एस. जयशंकर युगांडा में सौर ऊर्जा वाली जलापूर्ति परियोजना समारोह में भी शामिल होंगे. वे युगांडा में व्यापार और उद्योग जगत से जुड़ी हस्तियों को भी संबोधित करेंगे और भारतवंशियों से बातचीत करेंगे.
6 दिन तक विदेश यात्रा
बता दें कि पहले युगांडा और उसके बाद 13 से 15 अप्रैल तक डॉ. जयशंकर मोजाम्बिक की यात्रा पर रहेंगे. किसी भी भारतीय विदेश मंत्री की ये पहली मोजाम्बिक की यात्रा होगी. इस दौरान डॉ. जयशंकर मोजाम्बिक के शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात करेंगे.
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वे संयुक्त आयोग के 5वें सत्र में मोजाम्बिक की विदेश मंत्री वेरोनिका मैकामो के साथ बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर कई मंत्रियों और मोजाम्बिक की संसद के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे. युगांडा और मोजाम्बिक की यात्राओं से इन दोनों देशों के साथ भारत के मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत होने की उम्मीद है.
इन कारणों से ये यात्रा बेहद अहम
विशेषज्ञों का मानना है कि विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की युगांडा और मोजाम्बिक की यात्रा अफ्रीकी नेशनल आउटरीच के तहत बहुत अहम यात्रा है. इनमें से मोजाम्बिक की यात्रा पहली ऐसी यात्रा है जो किसी भारतीय विदेश मंत्री द्वारा की जा रही है. यहां पर अहम बात ये है कि नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) जो गांधीनगर में स्थित है, उसके ट्रांजिट कैम्पस का उद्घाटन विदेश मंत्री द्वारा किया जाना है.
फॉरेंसिक साइंस के ऊपर ज्यादा फोकस
वहीं जिंजा में 130 करोड़ एकड़ की जमीन को भी चिन्हित किया गया है जिसमें NFSU का एक परमानेंट कैम्पस खोले जाने की बात कही जा रही है. फिलहाल, इस पर भी बातचीत जारी है. ऐसे में NFSU के पहले ओवरसीज कैम्पस पर भी एमओयू साइन होने की संभावना है. देखा जाए तो यहां फोरेंसिक साइंस के ऊपर ज्यादा फोकस किया जा रहा है. इससे पहले भी युगांडा से डिफेंस डेलिगेशन गांधीनगर स्थित NFSU आ चुका है.
कुछ अहम सेक्टर्स जहां भारत कर रहा सपोर्ट
बता दें कि पीएम मोदी जब 2018 में युगांडा की यात्रा पर गए थे तो उन्होंने इलेक्ट्रिसिटी, सब-स्टेशन और उसके साथ एग्रीकल्चर, डेयरी प्रोडक्ट्स पर सपोर्ट के बारे में बातचीत की थी. ऐसे में ये कुछ अहम सेक्टर्स है जहां भारत युगांडा को सपोर्ट कर रहा है.
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर युगांडा स्थित सोलर पावर वाटर सप्लाइड प्रोजेक्ट के ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में भी शामिल होंगे. यहां ये जानना जरूरी है कि युगांडा में प्रतिदिन तकरीबन 8 घंटे की सोलर एनर्जी की उपलब्धता है लेकिन अभी तक इस क्षमता का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो पा रहा था. ऐसे में युगांडा की इस क्षमता का सही इस्तेमाल कैसे किया जाए इस बात पर भी चर्चा हो सकती है.
बिजनेस कम्युनिटी से सम्पर्क को लेकर
अभी तक यह देखने में आया है कि विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की विदेश यात्राओं के दौरान उनकी ये कोशिश हमेशा रहती है कि वे वहां की बिजनेस कम्युनिटी के साथ संपर्क जरूर स्थापित करें. ऐसे में इस यात्रा का ये भी एक अहम हिस्सा रह सकता है. ग्रीन एनर्जी को लेकर भारत सरकार का बहुत ज्यादा फोकस रहा है. ऐसे में भारत सरकार द्वारा इस दिशा में लगातार प्रोत्साहन भी प्रदान किया जा रहा है.
(PBNS के इनपुट के साथ)