पाकिस्तान आर्थिक संकट से उभर नहीं पा रहा है. यहां की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे गर्त में समा रही है. पाकिस्तान की इमरान खान सरकार इस संकट से बाहर निकलने के लिए  अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से लगातार संपर्क कर रही है.

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आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट आने के संकेत हैं. एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने व्यापक आर्थिक चुनौतियों का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान की विकास दर वित्त वर्ष 2018 में 5.2 प्रतिशत से गिरकर 2019 में 3.9 फीसदी पर आ जाने का अनुमान है. एशियाई विकास परिदृश्य 2019 के अनुसार, कृत्रि क्षेत्र में सुधार के बावजूद 2018 में पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर धीमी पड़ी है.

बाहरी वित्तपोषण की जरूरत

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की विस्तारवादी राजकोषीय नीति ने बजट और चालू खाते के घाटे को व्यापक रूप से बढ़ाया और विदेशी मुद्रा का भारी नुकसान किया है.

एडीबी ने कहा कि जब तक वृहद आर्थिक असंतुलन को कम नहीं किया जाता है तब तक वृद्धि के लिए परिदृश्य धीमा बना रहेगा, ऊंची मुद्रास्फीति रहेगी, मुद्रा पर दबाव बना रहेगा. उसे थोड़ा बहुत विदेशी मुद्रा भंडार भी बनाये रखने के लिए भारी मात्रा में बाहरी वित्तपोषण की जरूरत होगी.

जीडीपी 3.9 प्रतिशत रहने का अनुमान

पाकिस्तान की जीडीपी वृद्धि दर 2019 में गिरकर 3.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है क्योंकि, पाकिस्तान के सामने अब भी विशाल आर्थिक चुनौतियों खड़ी हैं. एडीबी ने कहा कि 2020 में भी राजकोषीय मजबूती और अनुशासन जारी रहने की वजह से उसकी आर्थिक वृद्धि दर गिरकर 3.6 प्रतिशत रह जायेगी. अपनी भारी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिये पाकिस्तान सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ एक वृहदआर्थिक स्थिरीकरण कार्यक्रम पर बातचीत कर रही है.