कंगाल पाकिस्तान की इकोनॉमी को 'गधों' का सहारा, क्या अब ऐसे दूर होगी देश की गरीबी?
Pakistan Economy: पाकिस्तान में पशुधन पर जारी नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के दौरान देश में गधों की संख्या 1.72 प्रतिशत बढ़कर 59 लाख हो गयी है. 2022-23 में गधों की संख्या 58 लाख थी, जबकि 2023-24 में ये बढ़कर 59 लाख हो गई है.
Pakistan Economy: पाकिस्तान की इकोनॉमी की हालत के बारे में तो पूरी दुनिया जानती है. महंगाई ने आम लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. पाकिस्तान में पशुधन पर जारी नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के दौरान देश में गधों की संख्या 1.72 प्रतिशत बढ़कर 59 लाख हो गयी है. पाकिस्तान का आर्थिक सर्वेक्षण (PES) 2023-24 जारी किया गया है, जिसमें मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में प्रमुख आर्थिक उपलब्धियों पर बात की गई.
लाखों में है गधों की संख्या
इस सर्वेक्षण में दिखाया गया है कि देश में गधों की संख्या बढ़ रही है. PES में जारी आंकड़ों से पता चलता है कि, बोझ ढोने वाले जानवरों की संख्या 2019-2020 में 55 लाख थी. ये संख्या 2020-21 में 56 लाख, 2021-22 में 57 लाख और 2022-23 में 58 लाख थी, जबकि 2023-24 में ये बढ़कर 59 लाख हो गई है. इसमें कहा गया है कि, घोड़े और खच्चरों की संख्या में पिछले पांच सालों में कोई खास बदलाव नहीं आया है और ये क्रमशः चार लाख और दो लाख है.
गधे के सहारे अर्थव्यवस्था
गधे कई पाकिस्तानियों की आखिरी उम्मीद हैं, खास करके उन लोगों के लिए जो ग्रामीण इलाकों में रहते हैं. ग्रामीण इलाकों में अर्थव्यवस्था इन जानवरों के साथ जुड़ी हुई है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब द्वारा जारी किए गए इस सर्वेक्षण में अन्य लाइवस्टॉक का भी ब्यौरा दिया गया है.
ऊंटों की संख्या में भी बढ़ोतरी
देश में ऊंटों की संख्या जो पिछले चार सालों से स्थिर थी, अब बढ़ गई है. इनकी संख्या पिछले फाइनेंशियल ईयर के दौरान 11 लाख से बढ़कर 12 लाख हो गई है. पशुपालन पाकिस्तान की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. 80 लाख से अधिक ग्रामीण परिवार लाइवस्टॉक प्रोडक्शन में लगे हुए हैं.