वैक्सीन (Vaccine) आने वाली है. महामारी (epidemic) जाने वाली है. देश को अच्छी खबर का इंतजार है. लेकिन, करीब आती इस अच्छी खबर के साथ कई सवाल मन में हैं. करोड़ों की नजरें सिर्फ इस बात पर टिकी हैं कि उन्हें टीका कब लगेगा? कितने में लगेगा? क्या टीका लगने के बाद कोरोना नहीं होगा? क्या वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित (Most secured vaccine) और असरदार रहेगी? इंतजार की इन घड़ियों के बीच ब्रिटेन से उम्मीद की किरण नजर आई. जहां इस हफ्ते टीकाकरण (Vaccination) यानी वैक्सीन लगाने का काम शुरू हो गया. अब भारत की आवाम को अपनी देसी वैक्सीन का इंतजार (India corona vaccine) भी है. प्रधानमंत्री मोदी कह चुके हैं अब वैक्सीन चंद हफ्ते दूर है. उम्मीदों के बीच ज़ी बिज़नेस ने कोशिश इन सवालों की हकीकत तक पहुंचने की.

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ब्रिटेन ने वैक्सीन देने वाला पहला देश (Britain becomes first nation starts vaccination)

ट्रायल से अलग लोगों को वैक्सीन लगाने की शुरुआत ब्रिटेन से हुई. ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश. अमेरिकी कंपनी Pfizer और सहयोगी BioNTech vaccine की पहली खुराक दी गई. वैक्सीन का पहला शॉट 50 अस्पतालों में लगेगा. शुरुआत 80 वर्ष से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों, स्वास्थ्यकर्मियों और नर्सिंग होम स्टाफ को लगाया जाएगा. इसके बाद ही सामान्य स्वस्थ जनता का नंबर आएगा. वैक्सीन की दो खुराक दी जाएंगी. दिसंबर के अंत तक ब्रिटेन को Pfizer/BioNTech वैक्सीन की 4 मिलियन खुराक मिलने की उम्मीद है.

क्या रहेगी प्रक्रिया? (Process of vaccination)

  • Pfizer/BioNTech वैक्सीन को RNA तकनीक के साथ विकसित किया गया है. जिसमें कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड का प्रयोग किया गया है.
  • यह टीका बांह में लगाया जाएगा.
  • टीके की दो खुराक दी जाएंगी.

वैक्सीन के साइड इफेक्ट? (Side effects of corona vaccine)

  • फाइजर के मुताबिक, ट्रायल के दौरान वॉलंटियर्स में मामूली साइड इफेक्ट देखे गए जो जल्दी ही सही भी हो गए.
  • दूसरी खुराक के बाद सबसे गंभीर दुष्प्रभाव सामने आए. 3.8 प्रतिशत वॉलंटियर्स को थकान महसूस हुई और 2 प्रतिशत को सिरदर्द की शिकायत.
  • ज्यादा उम्र वालों की अपेक्षा कम उम्र वाले वॉलंटियर ने शिकायतें कम की.

वैक्सीन कारगर है? (how much vaccination is secured)

  • दावा किया जा रहा है कि दूसरा इंजेक्शन लगने के सात दिन बाद इसका प्रभाव दिखा. दूसरा इंजेक्शन पहले शॉट के लगभग एक महीने बाद लगाया गया.
  • ट्रायल के दौरान यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि क्या एक प्रतिरक्षित (immunized) व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है या नहीं.
  • हेपेटाइटिस ए जैसे कुछ टीके, इस तरह की सुरक्षा प्रदान करते हैं - जिसे स्टरलाइजिंग इम्यून सिस्टम के रूप में जाना जाता है.
  • COVID-19 वैक्सीन निर्माताओं ने परीक्षण के दौरान यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि दवा लोगों को बीमार होने से रोक सके.

‘कोई भी टीका 100 प्रतिशत फीसदी नहीं’ (100 per cent corona free vaccination)

टीका ट्रायल के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ है कि टीकाकरण का मतलब यह कतई नहीं है कि हम जल्द ही सामान्य जीवनशैली अपना सकते हैं. क्योंकि, कोई भी टीका 100 फीसदी प्रभावी नहीं है. वैज्ञानिक लगातार अपील करते रह हैं. मास्क पहनना, हाथ धोना और सामाजिक दूरी बनाए रखना सबसे जरूरी है.

टीके के बाद नहीं होगा खतरा? (Coronavirus vaccine FAQ)

सबसे बड़ा सवाल और चुनौती देश के सामने यह है कि क्या टीकाकरण के बाद कोरोना का खतरा टल जाएगा? वैज्ञानिकों को इस पर संदेह है. वैज्ञानिक पहले ही कह चुके हैं कि यह इमरजेंसी अप्रूवल के लिए तो ठीक है, लेकिन 100 फीसदी की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है. खास बात यह कि अभी तक किसी भी देश के स्वास्थ्य मंत्रालय या मंजूरी देने वाली अथॉरिटी ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि कोरोना की वैक्सीन के बाद देश या दुनिया पूरी तरह कोरोना मुक्त होगी.

भारत में वैक्सीन का स्टेटस (India Vaccine status)

भारत में कुल 9 वैक्सीन हैं जो ट्रायल के अलग-अलग चरण में चल रही हैं. हालांकि, तीन वैक्सीन ऐसी भी हैं, जिन्होंने इमरजेंसी ऑथराइजेशन अप्रूवल के लिए भारत के ड्रग कंट्रोलर से मंजूरी मांगी है. अगले कुछ ही हफ्तों में ड्रग कंट्रोलर इन में से किसी एक या उससे ज्यादा वैक्सीन को इस्तेमाल के लिए लाइसेंस दे सकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 6 वैक्सीन प्री क्लीनिकल ट्रायल के हालत में हैं. 3 क्लीनिकल ट्रायल के अलग-अलग दौर में हैं. किसी की दो तो किसी की 3 डोज लग सकती हैं.

कैसे गांव-गांव तक पहुंचेगी वैक्सीन? (Vaccination bule print)

कोरोना की शुरुआत होते ही 14 अप्रैल 2020 को सरकार ने एक वैक्सीन टास्क फोर्स बनाई थी. 7 अगस्त 2020 को केंद्र सरकार ने एक और ग्रुप बनाया जिसका नाम है NEGVAC - NATIONAL एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 है. मल्टीलेवल कोऑर्डिनेशन मेकैनिज्म यही ग्रुप सारे काम करेगा. मसलन वैक्सीन कैसे लगेगी, उसके लिए सामान कहां से आएगा, राज्यों के साथ तालमेल कैसे किया जाएगा आदि.

1.5 लाख से ज्यादा लोग लगाएंगे कोरोना का टीका (how much vaccinator will use in vaccination)

भारत में 2 लाख 40 हजार ट्रेंड वैक्सीनेटर हैं, जो इम्यूनाइजेशन कार्यक्रम और दूसरी जरूरी वैक्सीन के काम को करते हैं. लेकिन, कोरोना वायरस का टीका लगाने के लिए 1 लाख 54 हजार ट्रेंड वैक्सीनेटर को ही इस्तेमाल किया जाएगा. अन्य सभी लोग रूटीन इम्यूनाइजेशन की प्रक्रिया में काम करते रहेंगे. इन सभी लोगों को हम AMN या मिडवाइफ के नाम से भी जानते हैं.

पहले किसे लगेगी कोरोना वैक्सीन? (First vaccination in India)

जानकारी के अनुसार, भारत में सबसे पहले 1 करोड़ सरकारी और प्राइवेट कोरोना वॉरियर्स को वैक्सीन की डोज दी जाएगी. इसके बाद पुलिस फोर्स, सेना, म्युनिसिपल वर्कर्स को वैक्सीनेट किया जाएगा. और फिर बाद में 50 साल से ऊपर के लोग और 50 साल के नीचे के भी लोग जिनको कोई बीमारियां हैं उनको भी पहले कोरोना का टीका दिया जाएगा. हालांकि इस प्रायोरिटी लिस्ट पर अभी भी विचार किया जा रहा है. इसमें बदलाव भी हो सकता है. जानकारों की मानें तो वैक्सीन लगाने का काम 1 वर्ष या उससे ज्यादा तक चल सकता है.

कोविन ऐप (Government Covin App)

राज्य और जिला स्तर पर डाटा इकट्ठा किया जा रहा है. उसकी वेरिफिकेशन की जा रही है. साथ ही साथ कोविन ऐप में इस डाटा को फिल करने का काम भी शुरू किया जा चुका है. राज्य स्तर पर मीटिंग भी हो रही है. जिला स्तर पर 12 दिसंबर तक मीटिंग युक्त आने का और डाटा इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा गया है. ब्लॉक स्तर पर भी 15 दिसंबर तक मीटिंग हो जाएगी.

कोल्ड चेन सिस्टम (Cold chain system)

देश में 85,634 कोल्ड चैन इक्विपमेंट हैं. साथ ही कितने डीप फ्रीजर वाकिंग कूलर की जरूरत है, इसका आंकलन भी कर लिया गया है.

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