अमेरिकी और चीन के बीच जारी तनातनी अब और बढ़ सकती है. क्योंकि चीन ने ऐसा कांड कर दिया है, जिसका शायद ही कोई सपोर्ट करे. मामला थोड़ा पुराना है, लेकिन उससे जुड़े डीटेल धीरे-धीरे बाहर आ रही है. दरअसल, फरवरी के शुरुआती हफ्ते में चीन ने अमेरिकी सीमा में जासूसी गुब्बारे उड़ाए. सूचना मिलते ही अमेरिकी फाइटर जेट्स ने मार गिराए थे. क्योकि ये गुब्बारे अमेरिकी सैन्य स्थलों के पास यानी साउथ कैरोलिना में मर्टल बीच के पास देखे थे. लेकिन इन जासूसी गुब्बारों ने अपना काम कर दिया था.

गुब्बारे के जरिए खुफिया जानकारी बीजिंग पहुंची?

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एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि चीन के जासूसी गुब्बरों ने अमेरिकी सैन्य स्थलों से खुफिया जानकारी हासिल कर ली है. रिपोर्ट्स के मुताबिक चीनी गुब्बारा US आर्मी बेस के पास से कई बार उड़ा और प्राप्त जानकारियों को चीन की राजधानी बीजिंग को भेजा. दरअसल, चीन ने जो खुफिया जानकारी इकट्ठा की थी, उनमें से ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक संकेतों से थी. रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इन गुब्बारों को वेपन सिस्टम से उठाया जा सकता है.

फरवरी में पहली बार दिखा था चीनी गुब्बारा

संदिग्ध जासूसी गुब्बारे को अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने पहली बार 2 फरवरी को ट्रैक करने की सूचना दी थी. इसे दो दिन बाद अमेरिकी F-22 फाइटर जेट से 4 फरवरी मार गिराया गया था. लेकिन गुब्बारे को 5 फरवरी को दक्षिण कैरोलिना में मर्टल बीच के तट से मिलने की सूचना प्राप्त हुई थी. हालांकि सोमवार को अपनी रोजाना की प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता किर्बी जॉन ने यह टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि गुब्बारा किस तरह के इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल या संचार तक पहुंच सकता है.

गुब्बारे के मलबे की जांच अभी भी जारी

किर्बी ने कहा, यह जानते हुए कि यह अमेरिकी हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने जा रहा था, हमने सीमित करने के लिए कार्रवाई की. गुब्बारे की खोज ने एक कूटनीतिक संकट खड़ा कर दिया था, राज्य के सचिव एंटनी ब्लिंकेन ने तुरंत चीन की निर्धारित यात्रा को बंद कर दिया था. वहीं रक्षा विभाग की प्रवक्ता सबरीना सिंह ने मीडिया को बताया कि FBI अभी भी गुब्बारे के मलबे की जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि हम इस बात का आकलन कर रहे हैं कि चीन क्या इकट्ठा करने में सक्षम था.

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