बांग्लादेश की सियासत में भूचाल, पीएम Sheikh Hasina ने दिया इस्तीफा, बहन के साथ पहुंची भारत
Sheikh Hasina Resigns: समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है. वहीं, वह देश छोड़कर भारत आ गई हैं.
Sheikh Hasina Resigns: बांग्लादेश में चल रहे तनाव और उपद्रव के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है. बांग्लादेश में चल रहे छात्र विरोध प्रदर्शनों के बीच सोमवार दोपहर शेख हसीना अपनी बहन के साथ एक सैन्य हेलीकॉप्टर में सवार होकर देश छोड़कर सुरक्षित स्थान के लिए रावाना गई हैं. सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेशी सी-130 विमान के भारतीय वायुसीमा में प्रवेश करने के तुरंत बाद भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान हवा में उड़ गए और कुछ समय तक उस पर नज़र रखी। भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार थी.
Sheikh Hasina Resigns: पीएमओ के अधिकारी ने कहा- 'बांग्लादेश में स्थिति बेहद नाजुक'
बांग्लादेश मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शेख हसीना प्रधानमंत्री आवास से सोमवार लगभग 2.30 बजे निकली थीं. वह अपनी बहन के साथ मिलिट्री हेलिकॉप्टर से उड़ान भरकर सुरक्षित स्थान के लिए रवाना हो गई हैं. बांग्लादेश पीएम ऑफिस के सीनियर अधिकारी ने ANI से बातचीत में कहा, 'हिंसा के बाद पीएम शेख हसीना ने ढाका स्थित अपना आधिकारिक आवास छोड़ दिया है. फिलहाल वह कहां पर हैं, इसकी जानकारी नहीं है. ढाका में परिस्थिति बेहद नाजुक है और पीएम आवास को भीड़ ने घेर लिया है.'
Sheikh Hasina Resigns: 106 लोगों की हो चुकी है मौत, BSF ने जारी किया हाई अलर्ट
बंगलादेश के आर्मी चीफ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि, 'आप लोग शांति बनाकर रखे, हम लोग अंतरिम सरकार बनाएंगे. आप सभी धैर्य और सब्र रेखें. अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है. सीविल सोसाइटी के लोगों के साथ मीटिंग हुई थी. सेना शांति बनाए रखने का काम करेगा. सरकार विरोधी प्रदर्शनों में रविवार से लेकर अब तक 106 से अधिक लोगों की मौत हो गयी है. वहीं, बांग्लादेश में चल रहे तनाव के बीच सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने भारत और बांग्लादेश बॉर्डर पर हाई अलर्ट जारी किया है. DG BSF इस समय पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं.
Sheikh Hasina Resigns: क्यों हो रहा है बांग्लादेश में तनाव
निजी जमुना टेलीविजन समाचार चैनल ने बताया कि हसीना को एक विवादित आरक्षण व्यवस्था को लेकर उनकी सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन हुआ था. इस विवादास्पद आरक्षण प्रणाली के तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लोगों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है.