ARCELOR मित्तल के परिवार में शामिल होगी यह कंपनी, एस्सार स्टील के अधिग्रहण को मंजूरी
दुनिया की दिग्गज इस्पात कंपनी आर्सेलर मित्तल को आखिरकार संकट में फंसी एस्सार स्टील का 42,000 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करने के लिए हरी झंडी मिल गई है. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) की अहमदाबाद पीठ ने कंपनी को इस अधिग्रहण की मंजूरी दे दी.
दुनिया की दिग्गज इस्पात कंपनी आर्सेलर मित्तल को आखिरकार संकट में फंसी एस्सार स्टील का 42,000 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करने के लिए हरी झंडी मिल गई है. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) की अहमदाबाद पीठ ने कंपनी को इस अधिग्रहण की मंजूरी दे दी. समाधान प्रक्रिया काफी पहले ही 270 दिनों की निर्धारित समय सीमा को पार कर गयी है. कंपनी के दिवाला अदालत में जाने के बाद उसके मूल प्रवर्तक रूइया बंधुओं ने जून 2017 से एक के बाद एक कानूनी रूप से मामले को चुनौती दी.
ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) के मई 2016 में अमल में आने के बाद से किसी नई कंपनी द्वारा एनसीएलटी संपत्ति के लिये इतनी बड़ी राशि का भुगतान पहली बार होगा. इससे पहले पिछले साल टाटा स्टील ने भूषण स्टील का 35,000 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया था.
हालांकि, रूइया बंधुओं ने और लंबी लड़ाई का संकेत दिया है. उनका कहना है कि 54,389 करोड़ रुपये की पेशकश सबसे बेहतर है. न्यायमूर्ति हरिहर प्रकाश चतुर्वेदी तथा न्यायमूर्ति मनोरमा कुमारी की एनसीएलटी पीठ ने यह निर्णय दिया है. अपीलीय प्राधिकरण एनसीएलएटी ने मामले को निपटाने के लिये आज (शुक्रवार) तक का समय दिया था.
एस्सार स्टील को खरीदने के लिये आर्सेलर मित्तल ने कर्ज समाधान के वास्ते 42,000 करोड़ रुपये के भुगतान तथा इस्पात कारखाने में 8,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का प्रस्ताव किया है. एस्सार स्टील के पास एक करोड़ टन क्षमता का स्टील कारखाना गुजरात के हजीरा में है.