थायरॉइड (Thyroid) एक ऐसी बीमारी है जो पिछले कुछ सालों से तेजी से बढ़ी है. ये बीमारी हमारे गले में मौजूद थायरॉइड ग्रंथि में असंतुलन के कारण होती है. तितली के आकार की थायरॉइड ग्रंथि थायरोक्सिन (T-4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T-3) नाम के हार्मोन बनाती है. ये हार्मोन हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाते है और बॉडी में सेल्स को नियंत्रित करने का काम करते हैं. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लेकिन जब थायरॉइड ग्‍लैंड में गड़बड़ी हो जाती है तो इन हॉर्मोन्‍स का उत्‍पादन भी असंतुलित हो जाता है और ऐसी स्थिति को थायरॉइड कहा जाता है. वैसे तो थायरॉइड की बीमारी किसी को भी प्रभावित कर सकती है, लेकिन महिलाओं में इसके मामले ज्‍यादा देखने को मिलते हैं. आज वर्ल्‍ड थायरॉइड डे (World Thyroid Day) के मौके पर जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी जरूरी जानकारी.

जड़ से उखाड़ना है बीमारी तो कारण जानिए

इस मामले में डॉ. रमाकान्‍त शर्मा का कहना है कि आज के समय में थायरॉइड का मुख्‍य कारण खराब लाइफस्‍टाइल को माना जाता है, इसलिए इसे लाइफस्‍टाइल डिजीज माना जाता है. इसके अलावा अत्‍यधिक तनाव, आयोडीन की कमी या अधिकता, गलत खानपान, देर रात तक जागना, डिप्रेशन की दवाएं, डायबिटीज, किसी ऑटो इम्‍यून डिजीज से ग्रसित होना, सोया उत्‍पादों का अत्‍यधिक इस्‍तेमाल और फैमिली हिस्‍ट्री आदि को इस बीमारी की प्रमुख वजहों में से एक माना जाता है.

दो तरह से प्रभावित करती है थायरॉइड की बीमारी

थायरॉइड की बीमारी दो तरह से शरीर को प्रभावित करती है. जब थायरॉइड ग्‍लैंड  T3, T4 हॉर्मोन का उत्‍पादन ज्‍यादा करती है तो इसे हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है और जब से हॉर्मोन्‍स का उत्‍पादन कम करती है, तो इसे हाइपोथायरॉइडिज्‍म कहा जाता है. दोनों ही मामलों में इसके लक्षण अलग-अलग सामने आते हैं.

हाइपरथायरायडिज्म के लक्षण

  • घबराहट
  • नींद न आना
  • चिड़चिड़ापन
  • हाथों का कांपना
  • अधिक पसीना आना
  • दिल की धड़कन बढ़ना
  • बालों का पतला होना और झड़ना
  • मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द रहना
  • अत्यधिक भूख लगना
  • वजन का घटना
  • महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता
  • हड्डी में कैल्शियम तेजी से खत्म होना आदि

हाइपोथायरॉइडिज्‍म के लक्षण

  • धड़कन अनियमित होना
  • थकावट महसूस होना
  • डिप्रेशन
  • सर्दी के प्रति अधिक संवेदनशीलता
  • वजन का बढ़ना
  • नाखूनों का पतला होकर टूटना
  • पसीना नहीं आना या कम आना
  • त्वचा में सूखापन और खुजली
  • जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में अकड़न
  • बालों का अधिक झड़ना
  • आंखों में सूजन
  • बार-बार भूलना
  • सोचने-समझने में असमर्थता
  • मासिक धर्म में अनियमितता
  • कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना आदि

क्‍यों महिलाओं को ज्‍यादातर होती है ये बीमारी

इस मामले में विशेषज्ञ का कहना है कि महिलाओं में ये बीमारी के मामले ज्‍यादा क्‍यों सामने आते हैं, इसको लेकर कोई सटीक वजह तो सामने नहीं आई है, लेकिन ज्‍यादातर खानपान और जीवनशैली में लापरवाही बरतने और जरूरत से ज्‍यादा स्‍ट्रेस लेने की आदत को इस समस्‍या की वजह माना जाता है.

क्‍या है इलाज और बचाव के तरीके

थायरॉइड एक ऐसी समस्‍या है जो सिर्फ लाइफस्‍टाइल को नियंत्रित करके ही कंट्रोल में रह सकती है. इसके इलाज के तौर पर विशेषज्ञ हॉर्मोन को नियंत्रित करने वाली एक दवा देते हैं, जिसे सुबह खाली पेट खाना होता है. लेकिन दवा के साथ भी अपनी दिनचर्या और खानपान की गलत आदतों में सुधार बहुत जरूरी है. लाइफस्‍टाइल में सुधार ही इसके बचाव का भी तरीका है. ऐसे में आप क्‍या कर सकते हैं? यहां जानिए-

  • रोजाना योग और मेडिटेशन करें
  • वर्कआउट करें
  • बाहर का जंक और फास्‍टफूड अवॉयड करें
  • हेल्‍दी चीजें ज्‍यादा से ज्‍यादा खाएं
  • पर्याप्त मात्रा में नींद लें
  • समय से सोएं और समय से जागें
  • ज्यादा फलों और सब्जियों को डाइट में शामिल करें

इन चीजों से करें परहेज

  • स्‍मोकिंग और अल्‍कोहल
  • चीनी, चावल, ऑयली फूड कम खाएं
  • अधिक मसालेदार खाने से बचें
  • मैदे से बनी चीजें अवॉयड करें
  • चाय और काॅफी का सेवन बहुत ज्‍यादा न करें