World Post Day 2023: कोलकाता में खोला गया था पहला पोस्ट ऑफिस, इस दिन को 151 देश करते हैं सेलिब्रेट, जानें इस साल की थीम
World Post Day 2023: आज 9 अक्टूबर को दुनिया भर में वर्ल्ड पोस्ट डे (World Post Day) मनाया जाता है. क्या आपने कभी सोचा है कि 9 अक्टूबर को ही विश्व डाक दिवस क्यों मनाया जाता है.
World Post Day 2023: 9 अक्टूबर को वर्ल्ड पोस्ट डे (World Post Day) मनाया जाता है. क्या आपने कभी सोचा है कि 9 अक्टूबर को ही विश्व डाक दिवस क्यों मनाया जाता है. इसके पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है. स्विट्जरलैंड में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की स्थापना हुई थी. इसी के बाद से इस दिन को मनाने के लिए प्रस्ताव जारी किया गया था. हर साल 150 से ज्यादा देश अलग-अलग तरीको से विश्व डाक दिवस मनाते हैं. कुछ देशों में विश्व डाक दिवस को अवकाश के रूप में मनाया जाता है.
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क्यों मनाया जाता है ये दिवस इस दिन को मनाने का मुख्य मकसद लोगों को डाक सेवा के महत्व को लेकर जागरूक करना है. लोगों को ये बताना जरूरी है कि किस तरह से डाक विभाग ने देश-दुनिया में हर विकास पर अहम योगदान दिया है. भले ही आज 5g का जमाना है लेकिन आज भी डाक की अहमियत कम नहीं हुई. भले ही आज के समय में हम अपने संदेशों को एक-दूसरे तक पहुंचाने के लिए डाक का इस्तेमाल नहीं करते लेकिन आज भी कई ऐसे जगह हैं जहां इंटरनेट अब तक पहुंच नहीं पाया, ऐसी जगहों पर डाक ही लोगों का सहारा है. हजारों संस्थाएं आज भी अपने ऑफिशियल काम के लिए डाक पर भरोसा करती है.
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ये रहा इतिहास समय के साथ पोस्टल विभाग में कई जरुरी तब्दीली की गई. 9 अक्टूबर के दिन साल 1874 में अक्टूबर में स्विट्जरलैंड की कैपिटल बर्न में 22 देशों की साझेदारी से यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) का गठन हुआ था. ये संस्थान डाक विभाग और पोस्टल सर्विस के लिए काम करने वाला अपनी तरह का पहला इंटरनेशनल संस्थान था. 1969 को टोक्यो में आयोजित यूपीयू के ही एक सम्मेलन में, इस दिन को ‘वर्ल्ड पोस्ट डे’ मनाए जाने की घोषणा हुई. दुनिया का पहला डाक-टिकट ब्रिटेन का ही 'पेन्नी ब्लैक' था. रोलैंड हिल द्वारा ईजाद किये हुए इस डाक-टिकट की कीमत थी एक पेन्नी. यह पोस्टेज की कीमत थी, जिसे भी चिट्ठी भेजनी होती, उसे इतनी रकम देनी होती. पिलर बॉक्स में चिट्ठियां प्राचीन ग्रीस और मिस्र में घुड़सवार संदेशों को ले जाया करते थे. पत्र भेजने का यह तरीका लम्बे समय तक चलता रहा, जब तक आधिकारिक रूप से डाक व्यवस्था समाज में नहीं आई. ब्रिटेन के शासक हेनरी सप्तम द्वारा स्थापित 'रॉयल मेल' को 31 जुलाई, 1635 में जनता को सौंपा गया. उस जमाने में लोग चिट्ठियां 'पिलर बॉक्स' में डाला करते थे. फिर जब 1842 में पोलैंड ने सार्वजनिक पोस्ट बॉक्स की शुरुआत की, तब चिट्ठी को इन डिब्बों में डाला जाने लगा. धीरे-धीरे डाक में मेल कोच, मनी ऑर्डर, टेलीग्राफ और स्टाम्प जुड़ गया. क्या है इस साल की थीम इस साल की थीम Together for Trust: Collaborating for a safe and connected future. जिसका मतलब है कि एक सुरक्षित भविष्य के लिए एक दूसरे का सहयोग करना होगा. भारत का पहला पोस्ट ऑफिस भारत में आधुनिक डाक विभाग की शुरुआत 18 वीं सदी से पहले हुई. भारत में पहला पोस्ट ऑफिस कोलकाता में 1774 में खोला गया था. पोस्ट दुनिया का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक नेटवर्क है. 1774 में ही कोलकता GPO की स्थापना हुई. इसके साथ ही उसी सार रेल डाक सेवा की शुरुआत की गई. 1774 में ही भारत से ब्रिटेन और चीन के लिए समुद्री डाक सेवा की शुरुआत हुई. कुछ रोचक जानकारियां
- आज भारत विश्व का सबसे बड़ा पोस्टल नेटवर्क है.
- दुनिया की पहली आधिकारिक एयरमेल उड़ान भारत से शुरू हुई थी.
- 1774 में वारेन हेस्टिंग्स ने कोलकाता में पहला डाकघर स्थापित किया था.
- 1852 में भारत में पहली बार चिट्ठी पर डाक टिकट लगाने की शुरुआत हुई थी.
- भारत में स्पीड पोस्ट की शुरुआत 1986 में हुई थी.
- दुनिया का पहला आधिकारिक डाक टिकट 21 नवंबर 1947 को जारी किया गया था.
- साल 1947 तक देश में 23,344 डाकघर थे.
- दुनिया का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस हिमाचल प्रदेश के हिक्किम में है.
- एक समय में पोस्ट ऑफिस 100 मील पर दो आना शुल्क वसूला करते थे.
- देश आजाद होने के बाद सबसे पहले गांधीजी की तस्वीर भारत टिकट में लगाई गई थी.
- भारत में सबसे पहला पोस्ट ऑफिस ईस्ट इंडिया कंपनी की ओर से कोलकाता में 1774 में स्थापित किया गया था.
- भारत का पहला डाक टिकट 21 नवंबर, 1947 (स्वतंत्रता के बाद) को जारी किया गया था.
- स्वतंत्र भारत के पहले डाक टिकट में भारत के राष्ट्रीय ध्वज को दर्शाया गया था.
महत्वपूर्ण डेट्स 1766 : लार्ड क्लाइव द्वारा प्रथम डाक व्यवस्था भारत में स्थापित 1774 : वारेन हेस्टिंग्स ने कलकत्ता में प्रथम डाकघर स्थापित किया 1786 : मद्रास प्रधान डाकघर की स्थापना 1793 : बम्बई प्रधान डाकघर की स्थापना 1854 : भारत में पोस्ट ऑफिस को पहली बार 1 अक्टूबर 1854 को मान्यता मिली। 1 अक्टूबर 2004 तक के सफ़र को 150 वर्ष के रूप में मनाया गया. 1863 : रेल डाक सेवा आरम्भ की गयी 1873 : नक्काशीदार लिफाफे की बिक्री प्रारंभ 1876 : भारत पार्सल पोस्टल यूनियन में शामिल 1877 : वीपीपी (VPP) और पार्सल सेवा आरम्भ 1879 : पोस्टकार्ड आरम्भ किया गया 1880 : मनीआर्डर सेवा प्रारंभ की गई 1911 : प्रथम एयरमेल सेवा इलाहाबाद से नैनी डाक से भेजी गई 1935 : इंडियन पोस्टल आर्डर प्रारंभ 1972 : पिन कोड प्रारंभ किया गया 1984 : डाक जीवन बीमा का प्रारंभ 1986 : स्पीड पोस्ट (EME) सेवा शुरू 1990 : डाक विभाग मुंबई व चेन्नई में दो स्वचालित डाक प्रसंस्करण केंद्र स्थापित किये गए 1995 : ग्रामीण डाक जीवन बीमा की शुरुआत 1996 : मीडिया डाक सेवा का प्रारंभ 1997 : बिजनेस पोस्ट सेवा को प्रारंभ किया गया 1998 : उपग्रह डाक सेवा शुरू 1999 : डाटा डाक व एक्सप्रेस डाक सेवा प्रारंभ 2000 : ग्रीटिंग पोस्ट सेवा प्रारंभ भारतीय डाक शुभकामनाओं वाले लिफाफे ग्राहकों को उपलब्ध कराना 2001 : इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रान्सफर सेवा (EFT) प्रारंभ 3 जनवरी 2002 : इन्टरनेट आधारित ट्रैक एवं टैक्स सेवा की शुरुआत 15 सितम्बर 2003 : बिल मेल सेवा प्रारंभ 30 जनवरी 2004 : ई-पोस्ट सेवा की शुरुआत 10 अगस्त 2004 : लोजिस्टिक्स पोस्ट सेवा प्रारंभ की गई