हाइपरटेंशन (Hypertension) यानी हाई बीपी को साइलेंट किलर कहा जाता है. पहले के समय में बीपी की समस्‍या बुजुर्गों में देखने को मिलती थी, लेकिन आज के समय में ये बीमारी कॉमन हो चुकी है. वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गेनाइजेशन (World Health Organisation-WHO) के मुताबिक दुनियाभर में असमय होने वाली मौत की एक बहुत बड़ी वजह हाई बीपी है. अगर भारत की बात करें तो हर 4 में से एक युवा हाई बीपी की समस्‍या से जूझ रहा है. हाई बीपी का सबसे बड़ा कारण स्‍ट्रेस को माना जाता है. गलत खानपान, मोटापा और फैमिली हिस्‍ट्री भी इसकी एक वजहों में शामिल हैं. 

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इसके अलावा नमक (Salt) को हाई ब्‍लड प्रेशर (High Blood Pressure) के मरीजों का दुश्‍मन माना जाता है. आज के समय में हाई बीपी के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. इसका एक कारण तेज नमक खाने की आदत भी है. नमक खाने में इस्‍तेमाल की जाने वाली वो चीज है, जिसके बिना किसी का काम नहीं चलता, इसलिए हर किसी को ये जरूर मालूम होना चाहिए कि हाई बीपी और अन्‍य तमाम बीमारियों से बचाव के लिए दिनभर में कितना नमक खाना चाहिए. हाई बीपी जैसी खतरनाक समस्‍या के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 17 मई को World Hypertension Day मनाया जाता है. आइए आपको बताते हैं कि हाई बीपी से बचने के लिए इंसान को कितने नमक का सेवन करना चाहिए.

पहले समझिए तेज नमक क्‍यों है बीपी की वजह

नमक सिर्फ हमारे खाने का स्‍वाद नहीं बढ़ाता, बल्कि हमारे शरीर के लिए जरूरी चीज है क्‍योंकि नमक के जरिए शरीर को आयोडीन और सोडियम मिलता है. आयोडीन थायरॉयड ग्लैंड को रेगुलेट करने और बॉडी में फ्ल्यूड्स की मात्रा संतुलित करता है. वहीं मसल्स-नर्व और ब्लड प्रेशर को मेंटेन करने के लिए सोडियम जरूरी है. लेकिन सोडियम की मात्रा अगर शरीर मे आवश्‍यकता से ज्‍यादा हो जाए तो वो शरीर के लिए हानिकारक हो जाती है. ज्‍यादा सोडियम के कारण शरीर में पानी जमा हो जाता है, जिसे वाटर रिटेंशन भी कहते हैं. वाटर रिटेंशन के कारण शरीर में सूजन आती है और हाई ब्‍लड प्रेशर का रिस्‍क बढ़ जाता है जो आगे चलकर स्ट्रोक और अन्य गंभीर हार्ट डिसीस का कारण बन सकता है. 

हैरानी की बात ये है कि हमारे शरीर में आवश्‍यकता से ज्‍यादा नमक घर के खाने से नहीं, बल्कि बाहर के खाने की आदत की वजह से बढ़ता है. बाहर के पैक्ड फूड, फ्रोजन और रेडी टू ईट फूड्स में बहुत नमक होता है. पिछले कुछ सालों से लोगों में खासतौर पर युवाओं में बाहरी फूड खाने की आदत तेजी से बढ़ी है. इस कारण हाई बीपी के मरीज भी तेजी से बढ़ रहे हैं.

दिनभर में कितना नमक शरीर के लिए जरूरी

डब्ल्यूएचओ की मानें तो एक सामान्‍य वयस्‍क व्‍यक्ति को दिनभर में पांच ग्राम नमक से ज्‍यादा नहीं खाना चाहिए. इससे ज्‍यादा नमक अगर कोई शख्‍स खाता है तो नमक उसके शरीर को नुकसान पहुंचाएगा. इतना ही नहीं अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक जो लोग पहले से हाई बीपी की समस्‍या से जूझ रहे हैं, उन्‍हें दिनभर में 1.5 ग्राम से अधिक नमक नहीं खाना चाहिए. 

हाई बीपी से बचाव के तरीके

  • नमक संतुलित मात्रा में खाएं. खाने में, फलों आदि में ऊपर से नमक डालकर खाने की आदत को छोड़ें.
  • गरिष्‍ठ और चिकनाईयुक्‍त भोजन, जंकफूड, फास्‍टफूड, प्रोसेस्‍ड मीट, पैकेट बंद चीजें आदि को खाने से परहेज करें. 
  • नियमित रूप से वर्कआउट करें ताकि आपका वेट न बढ़े और शरीर फिट रहे.
  • योग और मेडिटेशन करें ताकि आपका दिमाग शांत रहे और तनाव से बचे रहें. तनाव को भी हाई  बीपी की वजह माना जाता है. 
  • फल, हरी सब्जियां, सलाद, जूस आदि हेल्‍दी चीजों को डाइट में शामिल करें. 
  • अगर आप हाई बीपी की कोई दवा ले रहे हैं, तो उसे नियमित रूप से समय पर लेते रहें. 
  • अगर आपके घर में हाई बीपी की फैमिली हिस्‍ट्री रही है, तो 40 साल के बाद नियमित रूप से जांच करवाएं. 

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