कभी महाराष्ट्र और मारवाड़ी लोगों का पारंपरिक व्यंजन था पोहा, फिर कैसे बन गया इंदौर की शान, पढ़िए इंदौरी पोहे की कहानी
दुनियाभर में इंदौर का पोहा काफी मशहूर है, लेकिन इसका इतिहास इंदौर से नहीं बल्कि महाराष्ट्र और मारवाड़ी लोगों से जुड़ा है. आइए आपको बताते हैं इंदौर के पोहे की रोचक कहानी.
कभी महाराष्ट्र और मारवाड़ी लोगों का पारंपरिक व्यंजन था पोहा, फिर कैसे बन गया इंदौर की शान, पढ़िए इंदौरी पोहे की कहानी
कभी महाराष्ट्र और मारवाड़ी लोगों का पारंपरिक व्यंजन था पोहा, फिर कैसे बन गया इंदौर की शान, पढ़िए इंदौरी पोहे की कहानी
दुनियाभर में इंदौर का पोहा (Indore Poha) काफी मशहूर है. इंदौर शहर में ज्यादातर लोग सुबह के नाश्ते की शुरुआत पोहे के साथ करते हैं. अगर आप इंदौर शहर में जाएंगे तो आपको जगह-जगह पर इंदौरी पोहा बिकते हुए दिख जाएगा. कई नामी हस्तियां भी इंदौर के पोहे का स्वाद ले चुकी हैं और इसकी तारीफ भी कर चुकी हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पोहा हमेशा से इंदौर की शान नहीं रहा है.
इसका इतिहास महाराष्ट्र और मारवाड़ी लोगों से जुड़ा है. ये उनका पारंपरिक व्यंजन हुआ करता था. फिर आखिर इंदौर से इसका नाम कैसे जुड़ गया और इंदौरी पोहा कैसे दुनियाभर में मशहूर हो गया. आज वर्ल्ड पोहा डे (World Poha Day) के मौके पर आपको बताते हैं इंदौरी पोहे की कहानी.
कैसे इंदौर पहुंचा पोहा
पोहे के इतिहास की बात करें तो देश की आजादी से पहले तक ये महाराष्ट्र और मारवाड़ी लोगों का पारंपरिक व्यंजन हुआ करता था और केवल उन्हीं की रसोई तक सीमित था. इंदौर से पोहे का नाता आजादी के बाद जुड़ा और इसका श्रेय पुरुषोत्तम जोशी नाम के व्यक्ति को जाता है. कहा जाता है कि आजादी के बाद जब देश में सबकुछ धीरे-धीरे ठीक होने लगा, तब रोजगार की तलाश में महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के निजामपुर से पुरुषोत्तम जोशी इंदौर आए. यहां उनकी बुआ रहा करती थीं.
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उन्हें इंदौर इतना अच्छा लगा कि वो इसी शहर में बस गए. शुरुआत में उन्होंने इंदौर में कुछ दिन नौकरी की, लेकिन मजा नहीं आया. इसके बाद उन्होंने सोचा कि क्यों न अपना कोई काम शुरू किया जाए. इसके बाद उन्हें अपने पारंपरिक व्यंजन पोहे का स्वाद इंदौरवासियों को चखाने का विचार आया और उन्होंने इंदौर में पोहे की छोटी सी दुकान खोल ली.
सुबह 5 बजे से खुल जाती हैं पोहे की दुकानें
शुरुआत में पोहे की दुकान का सारा काम वो खुद ही संभाला करते थे. चूंकि इंदौर के लोगों के लिए भी ये कुछ नया था, इसलिए इसकी चर्चा तेजी से शहर में होने लगी. पोहा इंदौर के लोगों को खूब पसंद आया और दुकान पर इसकी अच्छी खासी बिक्री होने लगी. धीरे-धीरे तमाम लोगों ने पोहे की दुकानें खोलना शुरू कर दीं. आज शहर का हाल कुछ ऐसा है कि सुबह 5 बजे से ही गली-नुक्कड़ और चौराहों पर पोहे के ठेल लग जाते हैं और दुकानें खुल जाती हैं. यहां के लोगों के नाश्ते की शुरुआत ही पोहे के साथ होती है और दिनभर पोहा बेचा जाता है.
इन हस्तियों ने भी चखा है इंदौरी पोहे का स्वाद
कहा जाता है कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर महानायक अमिताभ बच्चन तक तमाम लोग पोहे का स्वाद ले चुके हैं. इसके अलावा गौतम गंभीर, वीवीएस लक्ष्मण और कमेंट्रेटर जतिन सप्रू की इंदौरी पोहा और जलेबी खाते हुए फोटो वायरल हो चुकी है.
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03:05 PM IST