डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिससे दुनियाभर में लोग जूझ रहे हैं. खराब लाइफस्‍टाइल के चलते ये बीमारी बुजुर्गों के साथ-साथ युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही है. कम उम्र से युवा इसके शिकार हो रहे हैं. डायबिटीज को लाइलाज बीमारी कहा जाता है क्‍योंकि अगर ये किसी को एक बार हो जाए तो कभी पूरी तरह ठीक नहीं होती. इसे अपनी लाइफस्‍टाइल सुधारकर और दवाओं वगैरह के जरिए आप कंट्रोल कर सकते हैं. भारत की बात करें तो ये बीमारी हमारे देश में तेजी से लोगों को चपेट में ले रही है. 

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भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के 2023 में किए गए अध्ययन के अनुसार भारत में टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह के कुल 10.1 करोड़ मरीज हैं. ये देश की वयस्क आबादी (18 वर्ष से ऊपर) का 11.4 फीसदी है. जबकि साल 2021 में भारत में डायबिटीज से ग्रसित लोगों की संख्‍या सात करोड़ से कुछ ज्‍यादा थी. उस वक्‍त वयस्क आबादी का सिर्फ आठ फीसदी हिस्सा इस बीमारी से ग्रस्त था. आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ दो साल में देश में मरीजों की संख्या करीब 36 फीसदी बढ़ गई है. इस बीमारी को लेकर जागरुक करने के लिए हर साल 14 नवंबर को विश्‍व डायबिटीज दिवस (World Diabetes Day) मनाया जाता है. आज इस मौके पर हम आपको बताएंगे डायबिटीज की बीमारी से जुड़ी कुछ ऐसी गलतफहमियों के बारे में जो अक्‍सर लोगों में देखने को मिलती हैं.

1- डायबिटीज का मुख्‍य कारण चीनी है?

ऐसे तमाम लोग हैं, जो मानते हैं डायबिटीज की बीमारी का मुख्‍य कारण ज्‍यादा मीठा खाने की आदत होती है. इसलिए शुगर कम खाओ तो डायबिटीज नहीं होगी. डॉ. रमाकान्‍त शर्मा कहते हैं कि ये सच है कि शुगर का अधिक सेवन डायबिटीज के कारणों में से एक है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता. लेकिन इस बीमारी का सिर्फ एक यही कारण नहीं होता. डायबिटीज की बीमारी के तमाम अन्‍य कारण भी हैं जैसे मोटापा, सुस्‍त जीवनशैली, बाहरी और अत्‍यधिक तेलयुक्‍त फूड और आनुवांशिक कारण. इस बीमारी से बचने के लिए इन सभी बातों का खयाल रखना जरूरी है.

2- लाइलाज नहीं है डायबिटीज की बीमारी?

कई लोग ये मानते हैं कि आयुर्वेद और होम्‍योपैथी में डायबिटीज का इलाज है और इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है. अगर आपके भी दिमाग में ये बात है तो अच्‍छे से समझ लीजिए कि ये बीमारी कभी पूरी तरह से ठीक नहीं होती. लेकिन घबराने की बात नहीं है क्‍योंकि अगर आप चाहें तो मेडिकेशन के साथ अपनी लाइफस्‍टाइल को ठीक करके इसे आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं और सामान्‍य लोगों की तरह जीवन का आनंद ले सकते हैं. अगर आप डायबिटीज को नियंत्रित रखना चाहते हैं तो हाई कैलोरी फूड को अवॉयड करना और वर्कआउट करना बहुत जरूरी है, ताकि आपका वजन नियंत्रित रहे. 

3- टाइप-2 डायबिटीज अन्‍य प्रकार की डायबिटीज के मुकाबले ज्‍यादा खतरनाक है?

डायबिटीज कई तरह की होती है जैसे टाइप-2 डायबिटीज, टाइप-1 डायबिटीज और जेस्‍टेशनल डायबिटीज जो महिलाओं को गर्भावस्‍था के दौरान होती है. कुछ लोगों का मानना है कि इन सभी में सबसे ज्‍यादा परेशानी  टाइप-2 डायबिटीज पैदा करती है. लेकिन ऐसा नहीं है. किसी भी तरह की डायबिटीज के मामले में लापरवाही करना ठीक नहीं क्‍योंकि अगर ये बीमारी अनियंत्रित हो गई तो गंभीर और लंबे समय तक चलने वाली समस्याएं पैदा कर सकती है. साथ ही हृदय रोग, आंखों की समस्‍या, किडनी, नसों या पैर से जुड़ी समस्‍याएं पैदा कर सकती है.

4- मेडिकेशन के साथ मीठा खा सकते हैं?

ऐसे तमाम लोग हैं, जो मानते हैं कि अगर आप डायबिटीज की दवा खा रहे हैं, तो थोड़ा बहुत मीठा खा सकते हैं क्‍योंकि दवा ब्‍लड में शुगर लेवल को कंट्रोल कर देगी. लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ दवा ही सारे काम कर देगी. आपको दवा को तो समय पर लेना ही है, इसके साथ ही अपने खानपान की आदतों को कंट्रोल करना होगा. साथ ही वर्कआउट भी करना होगा, तभी आप शरीर में डायबिटीज को नियंत्रित रख सकते हैं.