डॉक्टर्स हमेशा सफेद रंग के कोट क्यों पहनते हैं, सर्जरी के दौरान हरे या नीले रंग का ड्रेस पहनने की वजह क्या है, कभी सोचा है?
अस्पताल में डॉक्टर को सफेद रंग का कोट पहने और सर्जरी के दौरान हरे या नीले रंग का ड्रेस पहने आपने देखा होगा. कभी सोचा है कि आखिर सफेद, नीले या हरे रंग से डॉक्टर्स का क्या कनेक्शन है?
अगर आप कभी किसी अस्पताल में गए होंगे तो आपने देखा होगा कि डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ हमेशा सफेद रंग के कोट में नजर आता है. वहीं सर्जरी के दौरान डॉक्टर्स हरे या नीले रंग के ड्रेस में दिखते हैं. कई बार तो अस्पतालों में पर्दे और बेडशीट का कलर भी डार्क हरा या नीला होता है. ये सब देखकर क्या आपके मन में कभी सवाल आया है कि आखिर सफेद, नीले या हरे रंग से डॉक्टर्स का क्या कनेक्शन है? आइए बताते हैं इसकी दिलचस्प वजह.
सफेद रंग के कोट की वजह
सबसे पहले डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के सफेद रंग के कोट पहनने की वजह को समझते हैं. इसकी दो वजह हैं. पहला कि अस्पताल की भीड़भाड़ के बीच सफेद रंग के कोट पहने व्यक्ति को देखकर ही लोगों को समझ में आ जाता है कि ये डॉक्टर है या मेडिकल स्टाफ का सदस्य. इसके अलावा दूसरा कारण ये है कि डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ दिनभर में तमाम तरह के मरीजों से मिलते हैं, दवाओं, इंजेक्शंस वगैरह के आसपास रहते हैं.
कई मरीज चोटिल होते हैं. ऐसे में इलाज के दौरान अगर खून, दवा या केमिकल उनके कपड़ों पर गिरता है तो उनके लिए भी इंफेक्शन का रिस्क बढ़ता है. सफेद रंग के कारण खून, दवा या केमिकल आदि किसी भी चीज की छींट भी उनके आसपास आती है तो वो आसानी से धब्बे के रूप में दिख जाती है. ऐसे में डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ कोट को आसानी से बदल सकते हैं. इससे उन्हें हाइजीन को मेंटेन करने में मदद मिलती है.
सर्जरी के दौरान हरे या नीले कपड़े पहनने की वजह
अब बात करते हैं कि सर्जरी के दौरान डॉक्टर्स हरे या नीले रंग के कपड़े क्यों पहनते हैं? इसका कारण है कि सर्जरी के दौरान डॉक्टर्स कई घंटे तक लाल रंग के खून को देखते हैं. सर्जरी में पूरे फोकस के साथ जब वो लगातार लाल रंग को देखते हैं, तो इससे आंखों पर जोर भी पड़ता है और तनाव भी बढ़ता है. VIBGYOR के हिसाब से G यानी हरे रंग का स्थान बीच में है, जो संतुलन का प्रतीक माना गया है.
ऐसे में सर्जरी के दौरान डॉक्टर्स की नजरें लाल रंग के साथ-साथ हरे या नीले रंग पर भी पड़ती रहती हैं, तो इससे उनकी आंखों को सुकून मिलता है और वो ठीक से अपना ध्यान केंद्रित कर पाते हैं. इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि साल 1914 में एक जाने-माने डॉक्टर सफेद रंग की बजाय हरे रंग के कपड़े पहनकर सर्जरी करना शुरू किया. इसके बाद ये ड्रेस कोड ट्रेंड बन गया और ज्यादातर डॉक्टर्स आज सर्जरी के दौरान हरे या नीले रंग के कपड़े पहनते हैं.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें