सावन का महीना चल रहा है. ये महीना भगवान शिव की भक्ति का महीना होता है. लेकिन शिवभक्‍त सिर्फ भारत या इसके आसपास के देशों में ही नहीं हैं. एक देश ऐसा है जहां शिव की महिमा को मानने वाले इतने भ‍क्‍त हैं कि उन्‍होंने पूरे देश को ही शिवलिंग के आकार में बसा दिया है. हम बात कर रहे हैं वेटिकन सिटी की. वेटिकन सिटी दुनिया का सबसे छोटा मान्‍यता प्राप्‍त देश है जो यूरोप के रोम में बसा है. ये देश मात्र 0.44 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में बसा है. यहां करीब 800 लोगों की आबादी रहती है. ये लोग कैथोलिक हैं. आइए आपको बताते हैं इस देश से जुड़ी दिलचस्‍प बातें.

इसलिए दिया गया शिवलिंग का आकार

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इटली के रोम में स्थित इस देश के लोगों के बीच मान्‍यता है कि सदियों पहले यहां खुदाई के दौरान एक प्राचीन शिवलिंग मिला था. इस कारण से पूरे देश को शिवलिंग के आकार में बसाया गया है. इस बात की पुष्टि एक इतिहासकार भी अपनी रिसर्च में कर चुके हैं. वेटिकन सिटी को अगर आप ऊपर से देखें तो आपको इसका आकार हू-ब-हू शिवलिंग जैसा दिखेगा. इतना ही नहीं, भगवान शिव के माथे पर बनी तीन रेखाएं भी देखने को मिलेंगीं.

म्‍यूजियम में मौजूद है शि‍वलिंग

कहा जाता है कि खुदाई के दौरान मिला शिवलिंग आज भी यहां के ग्रेगोरियन इट्रस्केन संग्रहालय वेटिकन सिटी में मौजूद है. जिसे देखने के लिए दूर-दूर से टूरिस्‍ट यहां आते हैं. यहीं नहीं, इस देश के नाम का भी कनेक्‍शन भारत से है. कहते हैं कि वेटिकन शब्‍द संस्कृत भाषा के वाटिका से लिया गया है. 

वेटिकन सिटी से जुड़े रोचक तथ्‍य

  • दुनिया बेशक काफी बदल चुकी है, लेकिन इस देश में आज भी सदियों पुरानी परंपराओं को माना जाता है. यहां इटली की भाषा बोली जाती है.
  • विकास के मामले में भी ये देश काफी पीछे है. यहां किसी भी तरह का पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं है. एक 300 मीटर लंबा रेलवे ट्रैक है, जिसके जरिए माल ढोने के काम किया जाता है. इसके अलावा एक भी अस्‍पताल नहीं है. 
  • यहां लोगों को जन्‍म के आधार पर नागरिकता नहीं दी जाती, बल्कि यहां पर कार्यरत होना पड़ता है. नौकरी छोड़ने के बाद यहां की नागरिकता भी खत्‍म हो जाती है. इस जगह की अपनी खुद की करेंसी है. 

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