Valentine’s Week 2023: फरवरी का महीना इजहार-ए-इश्क का महीना कहा जाता है क्‍योंकि इसी महीने में वैलेंटाइन वीक आता है. आज 7 फरवरी से वैलेंटाइन वीक की शुरुआत हो चुकी है. 7 फरवरी को रोज डे (Rose Day) के तौर पर मनाया जाता है, इसके बाद 14 फरवरी तक, हर दिन को एक नए दिन के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है. इस वीक का इंतजार युवाओं को खासतौर पर र‍हता है. लेकिन क्‍या आपने कभी ये सोचा कि इस वैलेंटाइन वीक (Valentine’s Week) या वैलेंटाइन डे को मनाने की शुरुआत कैसे हुई? इसके पीछे संत वैलेंटाइन (Saint Valentine)  की कुर्बानी की कहानी है, जिनके नाम पर इस वीक को सेलिब्रेट किया जाता है. आइए आपको बताते हैं-

रोम से हुई थी इस दिन को सेलिब्रेट करने की शुरुआत

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वैलेंटाइन डे की शुरुआत रोम से मानी जाती है. कहा जाता है कि 270 ईसवी में पादरी हुआ करते थे, जिनका नाम संत वैलेंटाइन था. संत वैलेंटाइन प्रेम को बहुत बढ़ावा देते थे. लेकिन रोम का राजा क्लाउडियस प्रेम के खिलाफ था. उसका मानना था कि प्रेम लोगों के ध्‍यान को भटकाता है. प्रेम में पड़े लोग सेना में भर्ती नहीं होना चाहते. क्लाउडियस के रोम में सैनिकों की शादी और सगाई पर पाबंदी लगा दी. ये बात जब संत वैलेंटाइन को पता चली, तो उन्‍होंने इसका विरोध कर दिया और राजा के विरुद्ध जाकर तमाम लोगों की शादियां करवाईं.

14 फरवरी को दी गई संत वैलेंटाइन को फांसी

इस बात से राजा ने संत वैलेंटाइन को जेल में डलवा दिया और उन्‍हें फांसी की सजा सुना दी. कहा जाता है कि जब संत वैलेंटाइन को जेल में बंद थे, तब उन्होंने वहां के जेलर की बेटी को एक लेटर लिखा, जो देख नहीं सकती थी और उन्हें बहुत मानती थी. लेकिन संत वैलेंटाइन की प्रार्थना से एक चमत्‍कार हुआ और उसकी आंखों में रोशनी आ गई. उस लेटर पर संत ने सबसे आखिर में लिखा था ‘फ्रॉम योर वैलेंटाइन’. 

इसके बाद संत वैलेंटाइन को लोग और भी मानने लगे. 14 फरवरी को संत वैलेंटाइन को फांसी दी गई. चूंकि संत वैलेंटाइन को ये सजा प्रेम के समर्थन करने के कारण मिली थी, इसलिए उनकी मौत के बाद से 14 फरवरी को प्रेम को समर्पित दिन माना जाने लगा और इस दिन को वैलेंटाइन डे के तौर पर मनाया जाने लगा.

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