विश्व की तीसरी सबसे बड़ी हास्पिटैलिटी एसोसिएशन-फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) ने आज (गुरुवार) ताज सिडेड डी गोवा (होराइजन) में अपना 54वां वार्षिक सम्मेलन शुरू किया. 16 से 18 अक्टूबर तक चलने वाले इस तीन दिवसीय इवेंट का उद्घाटन भारत सरकार के माननीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गोवा के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत की उपस्थिति में किया. सम्मेलन में भारत के पर्यटन और आतिथ्य उद्योग के भविष्य पर चर्चा करने के लिए लगभग 800 प्रतिनिधि एकत्रित हुए हैं. सम्मेलन आयोजन समिति (COC) के अध्यक्ष डी.एस. आडवाणी और एफएचआरएआई के अध्यक्ष प्रदीप शेट्टी ने स्वागत भाषण दिया.

क्या है इस साल की थीम

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इस वर्ष के सम्मेलन का थीम -"टूरिज्म @2047: इनक्रेडिबल टू इनएविटेबल इंडिया - ड्राइविंग ग्रोथ एंड सस्टेनेबिलिटी इन ए मिशन मोड" है. इस इवेंट का मुख्य उद्देश्य ऐसी रणनीतियों की पहचान करना है, जो भारत के पर्यटन क्षेत्र में सतत विकास और नवाचार को बढ़ावा देंगी और जो 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के राष्ट्रीय लक्ष्य के साथ तालमेल बना सकेंगी. सम्मेलन के दौरान चर्चाओं में इस बात पर जोर दिया गया कि कैसे पर्यटन एक मिशन-ओरिएंटेड तरीके से आर्थिक विकास और स्थिरता को बढ़ावा दे सकता है.

टूरिज्म बढ़ाने के लिए राज्यों को मिला केंद्र का सहयोग

उद्घाटन के दौरान, संस्कृति मंत्री और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भारत के भविष्य को आकार देने में पर्यटन के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, "पर्यटन उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियां स्पष्ट थीं और इन मुद्दों को प्रभावी ढंग से समझने के लिए राज्य सरकार द्वारा उद्योग का दर्जा देने की आवश्यकता पर एक मजबूत सहमति थी. पिछले कुछ वर्षों में, हमने विभिन्न राज्यों के साथ सहयोग किया है. बेस्ट प्रैक्टिसेज और सरकारी नीतियों को साझा किया है. विश्व पर्यटन दिवस पर, हमने इन जानकारियों को संकलित किया और उन्हें व्यापक रूप से प्रसारित किया. राज्यों से इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए इन रणनीतियों को लागू करने का आग्रह किया."

जीएसटी और इंफ्रा की चुनौतियों का उठाया मुद्दा

उन्होंने कहा कि इन प्रैक्टिसेज के महत्व पर जोर देते हुए हमारे अनुवर्ती कार्य लगातार होते रहे हैं. हमारी जीएसटी और बुनियादी ढांचे से संबंधित चुनौतियों के बारे में, मैंने इस आयोजन से पहले वित्त मंत्री के साथ बैठक का अनुरोध किया और यह भी यह जानते हुए वह विश्व बैंक शिखर सम्मेलन की तैयारियों में व्यस्त थीं. इस उद्योग के लिए बुनियादी ढांचे की स्थिति और इसकी बेहतरी के बारे में हमारी बातचीत काफी सकारात्मक रही. मैं हमारी चर्चाओं से सकारात्मक परिणामों के बारे में आशावादी हूं.

केंद्र चला रही ये योजनाएं

उन्होंने आगे कहा, "हमारे माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में दुनिया भर में प्रतिष्ठा बढ़ रही है. 'देखो अपना देश' और 'चलो इंडिया' जैसी पहलों का उद्देश्य प्रवासी भारतीयों को हमारे देश को बढ़ावा देने के लिए सशक्त बनाना है. उल्लेखनीय रूप से, हमने हाल ही में विश्व पर्यटन दिवस के उपलक्ष्य में एक लाख वीजा निःशुल्क प्रदान किए हैं, और हम प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय बाजारों को आकर्षित करने के लिए विदेश मंत्रालय के साथ सक्रिय रूप से काम कर  रहे हैं. जैसा कि हम लोकप्रिय पर्यटन स्थलों को भीड़-भाड़ से मुक्त करने और नए विकल्प विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं, मैं बड़े पैमाने पर परियोजनाएं लाने के लिए राज्यों के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हूं. हमें अपने पर्यटन परिदृश्य में विविधता लाने के लिए विशेष रूप से ग्रामीण और कम प्रसिद्ध क्षेत्रों में नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए. अंत में, मैं इस सम्मेलन की मेजबानी के लिए गोवा सरकार और मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करता हूं. और मैं एफएचआरएआई के अथक प्रयासों की सराहना करता हूं. इस महत्वपूर्ण सम्मेलन का हिस्सा बनना मेरे लिए सम्मान की बात है."

गोवा सरकार के माननीय पर्यटन मंत्री रोहन खाउंटे ने कहा, "हम गोवा में 12 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद आयोजित हो रहे एफएचआरआई के 54वें वार्षिक सम्मेलन के लिए एकत्रित हुए हैं. मैं देश भर से आए सभी प्रतिनिधियों का हार्दिक स्वागत करता हूं. अपने अद्वितीय आतिथ्य के लिए प्रसिद्ध हमारा प्रिय गोवा "अतिथि देवो भव" की भावना को दर्शाता है. एक ऐसा दर्शन जो हर आगंतुक के साथ हमारी बातचीत का मार्गदर्शन करता है. "टूरिज्म@2047: इनक्रेडिबल टू इनएविटेबल इंडिया- ड्राइविंग ग्रोथ एंड सस्टेनेबिलिटी इन ए मिशन मोड" थीम वाले इस सम्मेलन के माध्यम से हम भारतीय पर्यटन में परिवर्तनकारी बदलाव के मुहाने पर खड़े हैं."

2047 तक 3 खरब डॉलर का टूरिज्म बिजनेस

गोवा के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा, "गोवा में इस प्रतिष्ठित 54वें वार्षिक एफएचआरएआई सम्मेलन के लिए एकत्र होना हम सबके लिए बहुत गर्व का क्षण है. पर्यटन हमेशा से भारत की प्रमुख शक्तियों में से एक रहा है, लेकिन अब समय आ गया है कि हम आगे की ओर देखें. 2047 तक 3 खरब डॉलर की पर्यटन अर्थव्यवस्था और 10 करोड़ वार्षिक विदेशी आगंतुकों के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ, हम परिवर्तन के लिए तैयार हैं. 'अतुल्य भारत' से 'अपरिहार्य भारत' तक, हमारा ध्यान स्थिरता, तकनीकी इनोवेशन और एक कुशल वर्कफोर्स के निर्माण पर होगा."