Lakshadweep Tourism Development: केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय लक्षद्वीप को विकसित करने के लिए एक स्थायी पर्यटन विकास मॉडल अपनाएगा, हालांकि इस दौरान इसकी पारिस्थितिकी और पर्यावरण का खास ध्यान रखा जाएगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. पर्यटन मंत्रालय, बेंगलुरु कार्यालय के निदेशक, मोहम्मद फारूक ने कहा कि घरेलू द्वीपों को बढ़ावा देने के अलावा, पर्यटन को विकसित करने के लिए भारत में कम लोकप्रिय स्थानों की पहचान की जा रही है और छोटे प्रचार कार्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं. 

Lakshadweep Tourism Development: इस वजह से बड़े पैमाने पर पर्यटन को प्रोत्साहित नहीं करना चाहती सरकार

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मोहम्मद फारूक ने कहा कि मंत्रालय कम से कम कुछ समय के लिए इन कम ज्ञात गंतव्यों में बड़े पैमाने पर पर्यटन को प्रोत्साहित नहीं करना चाहता है, ताकि स्थानों की सुंदरता और पारिस्थितिक संवेदनशीलता बनी रहे. फारूक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, "हाल ही में, हमारे माननीय प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप का दौरा किया था. वह सबसे लोकप्रिय द्वीपों में शुमार है और वहां के समुद्र तट सुंदर हैं. यह (लक्षद्वीप) सबसे अच्छे समुद्र तटों वाले द्वीपों में से एक है. इसलिए हम लक्षद्वीप को बढ़ावा दे रहे हैं. 

Lakshadweep Tourism Development: लक्षद्वीप के बारे में हो रहा अध्ययन, बहुत जल्द खुलेंगे अच्छे होटल

बकौल मोहम्मद फारूक, 'एक पर्यटन स्थल के रूप में लक्षद्वीप के बारे में बहुत गहन अध्ययन हो रहा है. हम बहुत जल्द लक्षद्वीप में अच्छे होटल खोलेंगे.” उन्होंने कहा, "ताज होटल समूह वहां होटल बना रहा है। उन्होंने पहले ही काम शुरू कर दिया है और मुझे यकीन है कि एक या दो साल में समूह पर्यटकों को सेवाएं प्रदान करेगा.” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया लक्षद्वीप यात्रा और बंगाराम में उनके प्रवास के कारण फिरोजी पानी, बहुरंगी मूंगा चट्टानों और विभिन्न प्रकार के समुद्री जीवों वाले इस द्वीप में पर्यटकों का आना बढ़ गया है. 

Lakshadweep Tourism Development: पोत संपर्क, पर्यटन के बुनियादी ढांचे का किया जाएगा विकास

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश करते हुए अपने बजट भाषण में कहा था, 'लक्षद्वीप सहित हमारे द्वीपों पर’’ पोत संपर्क, पर्यटन के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के लिए परियोजनाएं शुरू की जाएंगी.' केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘घरेलू पर्यटन के लिए उभरते उत्साह को संबोधित करने के लिए, लक्षद्वीप सहित हमारे द्वीपों पर पोत संपर्क, पर्यटन बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के लिए परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। इससे रोजगार पैदा करने में भी मदद मिलेगी.’