Kainchi Dhaam Mela Facts: उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित कैंची धाम का 59वां स्थापना दिवस 15 जून को मनाया जा रहा है. इस मौके पर लाखों भक्तों का हुजूम कैंची धाम में उमड़ा हुआ है. कैंची धाम के स्थापना दिवस के मेले का भक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है. विशाल भंडारे लगने के साथ-साथ मेले में बतौर प्रसाद मालपुआ भी दिया जाता है. इसे बनाने के लिए कारिगरों की टीम मथुरा से आती है, जो तीन दिनों तक प्रसाद बनाती हैं.   

Kainchi Dhaam Mela Facts: बाबा को लगाया गया मालपुए का भोग

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बाबा नीम करौली ने अपने दोस्त पूर्णानंद के साथ मिलकर 15 जून 1964 में कैंची धाम आश्रम की स्थापना की थी. 15 जून के भव्य मेले की शुरुआत में  सुबह पांच बजे शंख, घंटा, ढोल नगाड़ों के साथ मंदिर में बाबा को मालपुए का भोग लगाया गया. इसके बाद कैंची मंदिर के द्वार खोलने के साथ ही श्रद्धालुओं को मालपुओं का प्रसाद बांटा जाता है. मंदिर समिति की तरफ से 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को भोजन कराया गया है. वहीं, भक्तों के लिए शटल सेवा का भी इंतजाम किया गया है.

Kainchi Dhaam Mela Facts: बाबा का पसंदीदा व्यंजन मालपुआ

मालपुआ नीम करौली बाबा का पसंदीदा व्यंजन था. ये मालपुआ शुद्ध देसी घी में बनाया जाता है. एक वक्त में ये प्रसाद केवल उन्हें ही मिलता था. पिछले कुछ साल में भक्तों को प्रसाद कागज के पैकेट में वितरित किया जाता है. मथुरा के सोंख गांव से आए 45 कारीगार कैंची धाम में सोमवार से शुद्ध देसी घी में मालपुआ बना रहे हैं. इसके अलावा मंदिरों को प्रसाद उपलब्ध कराने के लिए 35 क्विंटल कागज की थैली दिल्ली से मंगवाई गई है.   

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Kainchi Dhaam Mela Facts: यहां से शुरू होगी शटल सेवा 

भीमताल से आने वाले वाहन नैनी बैंड-मस्जिद तिराहा बाईपास पर पार्क किए जाएंगे. नैनी बैंड से भक्तों को शटल से कैंची धाम के लिए भेजा जाएगा. नैनीताल से कैंचीधाम आने वाले चारपहिया वाहन सेनिटोरियम-रातीघाट रोड पर पार्क होंगे. यहां से यात्रियों को सेनिटोरियम बैरियर से कैंची धाम के लिए शटल सेवा होगी.खैरना से कैंचीधाम आने वाले वाहन खैरना पैट्रोल पंप के आगे गाड़ियां पार्क करेंगे. यहां से शटल सेवा पनीराम ढाबे तक चलेगी.