जब भी हम कहीं पर घूमने के लिए जाते हैं तो किसी न किसी होटल में ठहरते हैं. होटल की कीमत रेटिंग के हिसाब से या फिर सीजन के हिसाब से होती है. जब होटल से चेकआउट का समय आता है तब आप जितने दिन ठहरे हैं, उसका बिल पे करते हैं. आमतौर पर होटल मैनेजर जितना बिल बनाकर देता है, लोग उसे पे कर देते हैं. लेकिन आपको बिल पे करने से पहले उसे अच्‍छी तरह से देखना चाहिए क्‍योंकि होटल के बिल में ऐसी कुछ चीजें होती हैं, जिन पर लोग गौर नहीं करते और ज्‍यादा पैसा होटल वालों को दे देते हैं. अगर आप इस पर ध्‍यान दें तो अपने काफी पैसे बचा सकते हैं.

जीएसटी

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आपके होटल का बिल जब दिया जाता है तो उसमें जीएसटी को भी शामिल किया जाता है. लेकिन क्‍या आपको पता है कि नियम के मुताबिक 1000 रुपए प्रति दिन से कम वाले होटल पर 12 फीसदी का जीएसटी वसूल किया जाना चाहिए. वहीं 7500 रुपए तक रोजाना किराए वाले होटल्स पर 12 फीसदी का जीएसटी लगेगा. अगर होटल रूम का किराया 7501 रुपए या इससे ज्यादा होगा तो जीएसटी की दर 18 फीसदी होगी. ऐसे में अगर आपसे ज्यादा टैक्स वसूला जाता है तो आप ये जानकरी होटल मालिक को दे सकते हैं.

सर्विस चार्ज

कई बार होटल मालिक बिल में सर्विस चार्ज भी शामिल कर देते हैं. लेकिन सर्विस चार्ज देने का कोई नियम नहीं है. ये 5 फीसदी से 15 फीसदी तक हो सकता है. लेकिन सर्विस चार्ज देना या न देना ग्राहक की मर्जी है. इसे कोई जबरन आपसे वसूल नहीं कर सकता. अगर कोई होटल आपसे जबरन सर्विस चार्ज वसूलता है तो आप इसकी शिकायत उपभोक्‍ता आयोग में कर सकते हैं. ये शिकायत आप ऑनलाइन भी कर सकते हैं और हेल्पलाइन नंबर 1915 पर भी कॉल करके भी कर सकते हैं.

ये भी हैं होटल के पैसे बचाने के तरीके

  • कहीं जाने से पहले ऑनलाइन होटल की कीमत को चेक करें. कोई दुविधा है तो आप डायरेक्‍ट होटल में बात करके कीमत पूछें और उसके बाद नेगोशिएट करके बुकिंग करवा सकते हैं.
  • आजकल कई तरह की वेबसाइट्स हैं जो होटल बुकिंग पर तमाम ऑफर्स देती हैं. इन ऑफर्स की तुलना करें. इसके बाद बेहतर डील जहां दिखे, उसके जरिए बुकिंग करवाएं..
  • होटल बुकिंग करते समय उसमें शामिल ब्रेकफास्‍ट की सुविधा को अवॉयड करें. इससे भी आपके काफी पैसे कम हो जाएंगे.
  • ऑफ सीजन में घूमने की प्‍लानिंग करें और होटल की बुकिंग कराएं. ऐसे में आपको काफी किफायती दामों में होटल मिल सकते हैं.