Solar Eclipse 2024 Date: साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल सोमवार को लगने जा रहा है. ये पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा. जिस दिन सूर्य ग्रहण लगेगा उस दिन चैत्र अमावस्‍या (Chaitra Amavasya) है और इसके अगले दिन से चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) की शुरुआत होगी. सूर्य ग्रहण हर साल लगता है, लेकिन क्‍या आपने नोटिस किया है कि जब भी सूर्य ग्रहण लगता है, उस दिन अमावस्‍या जरूर होती है!  कभी सोचा है कि ऐसा आखिर किस वजह से होता है? आइए आपको बताते हैं.

ये है अमावस्‍या पर सूर्य ग्रहण लगने की वजह

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ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि हर अमावस्‍या पर सूर्य ग्रहण नहीं लगता, लेकिन जिस दिन भी सूर्य ग्रहण लगता है, उस दिन अमावस्‍या जरूर होती है. ज्‍योतिषाचार्य कहते हैं कि बिना चंद्रमा और सूर्य के संबन्‍ध के कोई भी ग्रहण नहीं लग सकता. अमावस्‍या वो दिन होता है जब सूर्य और चंद्रमा एक ही अंश पर आ जाते हैं. जिस अमावस्‍या पर सूर्य और चंद्रमा एक ही अंश पर हों और उनका संबन्‍ध राहु-केतु से बन जाए, उस अमावस्‍या पर सूर्य ग्रहण लग जाता है. 

अमावस्‍या पर सूर्य ग्रहण का वैज्ञानिक कारण भी जानें

अगर खगोलीय रूप से देखें तो पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है और चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है. अमावस्‍या के दिन चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच होता है और पृथ्‍वी के सबसे करीब होता है. इस बीच कई बार वो क्षण आता है कि जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच इस तरह से आता है कि पृथ्‍वी पर सूर्य की रोशनी नहीं पड़ पाती. ये स्थिति जिस अमावस्‍या पर बन जाती है, तब सूर्य ग्रहण लग जाता है.

कितने बजे लगेगा सूर्य ग्रहण

साल का पहला सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार रात में करीब 09:12 पर शुरू होगा और ग्रहण का समापन रात 01:25 पर हो जाएगा. ये ग्रहण पश्चिमी यूरोप पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक मेक्सिको, उत्तरी अमेरिका, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भाग, कनाडा, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र और आयरलैंड में दिखाई देगा. भारत में ये नजर नहीं आएगा. ऐसे में भारत में सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक के नियम भी लागू नहीं होंगे.

तीन तरह का होता है सूर्य ग्रहण

आंशिक सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है और जब सूर्य का कुछ यानी आंशिक हिस्सा चंद्रमा से ढंक जाता है तो उसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं. इस बार का सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण है.

 

पूर्ण सूर्य ग्रहण:  जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी तीनों एक सीध में आ जाते हैं और इसके कारण पृथ्वी के एक भाग पर पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है, तो इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है.

 

वलयाकार सूर्यग्रहण: जब ग्रहण के समय चंद्रमा सूर्य को इस प्रकार से ढंकता है, कि सूर्य का केवल मध्य भाग ही छाया क्षेत्र में आता है. ऐसे में सूर्य एक कंगन की तरह दिखाई देता है. इसे वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है.