राजधानी दिल्‍ली में अब टोमैटो फ्लू ने तेजी से पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. एम्‍स,  सफदरजंग और आरएमएल जैसे अस्‍पतालों में आए दिन टोमैटो फ्लू के संक्रमण के साथ बच्‍चे पहुंच रहे हैं. टोमैटो फ्लू के केस बढ़ने के बाद केंद्र सरकार द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है. इस एडवाइजरी में माता-पिता को ये सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि उनके बच्‍चे अपने साथियों के गले लगने या छूने से बचे रहें. ऐसे में टोमैटो फ्लू को लेकर सावधानी बरतना बहुत जरूरी हो गया है. आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

संक्रामक बीमारी है टोमैटो फ्लू

इस मामले में डॉ. राजकुमार गुप्‍ता की मानें तो टोमैटो फ्लू एक कॉक्ससैकी वायरस ए16 है,  जो नाक, गले, मुंह के जरिए बहुत तेजी से फैलता है. ये एक संक्रामक रोग है और ज्‍यादातर इसकी चपेट में पांच साल से कम उम्र के बच्‍चों के आने का डर रहता है. ज्‍यादातर इसके मामले वहां फैलने का डर होता है, जहां एक साथ तमाम बच्‍चे इकट्ठे हों. हालांकि ये बीमारी वयस्‍कों को भी प्रभावित कर सकती है, इसलिए उन्‍हें भी इससे सावधान रहने की जरूरत है.

ये लक्षण आते हैं सामने

इस समस्‍या के दौरान हाथ, पैर, हथेली और मुंह में लाल छाले हो सकते हैं. जो कभी-कभी बढ़ते हुए टमाटर के आकार के बराबर हो जाते हैं, इस कारण इसका नाम टोमैटो फ्लू रखा गया है. इसके अलावा शरीर में दर्द, स्किन पर रैशेज थकान, जी मिचलाना, उल्टी, दस्त, बुखार, डिहाइड्रेशन, जोड़ों में सूजन, शरीर में दर्द जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं. हालांकि थोड़ी सावधानी बरती जाए तो ज्‍यादातर बच्‍चे घर में रहकर ही ठीक हो सकते हैं. सप्‍ताहभर के अंदर लाल दाने भी पूरी तरह से समाप्‍त हो जाते हैं.

क्‍या सावधानी बरतें

  • संभव हो तो बच्‍चों को सात दिनों के लिए क्‍वारंटीन करें.
  • बच्‍चों के खिलौने, कपड़े आदि को संक्रमित बच्‍चों से शेयर न होने दें.
  • साफ-सफाई बरतें. बच्‍चों के पहुंच की ज्‍यादातर चीजों को सैनिटाइज करें.
  • उनके हाथों को समय समय पर धुलाते रहें और कपड़ों को गर्म पानी में धोएं.
  • उनके शरीर की सफाई भी गर्म पानी में स्‍पंज डुबोकर करें.