Thyroid Awareness Month: थायरॉइड कंट्रोल करने के लिए इन आसान टिप्स को आजमाएं
हाइपोथाइरॉएडिज्म, हाइपरथाइरॉएडिज्म, थायरॉयडिटिस और हाशिमोटो थायरॉयडिटिस के कुछ सामान्य रूप हैं. थायरॉयड की समस्या किसी को भी प्रभावित कर सकती है लेकिन ऐसा देखा जाता हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायरॅाइड (Thyroid) की समस्या ज्यादा मिलती है.
जनवरी को हर साल थायरॉइड जागरूकता माह (Thyroid Awareness Month) के रूप में मनाया जाता है. थायरॉइड एक तितली के आकार का ग्लैंड है जो गर्दन के सामने स्थित होता है और हमारे स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती के लिए महत्वपूर्ण हार्मोन का प्रोडक्शन करता है. जब हमारे थायरॉयड ग्लैंड कुछ महत्वपूर्ण हार्मोनों का बहुत अधिक या बहुत कम प्रोडक्शन करती है, तो यह थायरॉइड रोग का कारण बन सकता है. हाइपोथाइरॉएडिज्म, हाइपरथाइरॉएडिज्म, थायरॉयडिटिस और हाशिमोटो थायरॉयडिटिस के कुछ सामान्य रूप हैं. थायरॉयड की समस्या किसी को भी प्रभावित कर सकती है लेकिन ऐसा देखा जाता हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायरॅाइड (Thyroid) की समस्या ज्यादा मिलती है. ऐसे में अगर आप भी इसकी शिकार हो चुकी हैं, तो इन 5 टिप्स से आपको मिलेगी मदद.
क्या होता है थायरॅाइड?
थायरॉइड (Thyroid Gland) हमारे शरीर का एक बहुत इम्पोर्टेन्ट ग्लैंड है. आजकल इससे जुड़ी प्रोब्लम्स काफी तेजी से फैल रही है. आमतौर पर थायरॉइड की प्रोब्लम महिलाओं को अपना शिकार बनाती है. थायरॉइड की समस्या आपके शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर देती है. इस प्रोब्लम से असामान्य रूप से वजन बढ़ने (Weight Gain) लगता है साथ ही बाल और स्कीन ड्राई (Dry hair and Skin) होने लगती है. इसके साथ घबराहट (Anxiety), नींद न आना (Insomnia), मांसपेशियों में कमजोरी महसूस करना भी थायरॉइड में नजर आने वाले कुछ सामान्य लक्षण (Bad Thyroid Symptoms) है. इन परेशानियों को ध्यान में रखते हुए आज हम लेकर आए हैं थायरॉइड से बचने से कुछ जरूरी उपाय (Tips to Cure Thyroid). तो चलिए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से.
इन चीज़ों से बनाए दूरी
ऐसे खाने से पूरी तरह परहेज रखने की कोशिश करें जिसमें गोइट्रोजेन (Goitrogen) हो. ऐसे कइ खाद्य पदार्थ होते हैं जिनमे गोइट्रोजेन भारी मात्रा में होता हैं. खासकर सोया प्रोडक्ट (Soya Products) जैसे टोफू (Tofu) साथ ही कुछ सब्जियां जिनमें पत्ता गोभी, ब्रोकली और गोभी शामिल है. वहीं शकरकंद, बेर, स्ट्राबेरी और मूंगफली से भी दूरी बनाए रखने की कोशिश करें, क्योंकि यह प्रोडक्ट्स थायरॉइड की स्थिति को और ज्यादा खराब कर सकते हैं.
इन चीज़ो को खाने से होगा फायदा
शरीर में आयोडीन (Iodine) की कमी थायरॉइड की समस्या का एक बड़ा कारण है. ऐसे में शरीर मे आयोडीन की मात्रा बनाए रखने के लिए डेयरी प्रोडक्ट (Dairy Products) का सेवन करना अच्छा होता है. साथ ही सेलेनियम (Selenium) से भरी चीज़े जैसे कि सनफ्लावर सीड्स (Sunflower Seeds), ब्राउन राइस (Brown Rice) और योगर्ट (Yoghurt) लेना भी जरूरी होता है. हाइपोथाइरॉएडिज्म (Hypothyroidism) की स्थिति में इन खाद्य पदार्थों का सेवन फायदेमंद रहता है.
योग को करे रूटीन में शामिल
योग (Yoga) टीएसएच (thyroid stimulating hormones) को रिलीज करने में मदद करता है. कुछ ऐसे योगासन हैं जो न केवल थायरॉइड ग्लैंड को ठीक से काम करने में मदद करते हैं बल्कि वे पिट्यूटरी ग्लैंड (Pituatary Gland) को भी एक्टिवेट करते हैं. अगर आप हाइपोथाइरॉएडिज्म की प्रोब्लम से परेशान है तो भुजंगासन, धनुवक्रासन, उष्ट्रासन, और चक्रासन का अभ्यास कर सकते हैं. क्योंकि, थायरॅाइड की प्रोब्लम में व्यक्ति को शक्ति की जरूरत होती है. ऐसे में इन योगासनों का अभ्यास आपको शक्ति प्राप्त करने में मदद करता है.
अपनी नींद करें पूरी
ऐसा कहा जाता है कि नींद की कमी हाइपरथाइरॉएडिज्म (Hyperthyroidism) का कारण बनती है. वहीं जरूरत से ज्यादा सोने से हाइपोथाइरॉएडिज्म के लक्षण नजर आ सकते हैं. ऐसे में सोने का एक सही समय लगभग 7 से 8 घंटे का होता है. सही अमाउंट में नींद लेने से T3 और t4 हॉर्मोन्स को रिलीज होने में मदद मिलती है, जिससे थायरॉइड लेवेल ठीक रेहते है.
मेडिटेशन देगा राहत
तनाव लगभग सभी एंडोक्राइन (Endocrine System) से जुड़ी समस्याओं का एक बड़ा कारण है. स्ट्रेस (Stress) TS3 और TS4 के प्रोडक्शन को भी काफी ज्यादा प्रभावित करता है. ऐसे में मेडिटेशन (Meditation) का अभ्यास आपके दिमाग को शांत रहने में मदद करता है. साथ ही आपके शरीर से टेंशन (Tension) को रिलीज करता है. आप शांत जगह पर खुले वातावरण में कुछ देर टहल सकते हैं, साथ ही एक मुद्रा में शांत बैठकर ध्यान लगाने की कोशिश करना भी फायदेमंद होता है.
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