Surya Grahan: कोलकाता, लखनऊ समेत देश के कई हिस्सों में दिखा सूर्यग्रहण, यहां देखें सूर्यग्रहण की खूबसूरत तस्वीरें
Surya Grahan: भारत के कई हिस्सों में साल का आखिरी सूर्यग्रहण देखा जा रहा है. कोलकाता, भुवनेश्वर, जम्मू, लखनऊ समेत कई जगहों पर लोग ने इस सूर्यग्रहण को देखा.
Surya Grahan: भारत में मंगलवार को इस साल का आखिरी सूर्यग्रहण शुरू हो चुका है. इसे गुजरात के द्वारका में सबसे लंबी अवधि तक देखा जा सकता है. यह आंशिक सूर्यग्रहण उत्तर पूर्व के कुछ हिस्सों सहित भारत के अधिकांश हिस्सों में दिखाई दे रहा है. हालांकि इस ग्रहण का अंत भारत में दिखाई नहीं देगा, क्योंकि भारत में सूर्यास्त होने के बाद भी यह ग्रहण जारी रहेगा. देश के उत्तर पश्चिमी भागों में अधिकतम ग्रहण के समय चंद्रमा द्वारा सूर्य का धुंधलापन लगभग 40-50 फीसदी के बीच होगा. कोलकाता, जम्मू, लखनऊ समेत देश के कई हिस्सों में यह ग्रहण देखा जा रहा है.
कहां कैसा दिख रहा है ग्रहण
दिल्ली और मुंबई में, सबसे बड़े ग्रहण के समय चंद्रमा द्वारा सूर्य का प्रतिशत कवरेज क्रमशः 44 प्रतिशत और 24 प्रतिशत होगा. ग्रहण की शुरुआत से सूर्यास्त तक की अवधि दिल्ली में एक घंटा तेरह मिनट और मुंबई में एक घंटा उन्नीस मिनट की होगी.
चेन्नई और कोलकाता में ग्रहण की शुरुआत से सूर्यास्त तक की अवधि क्रमशः 31 मिनट और 12 मिनट होगी. द्वारका में आंशिक सूर्य ग्रहण एक घंटे और साढ़े चार मिनट के लिए दिखाई देगा. यह आंशिक सूर्य ग्रहण दिवाली के एक दिन बाद लगा है.
कब होगा अगला सूर्यग्रहण
भारत में अगला सूर्य ग्रहण 2 अगस्त 2027 को दिखाई देगा, जो पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा. देश के सभी हिस्सों से वह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में परिलक्षित होगा. अमावस्या को सूर्य ग्रहण तब घटित होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है तथा वे तीनों एक सीध में आ जाते हैं. आंशिक सूर्य ग्रहण तब घटित होता है जब चन्द्र चक्रिका सूर्य चक्रिका को आंशिक रूप से ही ढक पाती है.
सूर्य ग्रहण के समय न करें ये लापरवाही
सूर्य ग्रहण को थोड़ी देर के लिए भी खाली आंखों से नहीं देखा जाना चाहिए. चंद्रमा सूर्य के अधिकतम हिस्सों को ढक दे तब भी इसे खाली आँखों से न देखें क्योंकि यह आँखों को स्थाई नुकसान पहुंचा सकता है जिससे अंधापन हो सकता है. सूर्य ग्रहण को देखने की सबसे सही तकनीक है ऐलुमिनी माइलर, काले पॉलिमर, 14 नं. शेड के झलाईदार कांच का उपयोग कर अथवा टेलेस्कोप के माध्यम से श्वेत पट पर सूर्य की छाया का प्रक्षेपण कर इसे देखना.