Doctor on Shane Warne's Death:  ऑस्ट्रेलिया के महान स्पिनर शेन वॉर्न की चार मार्च 2022 को हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी. एक साल बाद अब  ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय मूल के अग्रणी हृदय रोग विशेषज्ञ और  एक आस्ट्रेलियाई डॉक्टर ने आशंका जाहिर की है कि शेन वॉर्न की अचानक मौत का कारण कोविड का एमआरएनए टीका हो सकता है. वॉर्न ने ये टीके मृत्यु से लगभग नौ महीने पहले लगवाया था. हार्ट स्पेशलिस्ट  डॉ.असीम मल्होत्रा और ऑस्ट्रेलियन मेडिकल प्रोफेशनल्स सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. क्रिस नील ने वॉर्न के पोस्टमॉर्टम के निष्कर्षों के आधार पर ये दावा किया है.  

Doctor on Shane Warne's Death:  पोस्टमॉर्टम से सामने आई ये बात

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हार्ट स्पेशलिस्ट  डॉ.असीम मल्होत्रा और ऑस्ट्रेलियन मेडिकल प्रोफेशनल्स सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. क्रिस नील ने कहा है कि 52 साल वॉर्न के पोस्टमॉर्टम निष्कर्षों से ‘कोरोनरी एथेरोस्क्लेरोसिस’ यानी हृदय रोग का पता चला है. उनकी रिसर्च से पता चलता है के कोविड के एमआरएनए टीके से कोरोनरी बीमारी तेजी से बढ़ती है. खासकर उन लोगों में जिन्हें पहले से ही हल्की हार्ट से जुड़ी बीमारी हो. डॉ. मल्होत्रा ने कहा, “पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों का 52 साल की उम्र में अचानक हृदय के कारण मौत का शिकार होना काफी असामान्य है.' 

Doctor on Shane Warne's Death: स्वस्थ नहीं थी शेन वॉर्न की जीवनशैली

डॉक्टर असीम मल्होत्रा ने आगे कहा,'हम यह भी जानते हैं कि हाल के वर्षों में शेन की जीवन शैली स्वस्थ नहीं थी. उनका वजन अधिक था और वह धूम्रपान करते थे. संभावना है कि उनकी धमनियों में कुछ हल्की फुंसी फाइजर के एमआरएनए कोविड-19 टीके की दो खुराक प्राप्त करने के बाद तेजी से बढ़ गई हो. ऐसा मैंने अपने रोगियों के साथ होता देखा है और मेरे अपने पिता की मृत्यु भी इसी तरह हुई थी.'

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

 

Doctor on Shane Warne's Death: कमरे में बेहोश पाए गए थे शेन वॉर्न 

ऑस्ट्रेलिया के लेग स्पिनर गेंदबाज वॉर्न पिछले साल मार्च में थाईलैंड में अपने होटल के कमरे में बेहोश पाए गए थे, इसके बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था. इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर और आईपीएल में शेन वॉर्न के साथ खेल चके दिमित्री मास्करेन्हास ने कहा, 'अगर उन्होंने वैक्सीन नहीं ली होती तो वह शायद आज जिंदा होते. मैं इन डॉक्टर्स का पूरा सपोर्ट करता हूं, जो इन वैक्सीन को ऑस्ट्रेलिया और दुनिया के दूसरे देशों में तुरंत बैन लगाने की मांग कर रहे हैं.'