आईसीसी बिग थ्री (तीन बड़े क्रिकेट बोर्ड) के इतर अन्य क्रिकेट बोर्ड के लिए 2025 से एक समर्पित राशि जारी कर सकती है. इसका उद्देश्य टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देना है और इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि अन्य बोर्ड आकर्षक फ्रेंचाइजी लीग से प्रतिस्पर्धा करने के साथ साथ अपने लिए एक टैलेंट पूल का निर्माण कर सकें. मुख्य रूप से इसकी पहल क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के अध्यक्ष मार्क बेयर्ड ने की थी, जिसका भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई ) और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने भी समर्थन किया था. 

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आईसीसी की इस पहल का उद्देश्य यह भी है कि इससे तमाम बोर्ड के खिलाड़ियों के लिए संतोषजनक मैच फीस सुनिश्चित करने के लिए एक केंद्रीय कोष का निर्माण किया जा सकेगा. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल क्रिसमस तक इस प्रस्ताव को अनुमति मिल जाएगी और अगले वर्ष से इस पर अमल भी कर लिया जाएगा. इससे न सिर्फ अधिक राशि के लिए टेस्ट क्रिकेट के बजाय छोटे प्रारूप का रुख करने वाले खिलाड़ियों के लिए टेस्ट क्रिकेट आकर्षण का एक केंद्र बनेगा बल्कि यह कम धन राशि वाले क्रिकेट बोर्ड को भी वित्तीय लाभ पहुंचाएगा.

 भारत,ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को छोड़कर टेस्ट खेलने वाले अन्य नौ देशों को बतौर मेजबान और मेहमान को भी लाल गेंद क्रिकेट खेलने के दौरान नुकसान उठाना पड़ता है. इसी गर्मियों की शुरुआत में क्रिकेट वेस्टइंडीज (सीडब्लूआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉनी ग्रेव ने बताया था कि साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के दौरे में बोर्ड को कुल 20 लाख अमेरिकी डॉलर का खर्च आया. 2023 में ही ईसीबी कैरिबियाई धरती पर अतिरिक्त तीन टी20 खेलने के लिए राजी हो गई थी जो कि वित्तीय लाभ के दृष्टिकोण से अधिक फायदेमंद था. पिछले महीने ही इंग्लैंड में टेस्ट श्रृंखला के एवज में ईसीबी वेस्टइंडीज को अपने घर पर अंडर-19 दौरे की सुविधा भी मुहैया कराने वाला है.

क्रिकेट बोर्ड को जारी की जाने वाली समर्पित राशि डेढ़ करोड़ अमेरिकी डॉलर के आसपास हो सकती है. ऐसे क़यास लगाए जा रहे हैं कि बीसीसीआई के सचिव जय शाह और ईसीबी के अध्यक्ष रिचर्ड थॉम्पसन का समर्थन इस प्रस्ताव को हासिल है. हालांकि इसकी चर्चा अभी शुरुआती स्तर पर ही है और अब तक आईसीसी द्वारा बोर्ड या कार्यकारी समिति के स्तर पर इस संबंध में कोई चर्चा नहीं की गई है.