मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश की रहने वाली सानिया मिर्जा देश की पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट बनने जा रही हैं. सानिया मिर्जा ने UPSC का NDA एग्जाम पास करके ये मुकाम हासिल किया है. NDA यानी नेशनल डिफेंस एकेडमी, सेना में अफसर बन देश की सेवा करने वालों के लिए होने वाला एग्जाम होता है. सानिया ने इस एग्जाम में 149वीं रैंक हासिल की है. 

बेटी की सफलता से खुश पिता

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अपनी बेटी की सफलता को देखते हुए सानिया के पिता शाहिद अली ने कहा कि उन्हें बहुत ख़ुशी हो रही है की उनकी बेटी फाइटर प्लेन पायलट के रूप में सेलेक्ट हुई है. पुरे देश में सिर्फ दो ही सीट थी जिनमें से एक मेरी बेटी को मिली है. मेरी बेटी ने पूरे जिले में मेरा नाम किया है. उन्होंने बताया कि वो खुद एक टीवी मैकेनिक है और अपने बच्चों के लिए उन्होंने 14-16 घंटे काम किया है. उन्हें किसी भी चीज़ की कोई कमी नहीं होने दी है. साथ ही वे बोले कि उनकी बेटी सानिया अवनी चतुर्वेदी को देखती थी, और उनसे ही प्रेरित थी. 

 

 

सानिया ने बताई अपनी कहानी 

सानिया UPSC NDA के 149वें कोर्स के लिए सेलेक्ट हुई हैं. उनकी ट्रेनिंग 27 दिसंबर से खड़कवासला स्थित एकेडमी में होगी. सानिया ने इस ख़ुशी के मौके पर कहा कि- मैं NDA के 149वें कोर्स के लिए सेलेक्ट हुई हूं. 27 दिसंबर को मुझे एकेडमी ज्वाइन करनी है. शुरुआती स्कूलिंग मैंने अपने गांव जसोवर से की है. लेकिन गांव के स्कूल में साइंस स्ट्रीम नहीं थी. जिसकी वजह से 11वीं में मैं शहर चली गई थी. 12वीं की बोर्ड में मैंने अपने जिले में टॉप किया था.

अवनी चतुर्वेदी थी प्रेरणा

सानिया ने आगे बताया कि वो अवनी चतुर्वेदी से प्रेरित थी. जब उन्हें पता चला कि देश में अवनी चतुर्वेदी के बाद कोई भी महिला फाइटर स्ट्रीम में कमीशन नहीं हुई है तभी से उन्होंने फाइटर पायलट बनने का सपना देखा था. फिर NDA की तयारी की. उन्होंने बताया कि इस बार NDA में कुल 19 सीटें महिलाओं के लिए थी, जिसमें से सिर्फ 2 सीटें ही फाइटर पायलट की थीं. 

सानिया ने कहा कि मेरे पेरेंट्स में मुझे पूरा सपोर्ट किया था. सबने मुझे पढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित किया है. मै यही आशा करती हूं कि आगे चलकर लीग मुझसे भी प्रेरणा लेंगे. 

 

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