Sakat Chauth 2023 Date & Shubh Muhurat: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, सकट चौथ का व्रत माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस साल सकट चौथ मंगलवार यानी 10 जनवरी को मनाई जा रही है. इस व्रत को सकट चौथ के नाम से ही नहीं, बल्कि सकट चतुर्थी, लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी, तिलकुट चौथ, संकट चौथ , तिलकुट चतुर्थी, माघी चौथ, तिल तौथ आदि के नामों से जाना जाता है. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और गणपति जी से संतान की खुशहाली और लंबी उम्र की कामना करती हैं. आइए जानते हैं पूजा करने का सही समय, विधि विधान और जानेंगे कौन हैं सकट माता. 

सकट चौथ 2023 का शुभ मुहूर्त (Sakat Chauth 2023 Shubh Muhurat)

  • सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 7 बजकर 15 मिनट से सुबह 9 बजकर 1 मिनट तक
  • प्रीति योग सूर्योदय- सुबह 11 बजकर 20 मिनट तक
  • आयुष्मान योग- सुबह 11 बजकर 20 मिनट के पूरे दिन रहेगा

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सकट चौथ पर भद्रा का साया

भद्रा- सुबह 7:15 - दोपहर 12:09 मिनक तक

भद्रा काल में शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है. सकट चौथ में भगवान गणेश जी को तिन के लड्डुओं का भोग लगाया जाता है. इसे तिल संकटा चौथ भी कहते हैं. 

अलग-अलग शहरों में चंद्रमा निकलने का समय (Moon Rising time)

  • नई दिल्ली - 08 बजकर 41 मिनट 
  • लखनऊ - 08 बजकर 28 मिनट  
  • चंडीगढ़ - 08 बजकर 39 मिनट 
  • देहरादून - 08 बजकर 35 मिनट 
  • पुणे - 09 बजकर 09 मिनट 
  • जयपुर - 08 बजकर 50 मिनट
  • शिमला- 08 बजकर 27 मिनट
  • अहमदाबाद- 09 बजकर 08 मिनट
  • कोलकाता- 08 बजकर 04 मिनट
  • गुरुग्राम- 08 बजकर 41 मिनट
  • बंगलुरु- 09 बजकर 01 मिनट
  • भोपाल- 08 बजकर 48 मिनट
  • हैदराबाद- 08 बजकर 52 मिनट
  • चेन्नई- 08 बजकर 50 मिनट
  • नागपुर- 08 बजकर 44 मिनट

चंद्रमा को अर्घ्य देने की विधि

चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए दूध, गंगाजल, कलश, तिल आदि चीज़ों की जरूरत होती है. इसके बाद भगवान गणेश का स्मरण करके चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है. 

चांद निकलने के बाद चांदी के कलश में दूध, गंगाजल मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें. इस दौरान ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम: मंत्र का जाप करें, इससे मन पर नियंत्रण करने की शक्ति मिलेगी और चंद्र दोष दूर होगा.

चंद्रमा के दर्शन न हो तो क्या करें? 

  • चंद्रमा अगर दिखाई न दे, तो शुभ मुहूर्त में पूजा की जा सकती है. इसके लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर चावल से चांद की आकृति बनाएं. 
  • अगर चांद नहीं दिखाई दे, तो भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान चंद्रमा के दर्शन कर सकते हैं. उसके बाद भगवान शिव की प्रार्थना करें और अपना व्रत खोल लें. 
  • अगर किसी क्षेत्र में चंद्रमा के दर्शन हो रहे हैं, तो उस क्षेत्र की फोटो मंगवाकर आप चंद्रमा के दर्शन कर सकते हैं.
  • वहीं चंद्रमा न दिखाई देने कि स्थिती में आप घर के बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर भी व्रत खोल सकते हैं.