RIP Pele: कोलन कैंसर से जूझ रहे थे 'फुटबॉल के जादूगर', एक्सपर्ट से जानें क्यों होता है ये कैंसर, क्या हैं इसके लक्षण और कारण?
'फुटबॉल के जादूगर' कहलाने वाले पेले कोलन कैंसर से जूझ रहे थे और पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती थे. आइए आपको बताते हैं कि आखिर क्या होता है कोलन कैंसर, कैसे होता है, इसकी पहचान और बचाव कैसे करें.
ब्राजील के महान फुटबॉल खिलाड़ी पेले ने 82 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. पेले का असली नाम एडसन एरंटेस डो नासिमेंटो (Edson Arantes do Nascimento) था. गुरुवार को 82 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया. गुरुवार को उनकी बेटी केली नासिमेंटो ने सोशल मीडिया के जरिए महान फुटबॉलर के निधन की सूचना दी. ब्राजील के ऑल टाइम टॉप स्कोरर पेले (Pele) ने देश को 3 फीफा वर्ल्ड कप जिताए हैं. उन्हें आज भी इस मामले में टॉप पर रखा जाता है. 'फुटबॉल के जादूगर' कहलाने वाले पेले कोलन कैंसर (Colon Cancer) से जूझ रहे थे और पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती थे. आइए आपको बताते हैं कि आखिर क्या होता है कोलन कैंसर और इसके लक्षण क्या होते हैं.
पहले समझिए क्या है कोलन कैंसर
जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल के स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट (BMT) और PHOD मेडिकल ऑकोलॉजी, डॉ. संदीप जसूजा बताते हैं कि बड़ी आंत, कोलन से शुरू होती है, जो लगभग 5 फीट लंबा होता है और मलाशय (Rectum) और गुदा (मलद्वार) में समाप्त होती है. कोलन कैंसर की शुरुआत बड़ी आंत की दीवार के सबसे भीतरी परत में होती है, फिर ये आसपास के लिंफ नोड्स में और फिर पूरे शरीर में फैलता है. ज्यादातर ये कैंसर छोटे पॉलिप्स से शुरू होता है और बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता जाता है.
क्या है कोलन कैंसर का कारण
डॉ. संदीप जसूजा बताते हैं कि कोलन कैंसर का सबसे बड़ा कारण रेड मीट और अल्कोहल को माना जाता है. यानी जो लोग इन चीजों का अधिक सेवन करते हैं, उनमें कोलन कैंसर का रिस्क सबसे ज्यादा होता है. अमेरिका में और भारत के पंजाब में कोलन कैंसर मोस्ट कॉमन कैंसर की लिस्ट में शामिल है.
इन लक्षणों से करें पहचान
डॉ. संदीप बताते हैं कि कोलन कैंसर दो तरह के होते हैं. लेफ्ट साइड कोलन कैंसर और राइट साइड कोलन कैंसर. दोनों तरह के कैंसर में अलग-अलग तरह के लक्षण सामने आते हैं. लेफ्ट साइड के कोलन कैंसर में कब्ज, पेट फूलना और स्टूल में फ्रेश ब्लीडिंग जैसे लक्षण सामने आते हैं. वहीं राइट साइड के कोलन कैंसर में पेट में दर्द, पेट फूलना, कब्ज और कभी-कभी स्टूल में ओकल्ट ब्लड आ सकता है.
क्या है इसका इलाज
कोलन कैंसर का इलाज इसकी स्टेज के हिसाब से किया जाता है. अगर शुरुआत में ही इस कैंसर का पता चल जाए तो सर्जरी से ही काम हो जाता है. आगे की स्टेज में जरूरत के हिसाब से सर्जरी के अलावा कीमोथैरेपी, रेडियोथैरेपी, इम्यूनोथैरेपी और टारगेट थैरेपी आदि के जरिए उपचार किया जाता है.
बचाव के तरीके
चूंकि कोलन कैंसर बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता है, ऐसे में बचाव के लिए जरूरी है कि 50 साल की उम्र के बाद हर 5 साल के अंतराल पर स्क्रीनिंग करानी चाहिए. स्क्रीनिंग के दौरान कोलोनोस्कोपी, सीटी कॉलोनोग्राफी, सिग्मायोडोस्कोपी और मल परीक्षण वगैरह किया जाता है. जिनकी फैमिली हिस्ट्री रही हो, उनको खासतौर पर इसका खयाल रखना चाहिए. इसके अलावा रेड मीट के अधिक सेवन से बचें. अल्कोहल से परहेज करें. हेल्दी चीजें डाइट में शामिल करें और नियमित रूप से एक्सरसाइज जरूर करें.
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