Ratan Tata: हारे हुए इंसान में भी हिम्मत भर देते हैं रतन टाटा के ये विचार, जीवन में हमेशा आएंगे काम
Ratan Tata Death: दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का देर रात निधन हो गया है. 86 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. रतन टाटा एक सफल उद्योगपति ही नहीं थे, बल्कि लोगों के आदर्श भी थे. यहां जानिए उनके ऐसे विचार जो हारे हुए लोगों में भी हिम्मत भरने का काम करते हैं.
Ratan Tata Death: दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का देर रात निधन हो गया है. 86 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. भारतीय इतिहास में जब भी सफल उद्योगपतियों का जिक्र होगा, रतन टाटा का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा. रतन टाटा एक सफल उद्योगपति ही नहीं थे, बल्कि लोगों के आदर्श भी थे. अरबों की संपत्ति के मालिक रतन टाटा वो हमेशा जमीन से जुड़कर रहे. बात चाहे इंसानों की जरूरत की हो, किसी संस्था में दान की या फिर जानवरों की सुरक्षा की, वे किसी मामले में कभी पीछे नहीं रहे. अपने प्रेरक विचारों से भी वो हमेशा लोगों में नई ऊर्जा का संचार करते रहते थे. उनकी कही ऐसी तमाम प्रेरणादायी बातें हैं, जो न सिर्फ व्यक्ति को जीवन के सच से वाकिफ कराती हैं, बल्कि हर परिस्थिति में साहस के साथ डटे रहने और आगे बढ़ने का हौसला भी देती हैं. आइए आपको बताते हैं ऐसी ही कुछ बातों के बारे में-
रतन टाटा ने दिए हैं सफलता के ये मंत्र
- कॉलेज की पढ़ाई के बाद 5 आंकड़े वाली सैलरी की मत सोचना, एक रात में कोई प्रेसिडेंट नहीं बनता. इसके लिए अथक मेहनत करनी पड़ती है.
- अच्छी पढ़ाई करने वाले और कड़ी मेहनत करने वाले अपने दोस्तों को कभी मत चिढ़ाओ. एक समय ऐसा आएगा जब तुम्हें उसके नीचे भी काम करना पड़ सकता है.
- ऐसी कई चीजें हैं, जो अगर मुझे दोबारा जीने का मौका मिले तो शायद मैं अलग ढंग से करूंगा. लेकिन मैं पीछे मुड़कर यह नहीं देखना चाहूंगा कि मैं क्या नहीं कर पाया.
- जीवन में आगे बढ़ने के लिए उतार-चढ़ाव बहुत महत्वपूर्ण है. क्योंकि ईसीजी में एक सीधी रेखा का मतलब है कि हम जीवित नहीं है.
- हम लोग इंसान हैं कोई कम्प्यूटर नहीं, इसलिए जीवन का मजा लीजिये, इसे हमेशा गंभीर मत बनाइये.
- तुम्हारी गलती सिर्फ तुम्हारी है, तुम्हारी असफलता सिर्फ तुम्हारी है, किसी को इसका दोष मत दो. अपनी इस गलती से सीखो और जीवन में आगे बढ़ो.
- वो व्यक्ति जो दूसरों की नकल करता है, वो थोड़े समय के लिए तो आगे बढ़ सकता है लेकिन जीवन में बहुत आगे नहीं बढ़ सकता.
- लोहे को उसकी जंग के अलावा कोई और नहीं मिटा सकता. ठीक उसी तरह से इंसान को उसकी सोच के अलावा कोई और नहीं मिटा सकता.
- सांत्वना पुरस्कार केवल स्कूल में ही देखने को मिलता है. कुछ स्कूलों में तो पास होने तक परीक्षा दे सकते हैं. लेकिन बाहर की दुनिया का नियम अलग हैं, वहां हारने वाले को दूसरा मौका नहीं मिलता.
- हर व्यक्ति में कुछ विशेष गुण एवं प्रतिभाएं होती हैं, इसलिए व्यक्ति को सफलता पाने के लिए अपने गुणों की पहचान करनी चाहिए.