Ramadan Month 2023: रमजान इस्‍लामिक कैलेंडर का नौंवा महीना है. रमजान के बाद ईद का त्‍योहार मनाया जाता है. रमजान के महीने में इस्‍लाम धर्म को मानने वाले मुस्लिम लोग रोज़ा रखकर अल्‍लाह की इबादत करते हैं. ये पूरा महीना इबादत का महीना कहलाता है. इस महीने को इस्‍लाम में बहुत पाक माना गया है. ये महीना शुरू हो चुका है. आज 24 मार्च को पहला रोज़ा रखा जाएगा. यहां जानिए रमजान के महीने से जुड़ी खास बातें और सेहरी व इफ्तार का सही समय. 

समय पर करना होता है सेहरी और इफ्तार

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इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, रमजान के महीने में रोज़ेदारों को सही समय पर सेहरी और इफ्तार करना होता है. दरअसल रोज़ा के दौरान सूरज उगने से पहले खाना खाया जाता है. इसे सेहरी कहा जाता है. शाम में समय मगरिब की नमाज से ठीक पहले इफ्तार यानी रोज़ा खोलने का समय होता है. खजूर खाकर रोज़ा खोला जाता है. इसे इफ्तार कहा जाता है. इफ्तार के समय फल, दूध से लेकर अन्न की बनी चीजें भी खाई जाती हैं. सुबह सेहरी करने के बाद पूरे दिन कुछ भी खाना-पीना वर्जित होता है. हालांकि छोटे बच्चे, बीमार लोग, गर्भवती महिला और वृद्ध लोगों को रमजान में रोजा रखने की छूट दी गई है.

आपके शहर में सेहरी-इफ्तार का समय

मुंबई- सेहरी (सुबह-05:33) - इफ्तार (06:49)

पुणे- सेहरी (सुबह-05:29) – इफ्तार (06:48)

दिल्ली- सेहरी (सुबह-05:11) – इफ्तार (06:32)

चेन्नाई- सेहरी (सुबह-05:05) – इफ्तार (06:20)

हैदराबाद- सेहरी (सुबह-05:11) – इफ्तार (06:29)

बेंगलुरू- सेहरी (सुबह-05:16) – इफ्तार (06:34)

अहमदाबाद- सेहरी (सुबह-05:33) – इफ्तार (06:50)

जयपुर- सेहरी (सुबह-05:18) – इफ्तार (06:39)

कोलकाता- सेहरी (सुबह-04:30) – इफ्तार (05:47)

लखनऊ- सेहरी (सुबह-04:57) – इफ्तार (06:17)

कानपुर- सेहरी (सुबह-05:00) – इफ्तार (06:20)

इंदौर- सेहरी (सुबह-05:20) – इफ्तार (06:40)

पटना- सेहरी (सुबह-04:41) – इफ्तार (06:00)

चंडीगढ़- सेहरी (सुबह-05:11) – इफ्तार (06:35)

तीन अशरों में बांटा गया है माह-ए-रमजान

रमजान के दौरान 29 या 30 दिनों के रोजे रखे जाते हैं. इन्‍हें तीन अशरों में बांटा गया गया है. शुरुआती 10 दिन पहला अशरा कहलाते हैं, 11वें दिन से 20वें दिन तक दूसरा अशरा और 21वें दिन से 29वें या 30वें दिन तक तीसरा अशरा होता है. पहले 10 दिन का रोज़ा रहमत, दूसरे 10 दिन का रोज़ा बरकत और आखिर 10 दिन का रोज़ा मगफिरत कहलाता है. रमजान के बाद ईद (Eid) का त्योहार मनाया जाता है. 

पांच वक्‍त की नमाज़ जरूरी

रमजान के महीने में हर मुसलमान के लिए पांच वक्‍त की नमाज़ पढ़ना जरूरी माना जाता है. सबसे पहले सुबह की नमाज़ पढ़ी जाती है, जिसे फज्र कहा जाता है, इसके बाद दोपहर की नमाज़ जिसे ज़ुहर (दुहर) कहा जाता है, फिर शाम से पहले की नमाज़ जिसे असर कहा जाता है, इसके बाद शाम के वक्त की  नमाज़ जिसे मगरिब कहा जाता है और इसके बाद रात की नमाज़ जिसे इशा कहते हैं.

 

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