17th Indian Cooperative Congress: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सहकारी कांग्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारा देश विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर काम कर रहा है. हाल में ही एक बहुत बड़ी योजना 'PM-प्रणाम' को स्वीकृति दी गई है. इसका लक्ष्य ये है कि ज्यादा से ज्यादा किसान कैमिकल मुक्त खेती अपनाएं इसके तहत ऑर्गेनिक खाद्य उत्पादन पर बल दिया जाएगा. इससे मिट्टी भी सुरक्षित होगी और किसानों की लागत भी कम होगी. इसमें सहकारिता से जुड़े संगठनों का योगदान बहुत अहम है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

किसानों को जल्द मिलेगा उचित दाम पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक मिशन, पाम ऑयल शुरू किया है. उसी प्रकार से तिलहन की फसलों को बढ़ावा देने के लिए बड़ी मात्रा में फैसले लिए जा रहे हैं. देश की सहकारिता संस्थाएं इस मिशन की बागडोर थाम लेगी तो आप देखिएगा कितनी जल्दी हम खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएंगे.किसानों को उनकी फसल की उचित कीमत मिले इसको लेकर हमारी सरकार शुरू से गंभीर रही है. पिछले 9 साल में MSP को बढ़ाकर, MSP पर खरीद कर 15 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा किसानों को दिए गए हैं.

सहकारिता विभाग  की सराहना की अमृत काल में देश के गांव और किसान के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए अब देश के सहकारिता विभाग की भूमिका बहुत बढ़ने वाली है. सरकार और सहकार मिलकर विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को डबल मजबूती देंगे. 2014 से पहले के 5 वर्षों के कुल कृषि बजट को मिला दे तो वो 90 हजार करोड़ रुपए से कम था. इसका मतलब तब देश भर के कृषि व्यवस्था पर जितना खर्च हुआ उसका लगभग 3 गुणा हम सिर्फ एक योजना 'PM किसान सम्मान निधि' पर खर्च कर चुके हैं.

करोड़ों छोटे किसानों को मिल रहा लाभ 2014 से पहले किसान कहते थे कि उन्हें सरकार की मदद बहुत कम मिलती है और जो थोड़ी मदद मिलती थी वो बिचौलियों के जेब में जाती थी. सरकारी योजनाओं के लाभ से देश के छोटे मझोले किसान वंचित ही रहते थे. पिछले 9 वर्षों में ये स्थिति बिल्कुल बदल गई है. आज करोड़ों छोटे किसानों को PM किसान सम्मान निधि मिल रही है. सरकार ने सहकारी बैंक को भी मजबूती दी सहकारी समितियों की ताकत बढ़ाने के लिए उनके लिए टैक्स की दरों को भी कम किया गया है. सहकारिता क्षेत्र से जुड़े जो मुद्दे वर्षों से लंबित थे, उन्हें तेज गति से सुलझाया जा रहा है. हमारी सरकार ने सहकारी बैंक को भी मजबूती दी है. सहकारी बैंक के लिए नियमों को आसान बनाया गया है. देश विकसित आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर कर रहा काम जब विकसित भारत के लिए बड़े लक्ष्यों की बात आई तो हमने सहकारिता को एक बड़ी ताकत देने का फैसला किया. हमने पहली बार सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाया और अलग बजट का प्रावधान किया. आज सहकारिता को वैसी ही सुविधाएं और वैसा ही मंच उपलब्ध कराया जा रहा है जैसा कॉर्पोरेट को मिलता है. आज हमारा देश विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर काम कर रहा है. मैंने लाल किले से कहा है कि हमारे हर लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी का प्रयास आवश्यक है और सहकार की भावना भी तो सभी के प्रयास का ही संदेश देती है