साउथ अफ्रीका और ग्रीस की आधिकारिक यात्रा पूरी करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी बेंगलुरु पहुंच गए हैं. यहां उन्‍होंने इसरो के वैज्ञानिकों से मुलाकात की और उन्‍हें चांद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए एक बार फिर से बधाई दी. इस बीच पीएम ने कहा कि मैंने तय किया था कि भारत पहुंचने के बाद पहले बेंगलुरु जाऊंगा. बता दें कि जिस समय चंद्रयान-3 की भारत में लैंडिंग हुई थी, उस समय पीएम नरेंद्र मोदी साउथ अफ्रीका में 15वें ब्रिक्‍स सम्‍मेलन में शामिल होने गए थे और वो वहीं से वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे.

जानिए पीएम ने क्‍या कहा

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वैज्ञानिकों से मुलाकात करने के बाद पीएम ने कहा कि मैं आज एक अलग ही खुशी महसूस कर रहा हूं. शायद ऐसी खुशी जब तन-मन खुशियों से भर गया हो. व्‍यक्ति के जीवन में कई बार ऐसी घटना घटती है कि उस पर बेसब्री हावी हो जाती है. इस बार मेरे साथ भी यही हुआ. मैं साउथ अफ्रीका में था, ब्रिक्‍स का कार्यक्रम था तो वहां चला गया, लेकिन मेरा मन पूरी तरह से आपके साथ ही लगा हुआ था. मेरी आंखों के सामने 23 अगस्‍त का वो दिन एक-एक सेकंड बार-बार घूम रहा है. पीएम ने कहा कि मैं अपने असाधारण लोगों के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं. चंद्रयान-3 की सफलता से भारत को गौरवान्वित करने वाले वैज्ञानिक! उनका समर्पण और जुनून वास्तव में अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारे देश की उपलब्धियों के पीछे प्रेरक शक्ति है. पीएम ने कहा कि विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ वर्षों में, भारत का अंतरिक्ष उद्योग 8 बिलियन डॉलर से 16 बिलियन डॉलर का हो जाएगा.

पीएम ने की ये घोषणाएं

 

पीएम ने घोषणा की कि जिस स्थान पर चंद्रयान-3 का मून लैंडर उतरा, उस स्थान को 'शिवशक्ति' के नाम से जाना जाएगा. 23 अगस्त को भारत ने चंद्रमा पर झंडा फहराया. अब से, उस दिन को भारत में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में जाना जाएगा. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चंद्रमा की सतह पर वह स्थान जहां चंद्रयान -2 ने अपने पद चिन्‍ह छोड़े हैं, उसे 'तिरंगा' के नाम से जाना जाएगा. यह भारत द्वारा किए गए हर प्रयास के लिए एक प्रेरणा होगी. यह हमें याद दिलाएगा कि कोई भी विफलता अंतिम नहीं होती है.

इसरो प्रमुख को गले लगाकर पीठ थपथपाई

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसरो कमांड सेंटर में वैज्ञानिकों ने पूरा चंद्रयान मॉडल दिखाया. उन्हें चंद्रयान-3 मिशन के निष्कर्षों और प्रगति के बारे में जानकारी भी दी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो प्रमुख को गले लगाकर पीठ थपथपाई. उसके बाद इसरो प्रमुख ने प्रधानमंत्री को चंद्रयान-3 की प्रोसेस के बारे में बताया. प्रधानमंत्री ने सारी चीजों को समझा. इसरो पहुंचने से पहले कर्नाटक में प्रधानमंत्री मोदी ने बेंगलुरु में एचएएल हवाईअड्डे के बाहर इकट्ठे हुए लोगों का अभिवादन किया. इस बीच उन्‍होंने इसरो के वैज्ञानिकों की उपलब्धियों का जिक्र किया और 'जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान' का नारा दिया. 

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