International Yoga Day 2023: UN में कब योग करेंगे पीएम मोदी? आप भी कर रहे हैं इंतजार तो जान लें टाइमिंग
International Yoga Day 2023 Live Update: पीएम नरेंद्र मोदी पहली बार संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में योग सत्र का नेतृत्व करेंगे. इस मौके पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई में 180 देश के प्रतिनिधि योग करेंगे.
PM Narendra Modi Yoga Timing on International Yoga Day 2023: आज का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक बनने जा रहा है. आज देश अपना 9वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है. इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी भी अमेरिका की यात्रा पर हैं. पीएम नरेंद्र मोदी पहली बार संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में योग सत्र का नेतृत्व करेंगे. इस मौके पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई में 180 देश के प्रतिनिधि योग करेंगे.
लोग देश को गौरवांवित करने वाले इस क्षण का इंतजार कर रहे हैं. चूंकि भारत और अमेरिका के समय में अंतर है, ऐसे में तमाम लोगों को ये समझ नहीं आ रहा है कि आखिर पीएम नरेंद्र मोदी किस समय पर योग करेंगे. आप भी इस बात को लेकर कन्फ्यूज हैं, तो यहां जान लीजिए समय.
पीएम मोदी ने खुद बताया समय
एक वीडियो संदेश के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने गर्व के साथ लोगों को आज के दिन की शुभकामनाएं दीं और कहा कि योग के विस्तार का अर्थ 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना का विस्तार है. आज योग एक वैश्विक भावना बन गया है. उन्होंने कहा भले मैं आपके बीच योग नहीं कर पा रहा हूं, लेकिन योग करने के कार्यक्रम से भाग नहीं रहा हूं. आज शाम को भारतीय समय के अनुसार शाम 5:30 बजे के करीब संयुक्त राष्ट्र (UN) के मुख्यालय में जो विशाल मात्रा में योग कार्यक्रम हो रहा है मैं उसमें शामिल होऊंगा. इस कार्यक्रम में भारत के आह्वान पर दुनिया के 180 से ज्यादा देशों का एक साथ आना ऐतिहासिक और अभूतपूर्व है.
योग से जुड़ रहे पृथ्वी के दो ध्रुव
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए पीएम मोदी ने कहा, सेना के जवानों ने भी हमारे जल स्रोतों के साथ एक योग भारतमाला और योग सागरमाला बनाई है. इसी तरह आर्कटिक से लेकर अंटार्कटिका तक भारत के दो रिसर्च बेस यानी पृथ्वी के दो ध्रुव भी योग से जुड़ रहे हैं. योग के इस अनूठे सेलिब्रेशन में देश-दुनिया के करोड़ों लोगों का इतने सहज स्वरूप में शामिल होना योग के प्रसार और प्रसिद्धि को उसके महात्म्य को उजागर करता है.
योग के विस्तार का अर्थ
हमारे ऋषियों ने योग को परिभाषित करते हुए कहा है 'युज्यते एतद् इति योगः' इसका मतलब है कि जो जोड़ता है वो योग है. इसलिए योग का ये प्रसार उस विचार का विस्तार है जो पूरे संसार को एक परिवार के रूप में समाहित करता है. योग के विस्तार का अर्थ है 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना का विस्तार. इसलिए इस वर्ष भारत की अध्यक्षता में हो रहे G20 समिट की थीम भी वन अर्थ-वन फैमिली-वन फ्यूचर रखी गई है. आज पूरी दुनिया में करोड़ों लोग 'Yoga for Vasudhaiva Kutumbakam' की थीम पर एक साथ योग कर रहे हैं.
योग से हमें स्वास्थ्य, आयुष और बल मिलता है
पीएम ने कहा, हमारे योग के संबंध में ग्रंथों में कहा गया है व्यायामात् लभते स्वास्थ्यम्, दीर्घ आयुष्यम् बलम् सुखम्! अर्थात योग से, व्यायाम से हमें स्वास्थ्य, आयुष और बल मिलता है. हममें से कितने ही लोग जो बीते वर्षों में योग से नियमित जुड़े हैं उन्होंने योग की ऊर्जा को महसूस किया है. व्यक्तिगत स्तर पर हमारे लिए बेहतर स्वास्थ्य कितना महत्वपूर्ण होता है ये हम सब जानते हैं. हमने ये भी देखा है कि जब हम स्वास्थ्य संकटों से सुरक्षित होते हैं तो हमारा परिवार कितनी ही परेशानियों से बच जाता है. योग एक ऐसे स्वस्थ और सामर्थ्यशाली समाज का निर्माण करता है जिसकी सामूहिक ऊर्जा कई गुना ज्यादा हो जाती है.
योग हर संभावना को प्रबल से प्रबलतम करता है
पीएम मोदी ने कहा, बीते वर्षों में स्वच्छ भारत जैसे संकल्पों से लेकर स्टार्टअप इंडिया जैसे अभियानों तक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण से लेकर सांस्कृतिक भारत के पुनर्निमाण तक देश और देश के युवाओं में जो असाधारण गति देखी है, उसमें इस ऊर्जा का बहुत बड़ा योगदान है. आज देश का मन बदला है और इसलिए जनजीवन भी बदला है. भारत की संस्कृति हो या समाज संरचना हो, भारत का अध्यात्म हो या हमारे आदर्श हो, भारत का दर्शन हो या दृष्टि हो हमने हमेशा जोड़ने, अपनाने और अंगीकार करने वाली परम्पराओं को पोषित किया है. हमने नए विचारों का स्वागत किया है, उन्हें संरक्षण दिया है. हमने विविधताओं को समृद्ध किया है, उन्हें सेलिब्रेट किया है. ऐसी हर संभावना को योग प्रबल से प्रबलतम करता है.
योग हमारी अंत:दृष्टि को विस्तार देता है
पीएम ने कहा, योग हमारी अंत:दृष्टि को विस्तार देता है. योग हमें उस चेतना से जोड़ता है जो हमें जीव मात्र की एकता का एहसास कराती है जो हमें प्राणी मात्र से प्रेम का आधार देती है. इसलिए हमें योग के जरिए हमारे अंतरविरोधो को खत्म करना है. हमें योग के जरिए हमारे गतिरोधों और प्रतिरोधों को भी खत्म करके रहना है. हमें एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को विश्व के सामने एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करना है.
योग के लिए कहा गया है 'योगः कर्मसु कौशलम्'. यानी कर्म में कुशलता ही योग है. आजादी के अमृतकाल में ये मंत्र हम सभी के लिए बहुत अहम है. जब हम अपने कर्तव्यों के लिए समर्पित हो जाते हैं तो हम योग की सिद्धि तक पहुंच जाते हैं. योग के जरिए हम निष्काम कर्म को जानते हैं. हम कर्म से कर्मयोग तक की यात्रा तय करते हैं. पीएम ने कहा, मुझे विश्वास है कि योग से हम अपने स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाएंगे और इन संकल्पों को भी आत्मसात करेंगे. हमारा शारीरिक सामर्थ्य, हमारा मानसिक विस्तार, हमारी चेतनाशक्ति, हमारी सामूहिक ऊर्जा विकसित भारत का आधार बनेंगे.
(Input- PBNS)