Parliament Special Session: 18 सितंबर से शुरू हो रहा है संसद का विशेष सत्र, अगले पांच दिनों तक इन आठ बिलों पर होगी चर्चा
Parliament Special Session: संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से 22 सितंबर 2023 तक चलेगा. इससे पहले इस विशेष सत्र में किन बिलों में चर्चा की जाएगी, इसकी लिस्ट सामने आई है.
संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर 2023 से शुरू होगा. ये 22 सितंबर 2023 तक चलेगा. लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य मंगलवार को समूह में तस्वीर खिंचवाने के लिए एकत्र होंगे और फिर वे संसद की समृद्ध धरोहर की याद में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे तथा 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लेंगे. वहीं, संसद के विशेष सत्र को लेकर कई कयास लगाए जा रहे थे. अब इस संसद सत्र में किन बिलों पर चर्चा की जाएगी इसकी डिटेल्स सामने आई है.
Parliament Special Session: आठ बिलों पर की जाएगी चर्चा
संसद के विशेष सत्र में अगले पांच दिनों तक कुल आठ बिलों पर चर्चा की जाएगी. ये बिल हैं- वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े एक विधेयक तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आदेश से संबंधित तीन विधेयकों को एजेंडे में जोड़ा गया है. इसके अलावा प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल्स बिल 2003, अधिवक्त (संशोधन) बिल 2003 शामिल है. इसके अलावा पहले सूचीबद्ध किए गए विधेयकों में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति संबंधी विधेयक भी शामिल था.
Parliament Special Session: मानसून सत्र में पेश हुआ था बिल
सत्र के लिए सूचीबद्ध एजेंडे में सरकार ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के प्रावधानों वाले विधेयक को भी सत्र में चर्चा एवं पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया है. यह विधेयक गत मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया गया था. लोकसभा के लिए अन्य सूचीबद्ध कार्यों में अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2023, प्रेस और पत्र-पत्रिका पंजीकरण विधेयक 2023 शामिल हैं, जो तीन अगस्त 2023 को राज्यसभा में पहले ही पारित हो चुका है.
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डाकघर विधेयक 2023 को भी लोकसभा की कार्यवाही में सूचीबद्ध किया गया है. यह विधेयक 10 अगस्त 2023 को राज्यसभा में पेश किया गया था.सरकार को संसद में कुछ नये कानून या अन्य विषय पेश करने का विशेषाधिकार प्राप्त है, जो जरूरी नहीं है कि सूचीबद्ध एजेंडे का हिस्सा हो. किसी संभावित नये कानून पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसी निर्वाचित विधायिकाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने वाले विधेयक के बारे में चर्चा जोरों पर है.