भारत की इकलौती नदी जो उल्टी दिशा में बहती है, देखा शायद आपने भी हो, लेकिन ये रोचक बातें पता नहीं होंगी
गंगा-यमुना की तरह पवित्र मानी जाने वाली नर्मदा नदी मध्य प्रदेश और गुजरात की खास नदी है. ये भारत की एकमात्र नदी है जो उल्टी दिशा में बहती है. जानिए नदी से जुड़ी दिलचस्प बातें.
उज्जैन में महाकाल के दर्शन करने के लिए अगर आप कभी गए हैं, तो आपने वहां नर्मदा नदी को बहते हुए देखा होगा. ओमकारेश्वर के दर्शन के दौरान भी नर्मदा के दर्शन होते हैं. नर्मदा नदी भारत के दो बड़े राज्यों गुजरात और मध्य प्रदेश की खास नदी है और गंगा-यमुना की तरह इसे भी काफी पूज्यनीय माना जाता है और मोक्षदायिनी कहा गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नर्मदा नदी एक ऐसी नदी है जो उल्टी दिशा में बहती है? आइए आपको बताते हैं नर्मदा नदी से जुड़ी दिलचस्प बातें.
भारत की 7 प्रमुख नदियों में से एक
देश की ज्यादातर नदियां पश्चिम से पूर्व की ओर बहते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं, वहीं नर्मदा नदी अपनी धारा के विपरीत पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है और अरब सागर में जा कर गिरती है. नर्मदा नदी को भारत की 7 प्रमुख नदियों में से एक माना जाता है. नर्मदा नदी मैखल पर्वत के अमरकंटक शिखर से निकलती है. नर्मदा का उद्गम यहां एक कुंड से और सोनभद्रा के पर्वत शिखर से है. अमरकंटक मध्यप्रदेश के शहडोल जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील में है.
उल्टे बहने का वैज्ञानिक कारण
अगर वैज्ञानिक कारणों पर नजर डालें तो नर्मदा नदी के उल्टा बहने का कारण है रिफ्ट वैली. रिफ्ट वैली का मतलब है कि नदी की ढलान विपरीत दिशा में है. जिस तरफ नदी की ढलान होती है, उसी दिशा में नदी का प्रवाह होता है. इसी ढलान के कारण नर्मदा नदी का प्रवाह पूर्व से पश्चिम की ओर रहता है.
ये है उल्टे बहाव का धार्मिक कारण
इस नदी के उल्टे बहने के पीछे एक धार्मिक मान्यता भी है. पौराणिक कथा के अनुसार नर्मदा और शोण भद्र की शादी होने जा रही थी, लेकिन विवाह से कुछ देर पहले नर्मदा को पता चला की भद्र की दिलचस्पी उसकी दासी जुहिला ज्यादा है. नर्मदा को ये अपमान लगा और मंडप छोड़कर उल्टी दिशा में चली गईं और उन्होंने कुंवारी रहने का फैसला किया. उसके बाद शोण भद्र ने उन्हें रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो नहीं रुकीं. इसलिए नर्मदा को आज भी कुंवारी नदी कहा जाता है.
मध्य प्रदेश और गुजरात की जीवनरेखा
नर्मदा नदी को मध्य प्रदेश और गुजरात की जीवनरेखा कहा जाता है. अपने उद्गम स्थल से निकलने के बाद ये लंबा रास्ता तय करती है. नर्मदा नदी पश्चिम की ओर 1,312 किमी चलकर खंबात की खाड़ी अरब सागर में मिलती है. इससे पहले 1312 लंबे रास्ते में नर्मदा नदी मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र की जगहों से 95,726 वर्ग किमी का पानी लेकर जाती है.
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