G20 के कल्चर कॉरिडोर में देश-विदेश से आए मेहमान देखेंगे ऋग्वेद की सबसे पुरानी पांडुलिपि
दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को होने जा रहे G20 शिखर सम्मेलन को बेहद खास बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी में G20 के कल्चर कॉरिडोर में ऋग्वेद की सबसे पुरानी पांडुलिपि रखने के लिए मंगवाई गई है, ताकि देश-विदेश से आए मेहमान इसे देख और समझ सकें.
दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को होने जा रहे G20 शिखर सम्मेलन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. इस मौके पर तमाम देशों के राष्ट्र प्रमुख भारत आएंगे. ऐसे में उनके स्वागत के साथ देश की संस्कृति से वाकिफ कराने के इंतजाम किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में G20 के कल्चर कॉरिडोर में ऋग्वेद की सबसे पुरानी पांडुलिपि रखने के लिए मंगवाई गई है, ताकि देश-विदेश से आए मेहमान इसे देख और समझ सकें. साल 2007 में UNESCO ने ऋग्वेद को वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल किया था. बता दें कि ऋग्वेद को दुनिया की पहली पुस्तक और पहला धर्मग्रंथ माना जाता है.
क्या है ऋग्वेद में
ऋग्वेद के बारे में कहा जाता है कि ये खुद ईश्वर ने ऋषियों को सुनाया था. इसमें कुल 1028 सूक्तियां हैं, जो वेद मंत्रों का समूह हैं. ज्यादातर सूक्तियां देवताओं की स्तुति से जुड़ी हैं. हालांकि कुछ में मानव जीवन के दूसरे पहलुओं पर भी बात की गई है. इसमें करीब 125 औषधियों का जिक्र है, जो शरीर और मन की स्थिति को बेहतर बनाए रखने में मददगार हैं. ऋग्वेद की सबसे पुरानी प्रति भोजपत्र पर लिखी हुई है, जिसे पुणे के भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट में रखा गया. इनमें से एक पांडुलिपि शारदा स्क्रिप्ट में लिखी हुई है, जबकि बाकी 29 मेनुस्क्रिप्ट देवनागरी में हैं.
कुल 4 हैं वेद
1- ऋग्वेद को सबसे पहला वेद माना जाता है जो पद्यात्मक है. इसमें इंद्र, अग्नि, रुद्र,वरुण, मरुत, सवित्रु ,सूर्य और दो अश्विनी देवताओं की स्तुति है. इसकी कई शाखाएं भी हैं.
2- यजुर्वेद दूसरा वेद है जिसमें अग्नि के जरिए देवताओं को दी जाने वाली आहुति के बारे में बताया गया. यज्ञ की विधियों और मंत्रों के अलावा यहां तत्वज्ञान भी मिलता है.
3- सामवेद में संगीत पर खासा जोर दिया गया. साम का मतलब है गीत-संगीत. इसे सामगान भी कहते हैं.
4- अथर्ववेद में स वेद में आयुर्वेद, रहस्यमयी विद्याओं का जिक्र है. यहां बीमारियों के इलाज से लेकर धन प्राप्ति के तरीके भी बताए गए हैं.
क्या है G20 शिखर सम्मेलन
G-20 को ग्रुप ऑफ ट्वेंटी कहा जाता है, इस समूह के 19 देश सदस्य हैं, ग्रुप का 20वां सदस्य यूरोपीय संघ है. जी-20 समिट का आयोजन साल में एक बार होता है, हालांकि 2008 से शुरुआत के बाद 2009 और 2010 साल में जी-20 समिट का आयोजन दो-दो बार किया गया था. इस सम्मेलन में ग्रुप के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष को बुलाया जाता है और कुछ अन्य देशों को भी अतिथि के तौर पर बुलाया जाता है. इसके बाद सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष बैठकर कई मुद्दों पर चर्चा करते हैं. भारत की अध्यक्षता में इस साल जी-20 सम्मेलन दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित होने जा रहा है.
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