New Year 2024: आपका जीवन आज जैसा भी है, वो आपकी आदतों की बदौलत है. आपकी आदतें सेहत से लेकर जीवन के तमाम पड़ावों को प्रभावित करती हैं. यही वजह है कि नए साल के आगाज के साथ लोग बुरी आदतों को गुडबाय कहने और नए साल पर नई आदतों को अपनाने की बात कहते हैं. इसके लिए न्‍यू ईयर रेजोल्‍यूशंस (New Year Resolution 2024) लिए जाते हैं. लेकिन कुछ रेजोल्‍यूशन ऐसे हैं, जो अक्‍सर लोग नए साल के मौके पर लेते हैं, लेकिन ये एक साल तो क्‍या एक-दो दिन भी नहीं चल पाते हैं. अक्‍सर इन वादों को साल के पहले-दूसरे दिन ही टूटते हुए देखा जाता है. जबकि अगर लोग इन्‍हें वास्‍तव में अपना लें, तो अपने जीवन को काफी बदल सकते हैं. यहां जानिए ऐसे 5 कॉमन रेजोल्‍यूशन के बारे में-

अब से रोज सुबह जल्‍दी उठेंगे

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नव वर्ष के मौके पर सबसे कॉमन रेजोल्‍यूशंस में से एक है कि 1 जनवरी से अब रोज सुबह जल्‍दी सोकर उठा करेंगे. लेकिन अक्‍सर ये संकल्‍प पहले दिन ही टल जाता है. 31 जनवरी को पार्टी के बाद का हैंगओवर और कड़ाके की ठंड में रजाई की गर्माहट, 1 की सुबह जल्‍दी उठने नहीं देती. फिर तय होता है कि इसे कल से पक्‍का निभाएंगे, लेकिन सर्दी के मौसम में ये सिलसिला बस कल पर टिक कर रह जाता है. इसे अमल में लाने की शुरुआत नहीं होती. अगर हो भी गई तो दो से तीन दिनों में सारा जोश फुर्र हो जाता है. 

सोशल मीडिया का इस्‍तेमाल कम करेंगे

आजकल सोशल मीडिया की लत तमाम लोगों को है. लोग आसपास मौजूद लोगों से ज्‍यादा इंस्‍टा, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म्‍स पर बिजी रहते हैं. ऐसे में कई बार जब अहसास होता है तो इस संकल्‍प को भी नए साल के रेजोल्‍यूशंस में शामिल कर लिया जाता है कि 1 जनवरी से सोशल मीडिया से दूरी बना लेंगे. लेकिन सुबह आंख खुलने के साथ ही मैसेज पढ़ने और भेजने, सोशल मीडिया पर फोटो और वीडियो को अपलोड करने और उन पर आए कमेंट्स को देखने के लिए बेचैनी होने लगती है और रेजोल्‍यूशन अगले दिन ही टूट जाता है. वास्‍तव में सोशल मीडिया का इस्‍तेमाल जरूरत के लिए किया जाना चाहिए, लेकिन इसकी लत आपके जीवन बहुमूल्‍य समय को बर्बाद करती है और इसका आपके पूरे जीवन पर असर पड़ता है.

नशा नहीं करेंगे

जिन लोगों को शराब, सिगरेट या किसी अन्‍य तरह का नशा करने की लत है, वे अक्‍सर इसे नए साल से छोड़ने  के लिए संकल्‍प लेते हैं. अगर आप भी ऐसा करने जा रहे हैं तो एक बार अच्‍छी तरह विचार कर लें. ज्‍यादातर लोग ये सोचते तो हैं, लेकिन पूरा कर नहीं पाते. कभी न्‍यू ईयर सेलिब्रेशन के बहाने तो कभी दोस्‍तों की गेट टुगेदर के बहाने सिर्फआज ले लेते हैं, ये सोचकर रेजोल्‍यूशन तोड़ते हैं और फिर पूरे साल खुद से किए इस वादे को पूरा नहीं कर पाते.

जिम शुरू करेंगे, फिटनेस पर ध्‍यान देंगे

आजकल बाहरी खानपान, ओवरईटिंग और फिजिकल एक्टिविटी न के बराबर होने के कारण वजन बढ़ने की तमाम समस्‍याएं लोगों में देखने को मिलती हैं. ज्‍यादा वजन बीमारियों का घर होता है. तमाम लोग नए साल पर ये संकल्‍प लेते हैं कि नए साल पर एक्‍सरसाइज, जिम या मॉर्निंग वॉक शुरू करेंगे. बाहरी खानपान कम करेंगे और ओवर ईटिंग नहीं करेंगे. लेकिन फिटनेस का ये संकल्‍प बहुत कम लोग ही पूरा कर पाते हैं. तमाम लोग तो इसकी शुरुआत ही नहीं कर पाते और कुछ शुरुआत कर भी दें तो बढ़ती सर्दी और सुबह के आलस के साथ ये रेजोल्‍यूशन कुछ ही दिनों में खत्‍म हो जाता है.  

पढ़ाई रोज करेंगे

अक्‍सर स्‍टूडेंट्स जो लापरवाह होते हैं, वो ये रेजोल्‍यूशन लेते हैं कि नियमित रूप से पूरे साल पढ़ाई करेंगे. लेकिन खुद के साथ किए इस वादे को बहुत कम लोग निभा पाते हैं. जबकि अगर इस वादे को पूरी तन्‍मयता के साथ निभा लिया जाए तो स्‍टूडेंट्स का भविष्‍य काफी बेहतर हो सकता है.