28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन होने जा रहा है. इसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. इस मौके पर सरकार 75 रुपए का एक सिक्‍का भी जारी करने जा रही है. ये सिक्‍का चांदी, तांबा, निकल और जस्‍ता जैसी धा‍तुओं से बना होगा. इस सिक्‍के को कोलकाता की टकसाल में बनाया गया है. इसका वजन 35 ग्राम और व्‍यास 44 मिलीमीटर होगा. आइए आपको बताते हैं इस सिक्‍के की खासियत.

जानिए कैसा होगा ये सिक्‍का

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वित्त मंत्रालय ने जो नोटिस जारी किया है, उसके मुताबिक इस सिक्के में 50 प्रतिशत चांदी, 40 प्रतिशत तांबा, 5 प्रतिशत निकल और 5 प्रतिशत जिंक का इस्‍तेमाल किया गया है. इसके किनारों पर 200 कंगूरे बनाए गए हैं. सिक्‍के के आगे के हिस्‍से में अशोक स्‍तंभ का सिंह बना होगा और बीच में सत्‍यमेव जयते लिखा होगा. अशोक स्तंभ के नीचे मूल्यवर्ग 75 रुपए लिखा होगा. इसके अलावा दाएं व बाएं हिन्दी और अंग्रेजी में भारत और इंडिया लिखा होगा. इसके अलावा देवनागरी भाषा में संसद भवन लिखा होगा और नीचे संसद भवन की तस्‍वीर होगी.

नए संसद भवन की खासियत

  • पुरानी संसद की बात करें तो इसका आकार गोल है, जबकि नए संसद भवन को तिकोने आकार में डिजाइन किया गया है. 
  • अभी लोकसभा में 590 और राज्‍यसभा में 280 लोगों की सिटिंग कैपेसिटी है. जबकि नए संसद भवन की बात करें तो लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है. 
  • वहीं नई राज्‍यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्‍यादा लोगों के बैठने की क्षमता है. दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकते हैं. 
  • नए संसद भवन में अहम कामकाज के लिए अलग ऑफिस बनाए गए हैं, जो हाईटेक सुविधाओं से लैस है. 
  • कैफे, डाइनिंग एरिया, कमेटी मीटिंग के तमाम कमरों में भी हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं. कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और VIP लाउंज की भी व्यवस्था की गई है.

संविधान हॉल है बहुत खास

नई संसद की सबसे बड़ी विशेषता संविधान हॉल है. ये भवन के बीचोंबीच बना हुआ है. इसके ऊपर अशोकस्‍तंभ लगा है. कहा जा रहा है कि इस हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी. साथ ही महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, देश के प्रधानमंत्रियों की बड़ी तस्वीरें भी लगाई गई हैं. बता दें नई संसद केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है. इसका निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था. इसे बनाने का टेंडर टाटा प्रोजेक्ट को साल 2020 के सितंबर में दिया गया था. नए संसद भवन के आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं. साल 2019 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा जा चुका है.