National Dengue Day 2024: डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से शरीर में फैलता है. ये मच्छर सिर्फ डेंगू वायरस का करियर यानी वाहक होता है. मच्‍छर के काटने के 3 से 10 दिनों के अंदर इसके लक्षण सामने आने लगते हैं. देश में हर साल डेंगू की समस्‍या से लाखों लोगों की जान चली जाती है. इस बीमारी को लेकर लोगों को जागरुक करने के मकसद से हर साल भारत में 16 मई को राष्‍ट्रीय डेंगू दिवस (National Dengue Day) मनाया जाता है. आज राष्‍ट्रीय डेंगू दिवस के मौके पर आइए आपको बताते हैं इस बीमारी से जुड़ी खास और जरूरी बातें.

कब और कहां मिला था पहला मामला

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ये सवाल शायद आपके भी मन में कभी न कभी आया होगा कि आखिर डेंगू का पहला मामला कब और कहां मिला था. कहा जाता है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद डेंगू तेजी से फैलना शुरू हुआ था. युद्ध के चलते पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा और कई तरह के फैलना शुरू हो गए थे. उसी समय में लोगों में पहली बार रक्तस्रावी डेंगू बुखार देखा गया. डेंगू का सबसे पहला हैमरेजिक डेंगू बुखार का मामला 1953 में फिलीपींस में रिपोर्ट किया गया. 1970 के आते-आते हैमरेजिक डेंगू बुखार बच्चों में मृत्यु का प्रमुख कारण बन गया था. इसके बाद ये यह प्रशांत क्षेत्र और अमेरिका में भी लोगों को अपना शिकार बनाने लगा. वहीं डेंगू शॉक सिन्ड्रोम सबसे पहले मध्य और दक्षिण अमेरिका में 1981 में रिपोर्ट किया गया. इस तरह धीरे-धीरे डेंगू महामारी दुनियाभर के तमाम देशों में फैल गया.

तीन तरह का होता है डेंगू बुखार

  • साधारण डेंगू: ये बुखार आसानी से ठीक हो जाता है. बहुत ज्‍यादा लंबे इलाज की जरूरत नहीं होती.
  • हैमरेजिक डेंगू: ये बेहद खतरनाक स्थिति है. इसमें प्‍लेटलेट्स बहुत तेजी से गिरती है.
  • डेंगू शॉक सिंड्रोम: ये भी डेंगू की खतरनाक स्थिति है. इसमें भी मरीज को अस्‍पताल में भर्ती करने की सलाह दी जाती है.

किस मौसम में बढ़ते हैं इसके सबसे ज्‍यादा मामले

डेंगू रोग हर साल बारिश के मौसम में आता है क्‍योंकि इस बीच जगह-जगह पानी इकट्ठा होने के कारण मच्‍छर ज्‍यादा पनपते हैं. जुलाई से अक्टूबर में इसके मामले सबसे ज्यादा बढ़ते हैं. इसके बाद जब तापमान 24 डिग्री से नीचे जाता है तो डेंगू मच्छर का लार्वा पनप नहीं पाता और इसके केस कम होने लगते हैं.

क्‍या सिर्फ भारत में ही है डेंगू

सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, डेंगू संक्रमण दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में होने वाली एक आम समस्या है और लगभग 3 बिलियन लोग डेंगू से प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं. इनमें भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य भाग, चीन, अफ्रीका, ताइवान और मैक्सिको शामिल हैं. डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट बताती है कि हर साल दुनियाभर में 100-400 मिलियन को डेंगू का इंफेक्शन होता है.

डेंगू के लक्षण 

डेंगू के लक्षण हल्‍के और गंभीर दोनों हो सकते हैं. संक्रमित होने के बाद डेंगू के हल्के लक्षण चार से सात दिनों के अंदर नजर आने लगते हैं. जानिए लक्षण-

  • सिरदर्द
  • बुखार
  • मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द
  • उल्टी
  • जी मिचलाना
  • आंखों में दर्द होना
  • त्वचा पर लाल चकत्ते होना
  • ग्लैंड्स में सूजन होना
  • डेंगू गंभीर होने पर लक्षण

डेंगू का मामला गंभीर होने पर Dengue Haemorrhagic Fever का खतरा बढ़ता है और शरीर में प्‍लेटलेट्स काउंट कम होने लगते हैं. ऐसे में ये लक्षण सामने आ सकते हैं-

  • तेज पेट दर्द
  • लगातार उल्टी होना
  • मसूड़ों या नाक से रक्तस्राव
  • मूत्र, मल या उल्टी में खून आना
  • त्वचा के नीचे रक्तस्राव होना, जो चोट जैसा नजर आ सकता है
  • सांस लेने में कठिनाई
  • थकान महसूस करना
  • चिड़चिड़ापन या बेचैनी

खुद से न करें इलाज

इस मामले में डॉ. रमाकान्‍त शर्मा का कहना है कि डेंगू अगर गंभीर हो जाए तो स्थिति जानलेवा हो जाती है, इसलिए इस मामले में कोई लापरवाही न करें और न ही खुद से कोई घरेलू इलाज के चक्‍कर में फंसें. अगर आपको कोई भी लक्षण नजर आता है तो फौरन विशेषज्ञ से परामर्श करें. इलाज कराएं और कोई भी उपाय उनकी सलाह से ही आजमाएं.

बचाव के लिए आजमाएं ये तरीके

  • घरों में कूलर आदि तमाम जगहों पर पानी जमा न होने दें. हफ्ते में कम से कम दो बार इसे बदलें.
  • पीने का पानी किसी बर्तन में जमा है तो उस बर्तन को हमेशा ढककर रखें.
  • फुल बाजू के कपड़े पहनें और बच्‍चों और बुजुर्गों को खासतौर पर पहनाएं.
  • सोते समय मच्छरदानी का या मॉस्किटो रेपलेंट्स का इस्तेमाल करें.
  • घर की खिड़की और दरवाजों को खुला न रखें. वेंटिलेशन के लिए उनमें जाली लगवाएं.