Mahashivratri 2024 Date Significance and Auspicious Time: वैसे तो शिवरात्रि हर महीने आती है, लेकिन फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शिवरात्रि को विशेष महत्‍व दिया गया है. इसे महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के नाम से जाना जाता है. मान्‍यता है कि इसी दिन शिवजी और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस साल 2024 में महाशिवरात्रि का पर्व 8 मार्च को है. ये महाशिवरात्रि कई मायनों में बेहद खास मानी जा रही है. आइए ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से जानते हैं महाशिवरात्रि 2024 से जुड़ी जरूरी जानकारी.

इस वजह से बेहद खास है महाशिवरात्रि

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ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि इस बार महाशिवरात्रि पर अद्भुत संयोग बन रहा है. इस साल प्रदोष और महाशिवरात्रि का पर्व एक ही दिन मनाया जाएगा. प्रदोष और महाशिवरात्रि दोनों का दिन महादेव को समर्पित होता है. प्रदोष का व्रत त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है, जबकि महाशिवरात्रि का व्रत फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है. 

पंचांग के अनुसार 8 मार्च शुक्रवार को दिनभर त्रयोदशी तिथि रहेगी और रात 09 बजकर 57 मिनट से चतुर्दशी तिथि शुरू होगी जोकि अगले दिन 09 मार्च को संध्याकाल 06 बजकर 17 मिनट तक रहेगी. प्रदोष व्रत उदयातिथि के हिसाब से रखा जाता है जबकि महाशिवरात्रि व्रत में रात्रि का विशेष महत्‍व होता है. इस कारण से शुक्र प्रदोष और महाशिवरात्रि व्रत एक ही दिन यानी 8 मार्च को रखे जाएंगे.

महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग

इस साल महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, जो इस त्‍योहार को और भी विशेष बना रहा है. मान्‍यता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग में मन से किया गया कोई भी काम फलदायी होता है. ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र की मानें तो 8 मार्च को सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06:40 से सुबह 10:40 बजे तक रहेगा. इसके अलावा शिवयोग पूरे दिन रहेगा. 

रात्रि पूजा के 4 शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि को जागरण की रात्रि कहा जाता है. इस दिन रात में जागने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्‍व है. वैज्ञानिक रूप से देखें तो महाशिवरात्रि की रात में ब्रह्माण्ड में ग्रह और नक्षत्रों की ऐसी स्थिति बनती है जिससे शरीर के भीतर की ऊर्जा प्राकृतिक रूप से ऊपर ब्रह्मांड की ओर जाने लगती है. इक्विनोस यानी इस समय ग्रह का सेंट्रल फ्यूगल फोर्स एक खास तरह से काम करता है और ये बल ऊपर की ओर गति करता है. 

ऐसे में व्‍यक्ति को महाशिवरात्रि की रात को रीढ़ सीधी रखकर बैठने की सलाह दी जाती है. वहीं तमाम भक्‍त महाशिवरात्रि पर रात में विशेष पूजन करते हैं. अगर आप भी महाशिवरात्रि पर विशेष पूजन करना चाहते हैं, तो जान लीजिए रात्रि पूजन के चार प्रहर में पूजा का समय-

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - शाम 06 बजकर 25 मिनट से रात 09 बजकर 28 मिनट तक

रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - रात 09 बजकर 28 मिनट से 9 मार्च को रात 12 बजकर 31 मिनट तक

रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - रात 12 बजकर 31 मिनट से प्रातः 03 बजकर 34 मिनट तक

रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - प्रात: 03.34 से प्रात: 06:37 तक

महाशिवरात्रि पर शिव का पूजन

महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती का विशेष पूजन किया जाता है. इस दिन शिवलिंग को पंचामृत से स्‍नान कराना चाहिए. गंगाजल, चंदन, बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, आक का फूल, कनेर का फूल, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र, दक्षिणा, धूप-दी आदि अर्पित करें. इसके बाद शिव चा‍लीसा, रुद्राष्‍टकम और मंत्र वगैरह का जाप करें और विधिवत आरती करें.