Maha Shivratri 2023: सभी देवताओं में भगवान शिव एक ऐसे देवता है जो अपने भक्तों की पूजा पाठ से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते है. इसलिए इन्हें भोलेनाथ कहा जाता है और यही कारण था की असुर भी वरदान प्राप्त करने के लिए भगवान शिव की तपस्या किया करते थे और उनसे मनचाहा वरदान प्राप्त कर लेते थे. इस महा शिवरात्रि (Maha Shivratri 2023) जानिए मेष से लेकर मीन राशि तक के जातकों को शिव पूजन के दौरान ऐसा क्या करना चाहिए, जिससे उन पर शिव की कृपा बनी रहे. ऐसे घरेलू और आसान से उपाय बता रहे है श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान के अध्यक्ष प्रसिद्ध (ज्योतिषाचार्य ) गुरूदेव पंडित ह्रदय रंजन शर्मा.

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मेष

इस राशि का स्वामी मंगल है और मंगल का पूजन शिवलिंग रूप में ही किया जाता है. इस राशि के लोग शिवलिंग पर कच्चा दूध एवं दही अर्पित करें. साथ ही, भोलेनाथ को धतुरा भी अर्पित करें. कर्पूर जलाकर भगवान की आरती करें.

वृषभ

वृष राशि के लोग किसी भी शिव मंदिर जाएं और भगवान शिव को गन्ने के रस से स्नान करवाएं. इसके बाद मोगरे का ईत्र शिवलिंग पर अर्पित करें. अंत में भगवान को मिठाई का भोग लगाएं एवं आरती करें.

मिथुन

आप स्फटिक के शिवलिंग की पूजा करेंगे तो श्रेष्ठ रहेगा. यदि स्फटिक का शिवलिंग उपलब्ध न हो तो किसी अन्य शिवलिंग का पूजन किया जा सकता है. मिथुन राशि के लोग लाल गुलाल, कुमकुम, चंदन, ईत्र  आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें. आक के फूल अर्पित करें. मीठा भोग लगाकर आरती करें.

कर्क

इन लोगों को अष्टगंध एवं चंदन से शिवजी का अभिषेक करना चाहिए. बैर एवं आटे से बनी रोटी का भोग लगाकर शिवलिंग का पूजन करें. शिवलिंग पर प्रतिदिन कच्चा दूध अर्पित करें और साथ ही जल भी चढ़ाएं.

सिंह

इस राशि के लोगों को फलों के रस एवं पानी में शकर घोलकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए. साथ ही, शिवजी को आंकड़े के पुष्प अर्पित करें, मिठाई का भोग लगाएं. पुष्प के साथ ही बिल्व पत्र भी अर्पित करें.

कन्या

आप महादेव को बैर, धतुरा, भांग और आंकड़े के फूल अर्पित करें. साथ ही बिल्व पत्र पर रखकर नैवेद्य अर्पित करें. अंत में कर्पूर मिश्रित जल से अभिषेक कराएं. शिवजी के पूजन के बाद आधी परिक्रमा अवश्य करें. ऐसा करने पर बहुत ही जल्द शुभ फल प्राप्त होते हैं.

तुला

तुला राशि के लोग जल में तरह-तरह फूल डालकर उस जल से शिवजी का अभिषेक करें. इसके बाद बिल्व पत्र, मोगरा, गुलाब, चावल, चंदन आदि भोलेनाथ को अर्पित करें. अंत में आरती करें.

वृश्चिक

इन लोगों को शुद्ध जल से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए. शहद, घी से स्नान कराने पश्चात पुन: जल से स्नान कराएं एवं पूजन कर आरती करें.  लाल रंग के पुष्प अर्पित करें. पूजन के बाद मसूर की दाल का दान करें.

धनु

धनु राशि के लोग भात यानी चावल से शिवलिंग का श्रृंगार करें. पहले चावल को पका लें, इसके बाद पके हुए चावल को ठंडा करके शिवलिंग का श्रृंगार करें. सुखे मेवे का भोग लगाएं. बिल्व पत्र, गुलाब आदि अर्पित करके आरती करें.

मकर

आप गेंहू से शिवलिंग को ढंककर, विधिवत पूजन करें. पूजन-आरती पूर्ण होने के बाद गेंहू का दान जरूरतमंद लोगों को कर दें. इस उपाय से आपकी सभी समस्याएं समाप्त हो सकती हैं.

कुंभ

इन लोगों को यह उपाय करना चाहिए- सफेद-काले तिल को मिलाकर किसी ऐसे शिवलिंग पर चढाएं जो एकांत स्थान में स्थित हो. जल में तिल डालकर शिवलिंग को अच्छे से स्नान कराएं. इसके बाद काले-सफेद तिल अर्पित करें, पूजन के आद आरती करें.

मीन

इस राशि के लोगों को रात में पीपल के नीचे बैठकर शिवलिंग का पूजन करना चाहिए. इस समय ऊँ नम: शिवाय का पैंतीस (35) बार उच्चारण कर बिल्व पत्र चढ़ाएं तथा आरती करें. शिवलिंग पर चने की दाल चढ़ाएं और पूजन के बाद इसका दान करें.

किस राशि के जातक के लिए क्या मंत्र जरूरी

अगर आपको अपनी राशि मालूम हो तो राशियों के मुताबिक भोले बाबा को प्रसन्न करें.1माला जप नीचे दिए गए राशि मंत्रो के अनुसार करे.

  • मेष- ॐ मंगलाय नमः का जप करें एंव मीठे जल से अभिषेक करें.
  • वृष- ॐ तेजोनिधाय नमः का जप करें तथा दही से अभिषेक करें.
  • मिथुन- ॐ वागीशाय नमः का उच्चारण करें एंव बिल्प पत्र, भांग, धतूरा आदि चढ़ायें.
  • कर्क- ॐ सोमाय नमः का जप करें व दूध व मिश्री मिलाकर आभिषेक करें.
  • सिंह- ॐ बभ्रवे नमः मन्त्र का उच्चारण करके जल से अभिषेक करें.
  • कन्या- ॐ जीवाय नमः मन्त्र का जाप करें एंव कुशा व दूर्वा चढ़ायें.
  • तुला- ॐ भूमिपुत्राय नमः का उच्चारण करते हुये दूध से अभिषेक करें.
  • वृश्चिक- ॐ महीप्रियाय नमः का जप करते हुये गन्ने के रस से अभिषेक करें.
  • धनु-ॐ भुजाय नमः का उच्चारण करें तथा कनेर का फूल व धतूरा चढ़ायें.
  • मकर- ॐ गंगाधराय नमः मन्त्र का जप करते हुये बिल्पपत्र व शमी की पतियां चढ़ायें.
  • कुम्भ- ॐ नीलकमलाय नमः का जप करें तथा रूद्राष्टक का पाठ करें.
  • मीन- ॐ भास्कराय नमः मन्त्र का उच्चारण करते हुये दूध, दही, घी आदि से अभिषेक करें.