इस मच्छर के नाम के साथ क्यों जुड़ा है 'टाइगर', काटने पर इंसान हो सकता है गंभीर रूप से बीमार- जानें इसके बारे में
Asian Tiger Mosquito जिन्हें फॅारेस्ट मॅास्किटो के रूप में भी जाना जाता है. ये एक विदेशी प्रजाति हैं. ये अपने सिर और पीठ के सेंटर के नीचे एक वाइट स्ट्रिप के कारण टाइगर के नाम से जाने जाते हैं.
Asian Tiger Mosquito मूल रूप से साउथ ईस्ट एशिया में पाया जाता है. इसके कारण दिन के समय काटने वाला कीट ईस्टर्न इक्वाइन एन्सेफलाइटिस (EEE), जीका वायरस, वेस्ट नाइल वायरस, चिकनगुनिया और डेंगू बुखार जैसी हानिकारक बीमारियों हो सकती है. ये प्रजाति पिछली कुछ शताब्दियों में माल के इंटरनेशनल ट्रांसर्पोटेशन के कारण यूरोपीय देशों और संयुक्त राज्य अमेरिका तक फैल गई है. डेली स्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में एक 27 साल का इंसान इसकी वजह से कोमा में चला गया. एशियन टाइगर मच्छर के काटने के बाद उसे 30 सर्जरी से गुजरना पड़ा. इसके साथ ही उसके पैर की दो उंगलियां को भी काटना पड़ा. रिपोर्ट के अनुसार, मच्छर के काटने से एक घातक जीवाणु पैदा हुआ जो उसकी बाईं जांघ के लगभग आधे हिस्से को खा गया, और उस एरिया में बने फोड़े को हटाने के लिए उसको स्किन ट्रांसप्लांटेशन से गुजरना पड़ा. Asian Tiger Mosquito या एडीज अल्बोपिक्टस एक फॅारेस्ट प्रजाति है. मच्छर की ये नस्ल शहरी वातावरण के अनुकूल हो गई है. ये मच्छर दिन के समय काटता है. Asian Tiger Mosquito इंसान के साथ सारे मेमल्स को शिकार बनाता है. ये प्रजाति एडीज एजिप्टी के समान होता है. Asian Tiger Mosquito की वजह से 5 डेडली बीमारियां हो सकती हैं.
डेंगू
एडीज एजिप्टी के बाद एडीज अल्बोपिक्टस भारत के स्पेशली नॅार्थ-ईस्ट राज्यों और ग्रामीण इलाकों में डेंगू होने का कारण है. इसकी वजह से डेंगू के गंभीर रूप जैसे डेंगू शॉक सिंड्रोम, सदमा, रक्तस्राव, मेटाबॉलिक एसिडोसिस जैसे सिम्पटम हो सकते हैं. भारत में डेंगू से होने वाली मौतों में एडीज अल्बोपिक्टस का बड़ा रोल है.
चिकनगुनिया
चिकनगुनिया शरीर को कमजोर करने वाली, लेकिन नॅान-फेटल, वायरल बीमारी है. जो संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलती है. ये डेंगू के बुखार जैसा ही दिखता है. चिकनगुनिया वायरस खास तौर से एक संक्रमित मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है. ये एडीज एजिप्टी और एडीस अल्बोपिक्टस से फैलता है. इस बीमारी का कॅामन फीचर गंभीर जोड़ों के दर्द (गठिया) के साथ फीवर आना है. चिकनगुनिया अफ्रीका, भारत और साउथ ईस्ट एशिया में होता है. ज्यादातर लोग इंफ्लेमेंट्री दवाओं का यूज करके घर पर ठीक हो जाते हैं.
वेस्ट नाइल फीवर
वेस्ट नाइल फीवर को डब्ल्यूएनवी बीमारी के रूप में भी जाना जाता है. इस बीमारी में सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, दाने, गर्दन की जकड़न, उल्टी जैसे सिम्पटम्स दिखते हैं. वेस्ट नाइल एन्सेफलाइटिस मेंटल कंडीशन में चेंज, भ्रम, सुस्ती, दौरे, पैरास्थेसिया का कारण बनता है. जिस वजह से 9% न्यूरोइनवेसिव के मामले में मृत्यु हो जाती है.
ईस्टर्न इक्विन एन्सेफलाइटिस
Eastern Equine Encephalitis (ईईई) एक आर्थ्रोपोड जनित अल्फावायरस के कारण होता है. ये घोड़ों के लिए घातक होता है. हालांकि इंसानों में ये ज्यादा नहीं पाया जाता है. लेकिन इसके कारण मृत्यु दर और मॅारबिडिटी रेट हाई है. इसके शुरुआती लक्षणों में दस्त के साथ बुखार, सिरदर्द और पेट दर्द शामिल हैं. लेकिन साथ में ही इसके कारण भ्रम, उनींदापन, या यहां तक कि कोमा भी हो सकता है.
जीका वायरस
जीका वायरस के कारण आमतौर पर माइल्ड सेल्फ लिमिटेड बीमारी होती है. लेकिन जीका वायरस में सेक्शुअल ट्रांसमिशन की संभावना होती है. इसके साथ ही इससे पहली तिमाही के दौरान संक्रमित गर्भवती महिलाओं में जन्मजात मस्तिष्क संबंधी एबनॅार्मिलिटी होती है. एडीज एजिप्टी (मेजर) और एडीज अल्बोपिक्टस (माइनर) दोनों को जीका वायरस के स्प्रेड का कारण माना जाता है.