आज के दौर में कई लोग मोटापे की समस्या से परेशान हैं. हालांकि कई ऐसे लोग भी हैं जो मोटापे को कम तो करना चाहते हैं लेकिन एक्सरसाइज करना पसंद नहीं करते. ऐसे में वे अपनी सुविधानुसार सर्जरी का करवा लेते हैं, जिसे वेट लॉस सर्जरी कहा जाता है. भले ही ये सर्जरी दिखने में आकर्षक लगे, लेकिन आगे चलकर इस सर्जरी की वजह से ढेरों शारीरिक समस्याएं होती हैं. उनमें से सबसे तेजी से होने वाली बीमारी है दांतो की समस्या.

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ओरल हेल्थ में गिरावट

एक अध्ययन से पता चला है कि जिन लोगों ने सर्जरी से मोटापे का इलाज कराया है, उनमें सर्जरी से पहले की तुलना में दंत क्षय का खतरा अधिक होता है. स्वीडन में गोथेनबर्ग विश्वविद्यालय के रिसर्चर के नेतृत्व में की गई स्टडी से पता चलता है कि वजन घटाने की सर्जरी से भी ओरल हेल्थ (oral health)में सामान्य गिरावट आती है.

स्वीडन में गोथेनबर्ग विश्वविद्यालय के साहल्ग्रेन्स्का अकादमी में ओडोंटोलॉजी संस्थान में डॉक्टरेट छात्र नेगिन ताघाट ने कहा, कि जिन व्यक्तियों ने सर्जिकल मोटापे का इलाज कराया है, उन्हें भी विभिन्न प्रकार के ओरल सिम्टम्स का अनुभव हो सकता है और उनके मौखिक जीवन की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ सकता है. तघाट ने आगे कहा, कि हमने देखा कि लगभग आधे व्यक्तियों ने खराब ओरल हेल्थ का अनुभव किया. 

हाई BMI से भी caries risk

टीम ने 118 मोटे व्यक्तियों के एक समूह को फॉलो किया. उन्हें एक पैटर्न मिला जिसके तहत उच्च बॉडी मास इंडेक्स (BMI) बढ़ते पैमाने के अनुसार उच्च क्षरण जोखिम (caries risk) से जुड़ा हुआ है. उच्चतम BMI मूल्यों पर, क्षय और कम नियमित दंत चिकित्सा देखभाल का जोखिम दोगुना हो गया था.

सर्जरी से भारी नुकसान

जिन लोगों की सर्जरी हुई थी उनके दांतों के इनेमल की सतह पर औसतन 15.0 क्षय घाव से बढ़कर 19.1 हो गया था. हालाँकि, चिकित्सा उपचार प्राप्त करने वाले समूह के भीतर, तामचीनी घावों (enamel lesions) में कमी आई थी. एक अन्य उदाहरण डेंटाइन में गहरे क्षरण घावों से संबंधित है, घावों का औसत पूर्व उपचार प्रारंभिक मूल्य 4.3 है.

चबाने में परेशानी

उपचार के दो साल बाद, सर्जरी समूह में व्यक्तियों में औसतन 6.4 ऐसे घाव थे, जबकि चिकित्सा उपचार समूह में 4.9 थे. लक्षणों में अतिसंवेदनशील दांत और चबाने में कठिनाई शामिल हो सकते हैं. समग्र रूप से स्थिति सामाजिक असुविधा का कारण भी बन सकती है.

तघाट ने कहा, कि स्वास्थ्य पेशेवर और दंत पेशेवर अपने रोजमर्रा के काम में इन रोगी समूहों से मिलते हैं. कर्मचारियों के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि मौखिक स्वास्थ्य मोटापा और मोटापा उपचार दोनों से प्रभावित हो सकता है ताकि निवारक उपायों (preventive measures) की योजना बनाई जा सके.