शरीर में विटामिन D की कमी के लक्षणों की ऐसे होती है पहचान, जानें कैसे होगी पूर्ति
शरीर में विटामिन की कमी आपकी रोजमर्रा की जिंदगी में कई तरह की मुश्किलें पैदा कर सकती है. विटामिन D हमारे शरीर में कई तरह की जरूरी भूमिकाएं निभाता है. इसकी कमी से कमजोर हड्डियां, कमजोर दांत, बालों का सफेद हो जाना जैसे लक्षण नजर आते हैं.
आजकल तेजी से बदलती लाइफस्टाइल में लोगों के खान-पान और स्लीपिंग पैटर्न शरीर पर कई तरह का असर डाल रहा है. बिगड़ते खान-पान का एक नतीजा शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना भी है. शरीर में विटामिन की कमी आपकी रोजमर्रा की जिंदगी में कई तरह की मुश्किलें पैदा कर सकती है. विटामिन D हमारे शरीर में कई तरह की जरूरी भूमिकाएं निभाता है. इसकी कमी से कमजोर हड्डियां, कमजोर दांत, बालों का सफेद हो जाना जैसे लक्षण नजर आते हैं. शरीर में कैल्सियम की कमी विटामिन D पूरी करता है. विटामिन D बाकी विटामिन से काफी अलग होता है. शरीर में इसकी कमी मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालती है.
ये हैं विटामिन D की कमी के लक्षण
इस विटामिन की कमी से शरीर की हड्डियां बेहद कमजोर हो जाती हैं. कई बार जरा सी चोट से हड्डी टूटने की भी संभावना रहती है.
कई बार ज्यादा फैट वाले लोगों को भी इस विटामिन की कमी का सामना करना पड़ता है.
जो लोग प्राकृतिक सूरज की रोशनी में कम रहते हैं उनके शरीर में भी इस विटामिन की कमी होती है.
उम्र बढ़ने पर भी नैचुरली ये विटामिन शरीर में कम होता है.
विटामिन D की कमी से शरीर का इम्यून सिस्टम बेहद कमजोर हो जाता है. इसलिए सर्दी जुखाम की समस्या भी बढ़ती है.
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विटामिन D के नैचुरल सोर्स-
मशरूम – एक विटामिन-D रिच सोर्स होता है. इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन होता है. यह आपको आसानी से बाजार में मिल जाता है. आप चाहें तो इसकी सब्जी बना कर अपने मील्स में शामिल कर सकते हैं.
दही- दही में भी विटामिन डी और कैल्सियम पाया जाता है. इसके अलावा ये पाचन शक्ति को भी बेहतर बनाता है.
ओट्स – ओट्स में भी अच्छी मात्रा में विटामिन-D और खूब सारा फाइबर होता है.
मछली- अगर आप नॉन-वेज पसंद करते हैं वो अपने खाने में मछली को शामिल करना चाहिए. अन्य खाद्य समूहों के विपरीत, वसायुक्त मछली (सैल्मन, ट्राउट, सार्डिन, टूना और मैकेरल) वास्तव में आपके स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छी हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि मछली ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरी होती है. ये फैटी एसिड मस्तिष्क और आंखों की उचित देखभाल के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.