सिकल सेल एनीमिया बीमारी से निपटने के लिए US फूड एंड ड्रग प्रशासन ने सिकल सेल एनीमिया के उपचार के लिए 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के रोगियों को दो जीन थेरेपी की मंजूरी दे दी है. सेल-आधारित जीन थेरेपी, कैसगेवी (casegevy) को 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के रोगियों में सिकल रोग के उपचार के लिए अप्रूव किया गया है, जो बार बार होने वाले वासो-ओक्लूसिव (vaso occlusive) क्राइसेस से पीड़ित है. कैसगेवी CRSPR/Cas9, एक प्रकार की जीनोम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाली पहली FDA अप्रूव थेरेपी है. 

हीमोग्लोबिनA के समान 

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FDA ने एक बयान में कहा कि, लाइफजेनिया के साथ रोगी के ब्लड स्टेम कोशिकाओं को जेनेटिक रूप से HbAT87Q का उत्पादन करने के लिए मॉडिफाई किया जाता है, इस जीन थेरेपी हीमोग्लोबिन जो  हीमोग्लोबिनA के समान काम करता है. यह सामान्य वयस्क हीमोग्लोबिन है जो उत्पादित होता है वे व्यक्ति जो सिकल सेल रोग से प्रभावित नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि  HbAT87Q युक्त लाल रक्त कोशिकाओं में सिकलिंग और रक्त प्रवाह में रुकावट का जोखिम कम होता है, फिर इन मॉडिफाई स्टेम कोशिकाओं को रोगी तक पहुंचाया जाता है. 

FDA के सोंटर फॉर बाोलॉजिक्स इवैल्यूएशन एंड रिसर्च के डायरेक्टर पीटर मार्कस ने इन अप्रूवल को अक महत्वपूर्ण मेडिकल एडवांस बताया है. FDA ने वर्टेक्स फार्मास्यूटिक्ल्स इंक को कैसेगेवी की और ब्लूबर्ड बायो इंक को लाइफजेनिया की मंजूरी दी.  

क्या है सिकल रोग

सिकल सेल एनीमिया एक जेनेटिक रोग है. इसमें शरीर में मौजूद रेड ब्लड सेल्स की संरचना पर प्रभाव पड़ता है जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन का परिवहन करती है. सिकल सेल एनीमिया में कुछ रेड ब्लड सेल्स चंद्रमा के आकार की होती है. ये चिपचिपा और कठोर हो जाती है जो रक्त के प्रवाह को धीमा कर देती है, इस वजह से शरीर में खून की कमी होने लगती है. धीरे-धीरे सिकल सेल खत्म होने लगती है, जिससे रेड ब्लड सेल कम होने लगती है. इसका असर शरीर को मिलने वाली ऑक्सीजन पर पड़ता है सही इलाज न मिलने से व्यक्ति की मौत की आशंका भी बढ़ जाती है. सिकल सेल एनीमिया से शरीर में क्‍लॉटिंग का रिस्‍क बढ़ता है. इसके अलावा हाथ-पैर सुन्‍न होना, हाथ-पैर में ऐंठन और दर्द रहना, सिर में भारीपन, चक्‍कर और जी घबराना आदि लक्षण सामने आते हैं.