आज 25 अक्‍टूबर को साल का आखिरी सूर्य लगने जा रहा है. ये आंशिक सूर्य ग्रहण है, जिसे भारत में भी देखा जा सकेगा. भारत में आंशिक सूर्य ग्रहण की शुरुआत 04:22 मिनट पर होगी. इसका समापन शाम 06:32 मिनट पर होगा. लेकिन भारत में सूर्यास्‍त होने के कारण इसका मोक्ष नहीं देखा जा सकेगा.  भारत में लगने वाला ये सूर्य ग्रहण देश के तमाम हिस्‍सों में देखा जा सकेगा. आइए आपको बताते हैं कि देश की राजधानी दिल्‍ली में ये कितने बजे दिखेगा और इसे कैसे देख सकते हैं?

 

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दिल्‍ली और अन्‍य शहरों में सूर्य ग्रहण दिखने का समय

ये सूर्य ग्रहण सबसे पहले लुधियाना में देखा जा सकेगा. वहां ये 16:22 मिनट पर शुरू होगा और 17:45 तक रहेगा. इसका कुल समय 1 घंटा 23 मिनट रहेगा. देश की राजधानी दिल्‍ली में सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटा 13 मिनट की रहेगी. इसे शाम को 16:28 मिनट से लेकर 17:42 बजे के बीच देखा जा सकता है. इसके अलावा नोएडा में 16:29 से 17:30 बजे तक, आगरा में 16:33 मिनट से लेकर 17:40 बजे तक, लखनऊ में 16:36 से 17:29 बजे तक, कानपुर में 16:36 से 17:32 बजे तक, जयपुर में 16:31 से 17:50 बजे तक, विशाखापट्टनम में 17:01 से 17:29 बजे तक, इंदौर में 16:42 से 17:54 बजे तक, चंडीगढ़ में 16:23 से 17:41 बजे तक, अहमदाबाद में 16:38 से 18:06 बजे तक और सूरत में 16:43  से 18:07 बजे तक लगेगा. इसके अलावा भी कई अन्‍य शहरों में सूर्य ग्रहण देखा जा सकेगा. 

कैसे देख सकते हैं सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, इसे देखते समय आपको कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत होती है, वरना आपकी आंखों को नुकसान पहुंच सकता है. सूर्य ग्रहण को कभी सीधेतौर पर खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए, न ही इसे धूप के चश्मे से देखना चाहिए. आपको मोबाइल फोन से भी डायरेक्ट फोटो नहीं खींचनी चाहिए. सूर्य ग्रहण को देखने की सबसे सही तकनीक है ऐलुमिनी माइलर, काले पॉलिमर, 14 नं. शेड के झलाईदार कांच का उपयोग कर या टेलीस्कोप के माध्यम से श्वेत पट पर सूर्य की छाया का प्रक्षेपण कर इसे देखा जा सकता है.

तीन तरह का होता है सूर्य ग्रहण

आंशिक सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है और जब सूर्य का कुछ यानी आंशिक हिस्सा चंद्रमा से ढंक जाता है तो उसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं. इस बार का सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण है.

 

पूर्ण सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी तीनों एक सीध में आ जाते हैं और इसके कारण पृथ्वी के एक भाग पर पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है, तो इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है.

 

वलयाकार सूर्यग्रहण: जब ग्रहण के समय चंद्रमा सूर्य को इस प्रकार से ढंकता है, कि सूर्य का केवल मध्य भाग ही छाया क्षेत्र में आता है. ऐसे में सूर्य एक कंगन की तरह दिखाई देता है. इसे वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है.