Surya Grahan 2022: सूतक के साथ होगी दिवाली के अगले दिन की सुबह, सूतक काल के बीच भूलकर भी न करें ये काम
सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक लगने का नियम है. सूतक काल लगने के साथ कुछ नियमों का पालन जरूरी होता है. जानिए सूर्य ग्रहण और सूतक काल का समय.
Surya Grahan Sutak Time: सूर्य ग्रहण इस बार दिवाली (Diwali) के अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को लगने जा रहा है. ये ग्रहण भारत में दिखाई देने वाला साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा. इसे आंशिक रूप से भारत में देखा जा सकेगा. ये सूर्य ग्रहण 4 घंटे, 3 मिनट का होगा. सूर्य ग्रहण दोपहर में 02 बजकर 29 मिनट पर लगेगा और इसका समापन शाम 06 बजकर 32 मिनट पर होगा. भारत में इसकी शुरुआत शाम को 04 बजकर 22 मिनट से होगी. लेकिन भारत में इस ग्रहण का मोक्ष नहीं देखा जा सकेगा क्योंकि सूर्य ग्रहण समाप्त होने से पहले ही सूर्यास्त हो जाएगा.
इस मामले में पंडित देवी प्रसाद का कहना है कि सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक लगने का नियम है. चूंकि भारत में सूर्य ग्रहण की शुरुआत शाम 04:22 मिनट से होगी, ऐसे में सूतक के नियम सुबह 04:22 मिनट से लागू हो जाएंगे यानी दिवाली की अगली सुबह सूतक काल के साथ शुरू होगी. सूतक के दौरान कुछ नियमों का पालन करना जरूरी बताया गया है. यहां जानिए इन नियमों के बारे में.
इन नियमों का करें पालन
- पंडित देवी प्रसाद का कहना है कि सूतक काल में भोजन नहीं बनाया जाता और न ही खाया जाता है. इसे दूषित काल माना जाता है. हालांकि बीमार, वृद्ध और गर्भवती महिलाओं के लिए इस तरह के नियम लागू नहीं हैं.
- जो भोजन पहले से बना रखा है, उनमें सूतक काल शुरू होने से पहले ही तुलसी का पत्ता तोड़कर डाल दें. दूध और इससे बनी चीजों, पानी में भी तुलसी का पत्ता डालें. तुलसी के पत्ते के कारण दूषित वातावरण का का असर खाने की चीजों पर नहीं होता.
- सूतक लगने के साथ गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से खुद का खयाल रखें. सूतक काल से लेकर ग्रहण पूरा होने तक घर से न निकलें. अपने पेट के हिस्से पर गेरू लगाएं.
- सूतक काल से ग्रहण काल समाप्त होने तक गर्भवती स्त्रियां चाकू, कैंची आदि किसी भी नुकीली चीज का इस्तेमाल न करें. न ही सिलाई-कढ़ाई करें.
- ग्रहण को खुली आंखों से ग्रहण न देखें, यदि देखना ही है तो एक्सरे की मदद ले सकते हैं. इसके अलावा घर के मंदिर में भी पूजा पाठ न करें. मानसिक जाप कर सकते हैं. मानसिक जाप काफी फलदायी माना जाता है.
25 को नहीं होगी गोवर्धन पूजा
दिवाली के ठीक अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है. लेकिन सुबह से सूतक के नियम लागू होने के कारण पूजा पाठ नहीं किया जा सकता. शास्त्रों में सूतक के दौरान पूजा-पाठ से संबंधित कार्य करने की मनाही है. इस बीच मंदिर के कपाट बंद रहते हैं. इसलिए गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर बुधवार के दिन की जाएगी.