Smartphone Vision Syndrome:स्मार्टफोन आजकल लाइफ का हिस्सा बन चुका है , लोगों के हाथ में हर वक्त फोन होता है. कुछ लोग जरूरी काम के लिए फोन का इस्तेमाल कर रहे होते हैं तो कोई टाइमपास करने के लिए, कुछ लोगों को तो फोन यूज करने की ऐसी लत होती है कि वो रात-रात भर अंधेरे में भी फोन देखने से बाज नहीं आते. लेकिन क्या आप जानते हैं कि लगातार फोन का यूज करने से हमें स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम जैसी परेशानी हो सकती है जिससे हमारी आंखो की रोशनी तक जा सकती है. चलिए जान लेते हैं कैसे होता है ये विजन सिंड्रोम और इससे बचाव करने के क्या हैं तरीके. 

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क्या है स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम?

स्मार्टफोन का अधिक इस्तेमाल करने से स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम की समस्या हो सकती है, जब कोई व्यक्ति इस सिंड्रोम की चपेट में आ जाता है तो उसे फोन स्क्रीन के अलावा बाकी चीजों को देखने में दिक्कत आने लगती है यानी वो किसी दूसरे ऑब्जेक्ट्स पर फोकस नहीं हो पाता. इस बिमारी के चलते आंखो के सामने एकदम से अंधेरा या चमक दिखने लगती है साथ ही फ्लेटर्स यानी काली लाइन्स नजर आने लगती हैं. 

ये लक्षण दिखते ही हो जाएं सतर्क 

स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम होने पर आंख पर जोर,गर्दन और कंधे में दर्द,सिर दर्द,आंखो में सूखापन, गर्दन और कंधे में दर्द जैसी समस्या सामने आ सकती है. सबसे बड़ा असर आंखो को फोकस पर पड़ता है क्योंकि इसके बाद आंखे दूसरी चीजों पर बेहतर तरीके से फोकस नहीं कर पाती हैं. 

बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके

फोन का स्क्रीन टाइम कम करने की कोशिश करें, हो सके तो अगर ज्यादा जरुरी काम न हो तो फोन को साइड में ही रखा रहने दें. साथ ही फोन चलाते समय पोश्चर का बेहद ध्यान रखें. 

फोन स्क्रीन और आंखो के बीच सही दूरी बनाकर रखें साथ ही इस बात का ध्यान दें कि स्मार्टफोन पर टेक्स्ट का साइज बड़ा हो और न ज्यादा छोटा अगर टेक्स्ट साइज ठीक नहीं है तो आप सेटिंग्स में जाकर बदल लें. आंखो पर जोर न पड़े इसके लिए टेक्स्ट का साइज़ मीडियम रखें. 

डार्क मोड को हमेशा ऑन करके रखें क्योंकि डार्क मोड से आखों पर कम जोर पड़ता है. बता दें कि डार्क मोड में स्विच करने से गहरे रंग की बैकग्राउंड पर सफेद टेक्स्ट आने लगते हैं.

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