न्यूट्रास्युटिकल्स में विश्व गुरु बनेगा भारत? महामारी से लड़ने के लिए 64 करोड़ लोगों ने लिया था इसका सहारा
भारत सरकार की न्यूट्रा टास्क फोर्स के मुताबिक महामारी के दौरान करीब 64 करोड़ लोगों ने बीमारी से लड़ने के लिए न्यूट्रास्यूटिकल्स का सहारा लिया. जानिए क्या है ये नई तकनीक, जिस पर मोदी सरकार ने तय किया है 100 बिलियन डॉलर का लक्ष्य.
फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड बन चुका भारत अब न्यूट्रास्युटिकल्स के क्षेत्र में भी दुनिया का हब बनने को तैयार है. दुनिया जिस तरह से भारत की ओर संभावनाओं की नजर से देख रही है उससे ये लग रहा है कि हमारी औषधियां और उत्पाद दुनिया को 'इलनेस से वेलनेस' (Illness To Wellness) की तरफ ले जाने अहम भूमिका निभाएंगे. कोरोना के बाद से भारत में बदलाव का एक अहम दौर शुरू हुआ. इस बदलाव में सबसे रौशन कहानियों में से एक न्यूट्रास्युटिकल्स की रही है.
64 करोड़ लोगों ने न्यूट्रास्यूटिकल्स का लिया सहारा
भारत सरकार की न्यूट्रा टास्क फोर्स के मुताबिक महामारी के दौरान करीब 64 करोड़ लोगों ने बीमारी से लड़ने के लिए न्यूट्रास्यूटिकल्स का सहारा लिया. यहीं से भारतीय न्युट्रास्युटिकल्स कारोबार ने एक नए दौर में प्रवेश किया. आज पूरी दुनिया भारतीय उत्पादों की ओर देख रही है. मुंबई के ताज होटल में दो दिन चले न्यूट्रिफाई सी-सूइट समिट (Nutrify C-Suite Summit 2023) में भारत ने 40 देशों के 350 से ज्यादा वैश्विक प्रतिनिधियों के साथ भारत में निवेश और अवसरों की खोज के लिए वैश्विक समुदाय की मेजबानी की.
G-20 के साथ साथ न्यूट्रास्युटिकल्स में वैश्विक मेजबानी
भारत इस साल जी-20 का अध्यक्ष है और देश के अलग-अलग शहरों में अलग अलग बैठकों के माध्यम से दुनिया को नई दिशा दे रहा है. Nutrify C Suite SUMMIT 2023 में ब्राजील, मैक्सिको, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, स्विट्जरलैंड, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, सऊदी अरब, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड के उद्योग जगत के प्रमुखों ने भाग लिया. शिखर सम्मेलन में नीदरलैंड्स, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के दूतावास के राजनयिक भी मौजूद रहे.
मोदी सरकार ने तय किया है $100 बिलियन का लक्ष्य
भारत की तरफ से इंडस्ट्री के दिग्गजों के साथ साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की अगुवाई वाली न्यूट्रा टास्क फोर्स, आयुष मंत्रालय और ICMR से जुड़े प्रतिनिधियों ने भी शिरकत की. दुनिया के सबसे बड़े और तेजी से बढ़ते उपभोक्ता आधार वाले भारत में न्यूट्रास्यूटिकल उद्योग अगले एक दशक के भीतर मल्टिबिलियन बाजार बनने के लिए तैयार है. भारत सरकार ने इसके लिए 2030 तक भारत को 100 बिलियन डॉलर का न्यूट्रास्युटिकल मार्केट (Mission US$ 100Bn Nutraceuticals) बनाने का लक्ष्य तय किया है.
इजाद की है नई संभावनाएं
आहार और न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स, स्पोर्ट्स न्यूट्रिशन, फोर्टिफाइड फूड के साथ साथ पोषक पेय पदार्थों की बढ़ती डिमांड भारत के इस लक्ष्य का आधार हैं. भारत कच्चे माल को तैयार करने से लेकर दुनियाभर के मार्केट्स में उसकी आपूर्ति के लिए पूरी तरह सक्षम है. खासतौर से सप्लिमेंट्स उत्पादों और ओवर-द-काउंटर तैयार उत्पादों के विकास के लिए भारत में पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं. पूरी दुनिया में 'इलाज से बेहतर प्रिवेंटिव हेल्थ' की सोच ने भारत में इससे जुड़े उत्पादों के लिए नई संभावनाएं इजाद की हैं.
बड़े मार्केट के लिए AI का भी साथ
न्यूट्रस्युटिकल के क्षेत्र में कारोबार को बढ़ावा देने और उत्पादों की पहचान और व्यावसायीकरण के लिए न्यूट्रिफाई टुडे ने नया AI इंजन प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया. न्यूट्रीफाई जीनी नाम का AI बेस्ड प्लैटफॉर्म न्यूट्रास्युटिकल कारोबारियों को बाज़ार से जुड़ने में लगने वाले समय को कम करता है. न्युट्रिफाई टुडे के सीईओ अमित श्रीवास्तव के मुताबिक न्यूट्रीफाई जीनी न्यूट्रास्युटिकल्स का दायरा बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा.
कैसे काम करता है न्यूट्रीफाई जीनी
न्यूट्रीफाई जीनी नए प्रोडक्ट्स की डिजायनिंग,डेवलपमेंट से लेकर उसकी मार्केटिंग और सरकारी अप्रूवल तक,हर मोर्चे पर उद्यमियों की मदद करता है. मान लीजिए आप भी न्यूट्रास्युटिकल्स के क्षेत्र में कोई नया कारोबार शुरू करना चाह रहे हैं. न्यूट्रीफाई जीनी आपको नए उत्पादों की डिजायनिंग में मदद करेगा. यही नहीं नए प्रॉडक्ट्स के लिए जरूरी रेगुलेटरी अप्रूवल्स और क्लिनिकल ट्रायल्स से जुड़ी सारी जानकारी देगा. यही प्लेटफॉर्म आपको बैठे बैठे पूरी दुनिया के मार्केट से भी जोड़ देगा जहां आप अपना उत्पाद मार्केट कर सकते हैं.
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न्यूट्रीफाई सी स्वीट में आए दुनिया भर के कारोबारियों ने भारत में आयुष और उससे जुड़े उत्पादों की पहचान और मार्केटिंग के लिए भारत की खुलकर तारीफ की. साथ ही एथिकल और रिस्पॉन्सिबल न्यूट्रास्युटिकल्स के लिए इंडस्ट्री के भीतर सेल्फ रेगुलेशन की जरुरत पर भी जोर दिया.