मुंबई में खसरा फैलने की वजह पता लगाने जांच के लिए केंद्र सरकार ने 3 सदस्य टीम का गठन किया गया है. देश की आर्थिक राजधानी इन दोनों खसरे से पीड़ित है. खसरे के कई मामले सामने आ रहे हैं. केंद्रीय टीम के हेड नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के डिप्टी डायरेक्टर डॉ अनुभव श्रीवास्तव होंगे. खसरे के इन्फेक्शन को हल्के में नहीं लेना चाहिए. ये जानलेवा इन्फेक्शन है. ये रोग 1 सीरोटाइप वाले RNA वायरस के कारण होता है. इस बीमारी में मरीज का बुखार 105 डिग्री तक जा सकता है. नाक बहना, लाल आँखें, मुहं के भीतर सफेद रंग के धब्बे हो जाना इसके लक्षण हैं. आइये विस्तार में जानते हैं इस बीमारी के बारे में.

मीजल्स के लक्षण 

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ध्यान दें कि इस बीमारी के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के 10 से 14 दिनों के बाद दिखाई देना शुरू होते हैं. इसके कुछ लक्षण हैं-

- बुखार

- सूखी खांसी

- बहती नाक

- गला खराब होना

- आंखें मे सूजन

- गाल की अंदरूनी परत पर मुंह के अंदर छोटे सफेद धब्बे (कोप्लिक स्पॉट) 

एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है ये रोग

 

खसरा पीड़ित इंसान लगभग 8 दिनों तक दूसरे इंसान को संक्रमित कर सकता है. ये वायरस शरीर पर दाने उभरने के 4 दिन पहले से शुरू होता है और 4 दिनों तक मौजूद रह सकता है. ऐसे में पीड़ित व्यक्ति को अन्य लोगों से दूर रखा जाना जरूरी होता है. 

क्या हैं बचाव 

मीजल्स का बचाव सिर्फ और सिर्फ वैक्सीन है. टीकाकरण से ही 97% तक इस बीमारी से बचा जा सकता है.

संक्रमित व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को बीमार कर सकता है. ऐसे में बेहद सजग रहने की जरूरत होती है.

संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई चीजें जैसे चादर, तोलिया, साबुन कोई भी अन्य व्यक्ति यूज न करे.

अगर घर में किसी व्यक्ति को मीजल्स हुए हैं तो उसकी साफ सफाई का खास ख्याल रखा जाना चाहिए. 

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किन लोगों को खतरा 

1 से 5 साल की उम्र के बच्चों को 

एडल्ट 20 साल तक के लोग 

गर्भवती महिलाएं 

कम इम्युनिटी वाले लोग 

ल्यूकेमिया और HIV पीड़ित लोग 

इसलिए बच्चों को खसरे का टीकाकरण करवाना बेहद जरूरी है. इस टीक में चिकनपॉक्स वैक्सीन भी शामिल होती है.